अभिभावकों की मांग- सिर्फ शिक्षण शुल्क लें, फीस न बढ़ाएं स्‍कूल

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इस कोरोना काल में शासन और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया है। इसे लेकर निजी स्कूल सालभर की पूरी फीस की मांग कर रहे हैं। इससे अभिभावक परेशान हो रहे हैं। निजी स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाएं 15 जून से शुरू कर दी गई है, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने ऑनलाइन कक्षा से ऐसे बच्चों को हटा दिया है, जिनके अभिभावकों द्वारा फीस जमा नहीं की गई। इस कारण बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। हालांकि इस सत्र में भी पहली से आठवीं तक के स्कूल खुलने की संभावनाएं कम हैं। वहीं राजधानी के निजी स्कूलों ने इस सत्र से फीस में 40 से 50 फीसद तक की वृद्धि कर दी है। अब अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव डाला जा रहा है। यह तब है, जबकि कोराना काल में अभिभावक आर्थिक तंगी से परेशान हैं।

पिछले सत्र में शासन ने सिर्फ शिक्षण शुल्क देने के आदेश दिए थे। वहीं इस सत्र में कोई स्पष्ट आदेश जारी ना होने से स्कूल प्रशासन शिक्षण शुल्क के साथ-साथ एनुअल चार्ज, नामांकन शुल्क, कंप्यूटर शुल्क और स्पोर्ट्स शुल्क तक वसूल रहे हैं। राजधानी के सागर पब्लिक स्कूल, डीपीएस, सेंट पॉल हासे स्कूल सहित अन्य स्कूलों ने फीस में बढ़ोतरी कर दी है।

पालक महासंघ ने मुख्यमंत्री से की मांग

पालक महासंघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर निजी स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि नहीं करने और सिर्फ शिक्षण शुल्क लिए जाने की मांग की है। पालक महासंघ ने लिखा है कि इस साल भी शासन स्‍कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने के आदेश जारी करे। अभी भी आठवीं कक्षा तक स्कूल खुलने की संभावना कम है। अगर खुलेंगे भी तो सभी सुविधाओं के साथ स्कूल संचालित होना संभव नहीं है, इसलिए शासन इस सत्र के लिए भी फीस से संबंधित आदेश जारी करे। फीसवृद्धि पर रोक के लिए फीस कमेटी बन गई है, लेकिन इसके नियम लागू किए जाएं।

हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में मांगा जबाव

हाल ही में सागर पब्लिक स्कूल द्वारा विद्यार्थियों की अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूली के मामले में उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव, लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी व सीबीएसई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। पिछले साल लॉकडाउन में शासन स्तर पर लॉकडाउन अवधि में सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने के आदेश हुए थे। इसके बावजूद सागर पब्लिक स्कूल की ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में फीस वसूली की शिकायत मिली थी। इस मामले को लेकर माय पैरेंट्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रबोध पंड्या का कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस कम नहीं की गई। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों के पास शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसे लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई। जिसे लेकर हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव समेत आला अधिकारियों से चार सप्ताह में जबाव मांगा है।

अगर स्कूल नहीं खुलेंगे तो सिर्फ शिक्षण शुल्क के संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे। अगर किसी स्कूल ने दस फीसद से अधिक फीस बढ़ाई है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। निजी स्कूलों से फीस का चार्ट मांगा गया है, जिसका जिला प्रशासन और जिला शिक्षा अधिकारी से निरीक्षण कराएंगे।

– इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री

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