वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षकों के द्वारा अपनी अपनी समस्या को लेकर आ रही परेशानियों का निराकरण करने की मांग की गई। वहीं लंबित समस्याओं का लंबे समय से निराकरण नही करने को लेकर आक्रोश भी व्यक्त किया जाता रहा है। जहां पर पहुंचे शिक्षकों के द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संकुल प्राचार्य पर लापरवाही करने का आरोप लगाया गया है। यह शिकायत प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित किये गये शिक्षा विभाग के लोक सेवकों की समस्या निवारण शिविर के माध्यम से की गई। यह शिविर १९ से २४ मई तक आयोजित की गई है,जिसमें लगातार विकासखंड अंतर्गत शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा अपनी समस्याओं के आवेदन दिए जा रहे हैं। जिनके अंदर लंबे समय से समस्या का समाधान नही होने के कारण आक्रोश व्याप्त है।
शिक्षकों की ये है समस्या
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संस्थान के द्वारा शिक्षा विभाग के लोक सेवकों को क्रमोन्नति वेतनमान, समयमान, वेतनमान वेतनवृद्धि का लाभ समय समय पर दिया जाता है। वहीं सेवा अभिलेखों का अद्यतनीकरण करने आगामी ३ वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों के वेतन निर्धारण का कोष एवं लेखा के द्वारा परीक्षण किया जाकर वसूली योग्य प्रकरणों में सेवा से पूर्व वसूली का निर्धारण कर पेंशनरी सेवकों को विभिन्न लाभ दिए जाते हैं। जिसमें लंबे समय से इनके प्रकरण लंबीत चल रहा है जिसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए यह शिविर आयोजित किया गया है जिसमें शिक्षकों को आ रही विभिन्न समस्याओं के समाधान के साथ ही अन्य लंबित अभ्यावेदनों का निराकरण करने के लिए लगाया गया है। जहां पर शिक्षकों के द्वारा लगातार अपनी शिकायत दी जा रही है। जिनके द्वारा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षों से हमारे द्वारा शिविर के माध्यम से या व्यक्तिगत तौर पर लगातार आवेदन दिए जा रहे हैं किंतु इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसका कारण है कि सेवा पुस्तिका का सही संधारण नहीं है, वेतनमान बड़ा कर दिया जाता है या घटकर दिया जा रहा है स्पष्ट निर्धारण नहीं है। क्रमोन्नति नहीं दिया जा रहा है एरियस बकाया पड़े हुए हैं, शिक्षकों के द्वारा लंबे समय से केवल गुहार लगाई जा रही है। हम चाहते हैं कि शासन के द्वारा शिविर आयोजित किया गया है जिसमें गंभीरता से अधिकारियों के द्वारा शिकायत का समाधान करना चाहिए।
लापरवाही विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य के द्वारा की है-जितेंद्र तिवारी
शिक्षक जितेंद्र तिवारी ने बताया कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सभी शिक्षक आए हुए हैं। क्योंकि वर्ष २००६ से २०१० तक वाले शिक्षकों को आज तक क्रमोन्नति का एरिया एवं कोरोना काल में वेतन वृद्धि जो १ वर्ष लेट लगी थी उसका एरियस एवं सातवें वेतनमान की राशि का एरियस नहीं मिल पाया है। ऐसी कई समस्या है जिससे अध्यापकों को कई समस्या हो रही है और हम सभी यहां आए हुए हैं। इस दौरान सभी शिक्षकों के द्वारा व्यक्तिगत अलग अलग आवेदन देकर समस्या का समाधान करने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत दी गई है। यदि इसके बाद भी कुछ नहीं होता है तो दूसरा विकल्प हमारे पास मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल १८१ पर शिकायत करने का बचता है जो किया जाएगा। हाल ही में देखा होगा जिला शिक्षा अधिकारी का ५ दिन का वेतन काटा गया जबकि जो भी आदेश मध्यप्रदेश शासन से निकलता है वह जिला शिक्षा अधिकारी से विकासखंड शिक्षा अधिकारी वहां से संकुल प्राचार्य और फि र लिपिक के पास आता है। फि र भी उस पर काम नहीं हो रहा है इसमें शुद्ध लापरवाही विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संकुल प्राचार्य की है।
शिक्षकों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे-राजकुमार ठाकरे
शिक्षक राजकुमार ठाकरे ने बताया कि अधिकांश शिक्षकों की समस्या है २०२४ में जो क्रमोन्नति लगी है उसे लगाया नहीं गया है और ना ही एरियस प्रदान किया गया है। इसके पहले बालाघाट जिला कलेक्टर के द्वारा शिविर लगाया गया था वहां मेरे द्वारा आवेदन किया गया था। क्योंकि नवंबर २०२४ में १ महीने के लिए मुझे क्रमोन्नति पर लगाकर वापस कर लिया गया था। परंतु उस आवेदन का भी कुछ नहीं हुआ और आज फि र हम यहां पर आए हुए हैं कि हमें क्रमोन्नति लगी नहीं है और ना ही उसका एरियस मिला है। जबकि यह शिविर लोक शिक्षण संचनालय के द्वारा लगाए जाते हैं और मेरे जैसे विकासखंड में ४०० से अधिक शिक्षक है। हम चाहते हैं कि यह जो शिविर लगाए जाते हैं उसमें जो भी समस्या लेकर शिक्षक आते हैं उस पर अमल किया जाए यदि अब समाधान नहीं हुआ तो हमें आंदोलन की तरफ अग्रसर होना पड़ेगा।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि कार्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी को निर्देशित कर दिया गया है कि शिक्षकों के द्वारा जो भी समस्या को लेकर शिकायत की जा रही है। उक्त संबंध में तत्काल कार्यवाही कर जो भी समस्या है उसके संबंध में दस्तावेज तैयार कर प्रस्तुत किया जाए ताकि समस्या का समाधान हो सके।