उधर बिना परमिशन के धड़ल्ले से दौड़ रही बस

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अंधेरी नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा। यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी और इसका मतलब भी आप भली-भांति जानते होंगे वर्षों पुरानी यह कहावत बालाघाट नगर में देखने को मिल रही है जिस पर जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है या फिर कहे की जिम्मेदार उस पर ध्यान देना नहीं चाहते।

ताजा मामला कोरोना के चलते लागू किए गए लॉकडाउन का है जहां कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विभिन्न राज्यों, अन्य जिलों और नगरों की सीमाओं को लॉक किया गया है वही आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के परिवहनो की आवाजाही पर रोक लगाई गई है जिसके तहत बालाघाट बस स्टैंड में भी बसों के पहिए जाम है लेकिन नगर के एक प्रतिष्ठित बस संचालक द्वारा संक्रमण के इस दौर में भी चोरी छुपे बस का संचालन किया जा रहा है जहां बस संचालक पिछली बार की तरह इस बार भी गर्रा से जबलपुर भोपाल और इंदौर आदि जगहों के सवारी चोरी छुपे लाने ले जाने का कार्य कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की अनुमति होने के बाद भी बालाघाट से इंदौर के बीच चलने वाली चार्टर्ड बस की सेवा पर रोक लगा दी गई है बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा बालाघाट से इंदौर के बीच चार्टर्ड बस सेवा शुरू रखने की अनुमति दी गई है।

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