पूर्व ओपनर ने कहा- गेंदबाजी टीम इंडिया की असली स्ट्रेंथ, हमारे लिए साउदी और बोल्ट हो सकते हैं खतरनाक

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वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला साउथैम्प्टन में 18 से 22 जून तक खेला जाना है। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और मौजूदा समय में स्टार कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि बेशक भारतीय टीम में विराट कोहली, अंजिक्य रहाणे, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज शामिल हैं, लेकिन टीम की मुख्य स्ट्रेंथ बॉलिंग है। चोपड़ा ने फाइनल में टीम इंडिया की संभावित स्ट्रैटजी, साउथैम्पटन के कंडीशंस और न्यूजीलैंड टीम की मजबूती और कमजोरी पर दैनिक भास्कर के साथ विस्तार से बातचीत की। मैच का सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स पर किया जाएगा। पेश हैं इंटरव्यू के मुख्य अंश…

सवालः वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अगर आपको टीम इंडिया के पांच गेंदबाज चुनने हों तो आप किन गेंदबाजों को प्लेइंग-11 में रखेंगे?
जवाबः देखिए पिच क्यूरेटर ने कहा है कि वे पेस और बाउंसी पिच बनाना चाहते हैं, लेकिन बोलने और बनाने में काफी फर्क होता है। मेरे विचार से टीम इंडिया तीन फास्ट बॉलर लेकर जरूर उतरेगी। मेरा मानना है कि ये तीन फास्ट बॉलर मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और ईशांत शर्मा होंगे। पहले स्पिनर के तौर पर आर अश्विन को खेलना चाहिए। इसके आगे सब कुछ पिच और कंडीशन पर निर्भर करेगा। अगर पिच ज्यादा हरी और उस पर नमी नजर आती है तो मुझे लगता है कि टीम इंडिया एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल करना चाहेगी। इसमें हनुमा विहारी के ज्यादा चांस बनते हैं।

वहीं अगर टीम इंडिया को लगता है कि चार फास्ट बॉलर को खेलना ही चाहिए, तो मुझे लगता है कि चौथे फास्ट बॉलर के रूप में सिराज या उमेश को शामिल करना चाहेंगे, लेकिन आप ऐसा कर नहीं पाएंगे, क्योंकि इससे आपकी बैटिंग लाइन कमजोर हो जाती है।

सवालः इंग्लैंड के कंडीशंस के बारे में बहुत कहा जा रहा है। क्या आपको लगता है कि साउथैम्पटन में भी परिस्थितियां न्यूजीलैंड के पक्ष में हो सकती हैं?
जवाबः न्यूजीलैंड के कंडीशंस इंग्लैंड के नजदीक हैं। इसमें कोई डाउट नहीं है कि साउथैम्प्टन की परिस्थितियां न्यूजीलैंड के पक्ष में हैं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी परिस्थितियां ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में ही थीं। हमारे मुख्य खिलाड़ी चोटिल भी हो गए, इसके बावजूद भारतीय टीम ने इतिहास रचा। ऐसे में परिस्थितियां कैसी भी हों, मैच का परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह खेलते हैं।

सवालः भारत को टॉस जीतने की स्थिति में क्या करना चाहिए? बैटिंग या बॉलिंग?
जवाबः देखिए टॉस हर टेस्ट में मायने रखता है। कहीं ज्यादा तो कहीं थोड़ा कम। आप टॉस जीतना चाहते हैं। मेरे विचार से अगर परिस्थितियां फास्ट बॉलर के फेवर में ज्यादा न हों, तो टॉस जीतने के बाद आप बल्लेबाजी करना चाहेंगे। पिछले न्यूजीलैंड दौरे पर वेलिंगटन में पिच पर घास और नमी भी थी। भारत को टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करना पड़ा था। पहले दिन ही भारत बहुत पीछे हो गया था। भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था। अगर परिस्थितियां वैसी न हों और पिच पर ज्यादा हरियाली न हो, तो मेरे विचार से लगता है कि टॉस जीतने के बाद भारतीय टीम को बल्लेबाजी करना चाहिए। चौथी पारी में बल्लेबाजी मुश्किल होती है।

सवालः इस भारतीय टीम की मुख्य स्ट्रेंथ क्या कही जा सकती है। गेंदबाजी या बल्लेबाजी?
जवाबः आज से पांच-छह साल पहले यह सवाल पूछते तो शायद यही जबाव होता कि भारतीय टीम की मुख्य स्ट्रेंथ बल्लेबाजी है, लेकिन इस भारतीय टीम की मुख्य स्ट्रेंथ गेंदबाजी है। ऐसा नहीं है कि बल्लेबाजी खराब है। भारतीय बल्लेबाजी को हल्के में नहीं आंका जा सकता है। विराट कोहली, रोहित शर्मा, अंजिक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज टीम में हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में भारतीय बॉलर्स का कद बढ़ा है। खास तौर से भारत का फास्ट बॉलिंग डिपार्टमेंट मजबूत हुआ है। वहीं दुनिया के टॉप स्पिनर्स अभी आपके पास हैं। दुनिया के अगर मौजूदा ट़ॉप-5 फास्ट बॉलर्स की बात की जाती है तो उसमें भारत के दो-तीन फास्ट बॉलर्स के नाम आते हैं। ऐसे में इस समय यह कहना गलत नहीं होगा कि टेस्ट क्रिकेट में भारत की असली ताकत बॉलिंग है।

सवालः न्यूजीलैंड के कौन से बल्लेबाज भारत के लिए बड़ा खतरा साबित होंगे, डेवॉन कॉनवे या केन विलियम्सन।
जवाबः देखिए बड़ा मैच है तो जरूर आप केन विलियम्सन की तरफ देखेंगे। वह तकनीकी रूप से काफी मजबूत हैं, लेकिन भारत के खिलाफ उनके प्रदर्शन पर गौर करेंगे, तो बहुत बढ़िया आंकड़े नहीं रहे हैं। हां डेब्यू मैच में भारत के खिलाफ जरूर दोहरा शतक जड़ा था, लेकिन उसके बाद से भारत के खिलाफ बहुत उम्दा प्रदर्शन नहीं रहा है। भारतीय गेंदबाज उनका तोड़ निकाल लेते हैं। मुझे नहीं लगता है कि मैच से पहले विलियम्सन के खिलाफ गेंदबाजी को लेकर भारतीय गेंदबाजों को नींद न आए।

हां कॉनवे भारत के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। वे लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय गेंदबाजों ने शायद उन्हें टीवी पर ही बल्लेबाजी करते हुए देखा होगा। उनके बारे में बहुत कुछ गेंदबाजों को पता नहीं है। उनके खिलाफ गेंदबाजी नहीं की है। वे लेफ्ट हैंडर भी हैं और लेफ्ट हैंड बल्लेबाज कई बार भारतीय गेंदबाजों को परेशान भी करते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ सर्तक रहने की जरूरत है।

वहीं न्यूजीलैंड की भी ताकत गेंदबाजी है, लेकिन उनके बल्लेबाज बड़े अनुशासन में खेलते हैं। ऐसा नहीं है कि उनका खेल बहुत आकर्षित करता है और आप उसे देखना चाहेंगे, लेकिन उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलना बड़ी अच्छी तरह से आता है। चाहे टॉम लाथम हों या बीजे वाटलिंग और कोलिन डि ग्रैंडहोम। ये सभी बड़े अनुशासन में खेलते हैं और आसानी से विकेट फेंकते नहीं हैं। ये टफ कंडीशंस में खेलना जानते हैं। ये धीरे-धीरे अपना काम कर देते हैं। इन खिलाड़ियों का खेलने का जो एटीट्यूड है, उसे मैं ज्यादा खतरनाक मानता हूं।

सवालः न्यूजीलैंड के कौन से गेंदबाज भारत के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं?
जवाबः पहले टिम साउदी। अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की बात करें, तो 51 विकेट हैं उनके नाम पर और 20 का औसत है। भारत के खिलाफ भी उनके आंकड़े बेहतर हैं। वे भारतीय बल्लेबाजों को काफी तंग करते हैं। भारत के पिछले दौरे पर वेलिंगटन टेस्ट की बात करें तो वे भारत के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर रहे थे। विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे के खिलाफ इनके आंकड़े काफी अच्छे हैं। भारतीय बल्लेबाजों को तंग करने का इनका लंबा इतिहास है। ऐसे में वह भारत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
उनके अलावा दूसरे बॉलर हैं ट्रेंट बोल्ट। ये लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर हैं। चूंकि भारत के पास लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलर नहीं है। ऐसे में खेलने की आदत नहीं है। सबसे बड़ा खतरा टिम साउदी हैं और दूसरे ट्रेंट बोल्ट हो सकते हैं।

सवालः रोहित शर्मा का विदेशी जमीन पर अच्छा रिकॉर्ड नहीं रहा है। क्या वे फाइनल में बतौर ओपनर सफल हो पाएंगे?
जवाबः रोहित की बात की जाए तो मैं कहना चाहूंगा कि रोहित शर्मा बतौर ओपनर भारत में ज्यादा खेले हैं। विदेश में ओपनर के तौर पर कम ही खेले हैं। साथ ही वे रेगुलर टेस्ट नहीं खेले हैं। उन्हें विदेशों में कम मौका मिला है। ऐसे में दबाव तो होगा। लेकिन जब उन्हें बतौर ओपनर टेस्ट में मौका मिला, तो उनका टेस्ट करियर फिर से जीवित हो गया। उन्होंने खुद को साबित किया है। मेरा मानना है कि वे इंग्लैंड दौरे पर काफी सफल बल्लेबाज होंगे।

अगर वे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में सफल नहीं भी होते हैं तो भी मेरा मानना है कि इंग्लैंड दौरे पर वह दो-तीन शतक जमाने में सफल होंगे। उन्होंने अनुशासन में रहते हुए बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया है। भारत में भी इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज देखें तो जहां अन्य बल्लेबाज रन बनाने में सफल नहीं हो रहे थे, वहां पर वे रन बनाने में सफल हुए।

सवालः सीम और स्विंग गेंदबाजी खेलने के लिए आपकी नजर में भारत के टॉप-3 बल्लेबाज कौन हैं?
जवाबः सीम और स्विंग की गेंदबाजी खेलने की बात करें तो अंजिक्य रहाणे हैं और विराट कोहली हैं। लेकिन जहां तक टॉप-3 बल्लेबाजों की बात आती है तो सबसे पहले मैं विराट कोहली का नाम लूंगा। उनके आंकड़ें बताते हैं कि टॉप क्लास के बल्लेबाज हैं। फिर चेतेश्वर पुजारा का नाम लूंगा। वे टेस्ट स्पेशलिस्ट हैं। इसी के लिए जाने जाते हैं। तीसरे बल्लेबाज की बात है तो मैं ऋषभ पंत का नाम लूंगा। पंत इस तरह से खेल रहे हैं कि वे एक सेशन भी खेल जाएं तो टीम के लिए अपना काम कर जाएंगे।

सवालः अगर टीम इंडिया यह मैच हारती है तो क्या बतौर कप्तान विराट कोहली पर दबाव बनेगा? उनके नाम अब तक कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं है।
जवाबः ऐसा नहीं है कि टीम इंडिया मैच हारती है तो बतौर कप्तान विराट कोहली पर दबाव बनेगा। बेशक उनके नाम कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं है, लेकिन मुझे नहीं लगता है कि भारत को कप्तान बदलने की जरूरत है। टीम खिलाड़ियों से बनती है। केवल कप्तान हार के लिए दोषी नहीं होता है। मुझे लगता है कि टी-20 वर्ल्ड कप तक किसी भी प्रकार का कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है।

सवालः आप किस चैलेंज को बड़ा मानते हैं? टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल या इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज?
जवाबः देखिए दोनों ही काफी चैलेंजिंग हैं। टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल टेस्ट इतिहास में पहली बार हो रहा है। ऐसे में कोई भी टीम चाहेगी कि वह जीते। वहीं इंग्लैड के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज को भी कम आंक नहीं सकते हैं। भारत चाहेगा कि इंग्लैंड को हराकर इतिहास रचे।

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