लालबर्रा : गांव की सरहद पर किया गया मारबत के पुतले का दहन

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लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। पारम्परिक पोला पाटन पर्व के दूसरे दिन मनाया जाने वाला मारबत पर्व ७ सितंबर को नगर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सादगीपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों के द्वारा घरों में बनाये गये मारबत के पुतले व अखाड़ी पर्व से बनाई गई बांस की गेड़ी को प्रात: गांव की सरहद पर लाकर बुराई के प्रतीक के रूप में दहन किया गया। इस दौरान ग्रामीणों द्वारा घेउंन जायरी नारबोद, कोरोना बीमारी ला ले जायरी नारबोद, राई रूई ढेकुन मंग्शा, मच्छर, कीड़े-मकोड़े, जदवाहा-पापी, महंगाई, दुश्मनों व वाइरल फीवर सहित अन्य बीमारियों को ले जायरी नारबोद सहित विभिन्न बुराई को नारबोद के साथ भगाने के नारे लगाये गये। नारबोद दहन के पश्चात पारम्परिक रूप से छोटे बज्चे, युवाओं व बड़ों के द्वारा घर-घर जाकर प्रवेश द्वारोंपर पौधों की टहनी लगाई गई। इस प्रकार पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए मुख्य संकट कोरोना बीमारी, मच्छर व मक्खी को गांव से भगाने का प्रयास किया गया। मारबत पर्व पर किसानों के द्वारा अपने-अपने खेतों में तेंदू, गराड़ी, आमटा सहित अन्य पौधों की टहनियों को लगाकर फसल को कीट आदि से बचाने की विनती की गई।
चौसर खेल में लगा नारियल का दांव
विदित हो कि ६ सितंबर को पोला पाटन पर्व के अवसर पर शाम के समय मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बैलों की विशेष पूजा की गई जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा एक-दूसरे को चांवल का तिलक लगाकर पोला पाटन पर्व की बधाई दी गई तत्पश्चात रात्रि में ग्रामीण क्षेत्रों में चौसर (छक्का) खेल सहित अन्य मनोरंजक खेलों का सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बड़े-बुजुर्गों व युवाओं के द्वारा आयोजन किया गया, चौसर खेल में भाग लेने वाले ग्रामीणों द्वारा नारियल व पकवान का दांव लगाया गया जिसमें खेल के दौरान दूसरे पक्ष की गोटी मरने व गोटी पड़ाने के दौरान दाना अधिक आने पर एक पक्ष द्वारा खुशियां मनाते हुए घेउंन जायरी नारबोद के नारे लगाये गये एवं खेल समाप्त होने पर हारने वाले पक्ष के द्वारा खेल में लगाये गये नारियल को जीतने वाले पक्ष को दिया गया जिसके बाद चौसर की पाल में नारियल चढ़ाकर प्रसाद वितरण किया गया।

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