सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड को लिया आड़े हाथ, बोले- जब रोहित शर्मा पिच पर बल्लेबाजी कर सकते हैं तो…

0

भारत और इंग्लंड के बीच अहमदबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया तीसरा टेस्ट मैच दो दिन में समाप्त हो गया। भारत ने यह मैच 10 विकेट से अपने नाम किया। मैच में जिस पिच का इस्तेमाल हुआ, उसे लेकर कई लोग अपनी नाराजगी जता चुके हैं, जिसमें पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और विशेषज्ञ तक शामिल हैं। हालांकि, कई क्रिकेट हस्तियों ने पिच का बचाव भी किया है। इस कड़ी में एक नया पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर का भी जुड़ गया है। गावस्कर ने पिच का बचाव करते हुए इंग्लैंड को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा ने बल्लेबाजी करके दिखाई है कि यहां रन बना सकते थे।

‘टर्न या सीधी गेंदों को खेलना आना चाहिए’

इंडियन एक्सप्रेस से बातजीत में गावस्कर ने कहा कि यह ऐसी पिच नहीं थी जिसपर गेंद लगातार ठीक से नहीं आ रही हों। कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं था। यहां बाउंस वास्तव में था। हां, स्पिन थी लेकिन टेस्ट मैच के बल्लेबाजों को टर्न या सीधी गेंदों को खेलने में सक्षम होना चाहिए। चुनौतीपूर्ण था, लेकिन विश्वासघाती रूप से चुनौतीपूर्ण नहीं। अगर आप विकेटों को देखें तो बल्लेबाजों ने अपना विकेट खोने में ज्यादा योगदान दिया। पिच से अधिक माइंडसेट के चलते ऐसा हुआ। रोहित शर्मा ने दोनों पारियों में बल्लेबाजी करके दिखाई कि आप इस पिच पर रन बना सकते हैं। मालूम हो कि रोहित ने पहली पारी में 66 और दूसरी पारी में नाबाद 25 रन बनाए।

इसके अलावा गावस्कार ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों की बॉडी लैंग्वेज पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे भारतीय खिलाड़ियों ने खुद को परिस्थितियों के हिसाब से बेहतरीन तरीके से पेश किया और सभी चुनौतियों को डटकर सामना किया। वहीं, इंग्लैंड के खिलाड़ी जूझते नजर, जिसका उनकी बॉडी लैंग्वेज से पत चल रहा था। गावस्कर ने कहा कि हालांकि इंग्लैंड के कप्तान जो रूट अपवाद रहे, जिन्होंने उसी तरह का जुझारूपन दिखाया जब वह साल 2012 में डेब्यू मैच के लिए बल्लेबाजी करने उतरे थे। रूट इसीलिए अब तक सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।

पिच को  लेकर रोहित शर्मा ने क्या कहा

रोहित शर्मा तीसरे टेस्ट मैच के समाप्त होने के बाद पिच को लेकर कहा, ‘जब आप ऐसी पिच पर खेलते हो तो आपके अंदर जज्बा होना चाहिए और साथ ही आपको रन बनाने की कोशिश भी करनी चाहिए। आप सिर्फ ब्लॉक नहीं कर सकते। जैसा कि आपने देखा कि कोई कोई गेंद टर्न भी ले रही थी और जब आप टर्न के लिये खेलते तो कोई गेंद स्टंप की ओर ‘स्किड’ (फिसल) भी रही थी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आपको कभी कभार थोड़ा आगे रहकर रन बनाने के तरीके ढूढने की कोशिश करने की जरूरत होती है। मेरी इच्छा सिर्फ टिकने की नहीं थी बल्कि रन बनाने की कोशिश करने की भी थी जिसमें अच्छी गेंदों को सम्मान करना भी शामिल था। बस मैंने इतना ही करने की कोशिश की।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here