दलदल में तब्दील हुई सड़क ग्रामीण आक्रोशित

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जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत कायदी के छोटा टोला मैं एक सड़क ऐसी भी है जो दलदल में बदल गई है। जहां से पैदल चलना तो दूर वाहनों का आना-जाना भी दुर्भर हो गया है केवल ट्रैक्टर ही उसे मार्ग पर आना-जाना कर पा रहे हैं। उसके अलावा किसी के लिए मार्ग पर चलना संभव नहीं हो पा रहा है जिसको लेकर ग्रामीणों में बेहद आक्रोश भरा हुआ है जिनके द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण करने की बात ग्राम पंचायत कायदी से कहीं जा रही है पर आज तक स्थिति यथावत बानी हुई है। बताया जा रहा है कि पंचायत द्वारा 2 वर्ष पहले ही उक्त मार्ग निर्माण स्वीकृत किया जा चुका है किंतु बेपरवाह पंचायत द्वारा वर्तमान तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। जिससे ग्रामीणों को आज भी बरसात के मौसम में रास्ते पर बने कीचड़ में से आना-जाना करना पड़ रहा है वहां पर काफी दयनीय स्थिति बनी हुई है जहां मार्ग निर्माण की गुहार ग्रामीणों के द्वारा लगाई जा रही है।

मार्ग की यह है स्थिति

वारासिवनी बालाघाट मार्ग पर वैष्णो देवी मंदिर के सामने स्थित ग्राम कायदी के छोटा टोला में पक्की सड़क प्रारंभ में बनी हुई है। किंतु अंतिम छोर में एक मार्ग जो सीधा प्रारंभ में रेलवे क्रॉसिंग के बाजू से पूरे गांव को घूमता हुआ दुर्गा मंदिर तक जाता है। इसका निर्माण आज तक पंचायत के द्वारा नहीं किया गया है जहां पर हर वर्ष की अपेक्षा में इस वर्ष बहुत ज्यादा कीचड़ हो गया है जिसमें आवागमन कर रहे लोगों के करीब 1 फीट कीचड़ में पैर धस रहा है पूरा मार्ग कीचड़ से सराबोर हो गया है। यह स्थिति ट्रैक्टर के आने जाने से और पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से उत्पन्न हुई है जहां पर बहुत बुरे हालात बने हुए हैं ग्रामीणों को किसी भी समस्या के लिए मुख्य मार्ग तक आना पड़ रहा है। ऐसे में देखने में आ रहा है कि वह मार्ग पर मोटरसाइकिल और फोर व्हीलर वाहन भी जाने से कतरा रहे हैं परंतु पंचायत के द्वारा आज तक ग्रामीणों की किसी प्रकार की सुध नहीं ली गई है कि वह किस प्रकार से आवागमन कर अपनी दैनिक क्रियो को पूरा कर रहे हैं। जबकि उक्त समस्या के लिए लंबे समय से ग्रामीणों के द्वारा पंचायत में शिकायत कर मांग की जा रही है परंतु समस्या का निराकरण पंचायत द्वारा आज तक नहीं किया गया है। इसमें बताया जा रहा है कि पूर्व की पंचायत के द्वारा बीते करीब 2 वर्ष पहले यह मार्ग स्वीकृत कर दिया गया है परंतु आज तक निर्माण नहीं किया गया है और यह स्थिति आज की नहीं है हर बरसात में यहां ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है ऐसे में मार्ग स्वीकृत होने के बाद भी दो वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य न करना पंचायत की बेपरवाह कार्य प्रणाली प्रतीत हो रही है।

अतिआवश्यक सेवा के लिए ग्रामीण कर रहे संघर्ष

कायदी के छोटा टोला में कीचड़ से भरे मार्ग के किनारे एवं निर्भर करीब 100 परिवार है जिनके द्वारा प्रतिदिन अपनी जरूरत के लिए उक्त मार्ग का उपयोग किया जाता है। परंतु वर्तमान में उन्हें अति आवश्यक सेवाओं के लिए भी संघर्ष करने की जरूरत पड़ रही है जैसे गैस टंकी की गाड़ी अंदर नहीं आ पा रही है तो रोड पर उन्हें लेने जाना पड़ रहा है। बच्चों की स्कूल वैन अंदर नहीं आ रही है तो उन्हें कंधे पर बैठ कर मुख्य मार्ग तक छोड़ने एवं लाने जाना पड़ रहा है। यहां तक की एंबुलेंस भी स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने पर मरीज के घर तक नहीं पहुंच पा रही है ऐसे में उसे भी उठकर मार्ग तक लाना पड़ रहा है। इस प्रकार हर अति आवश्यक जरूरत के लिए भी लोगों को घरों से निकलकर कीचड़ में पैदल चलकर रोड तक आना पड़ रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भरा हुआ है। इस दौरान सबसे ज्यादा छात्र-छात्राओं को संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें इस मार्ग पर चलकर स्कूल कॉलेज जाना है परंतु कई बार वह भी गिरने या ठीक से नहीं चलने पर कपड़े खराब कर वापस लौट रहे हैं।

ग्रामीण दिनेश सोनी ने बताया कि हमें यहां रहते 10 से 15 वर्ष हो गए रहते हैं लेकिन यहां सड़क करीब 30 से 35 वर्षों हो गए निर्माण नहीं हुआ है। अभी हमारी दूसरी सरपंच बनी है उससे पता चला है कि यह रोड स्वीकृत हो चुकी है 2 वर्ष पहले किंतु आज तक निर्माण नहीं हुआ जिस कारण से हर वर्ष से और ज्यादा दिक्कत इस वर्ष हो गई है। पैर रखने जगह नहीं है ठीक से चल नहीं पा रहे हैं यह इसलिए हुआ की बरसात के पहले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में नाली से पानी निकासी के लिए साफ सफाई करवाई जाती है परंतु यहां पर कोई साफ सफाई नहीं करवाई गई और ना ही पक्की नाली बनाई गई है। जिस कारण पानी निकासी न होने से यह कीचड़ का अंबार बना है मार्ग में व्यक्ति का पैदल चलना दुर्भर हो गया है मोटरसाइकिल और अन्य वाहन अंदर नहीं आ पाते हैं केवल ट्रैक्टर इस मार्ग पर चलता है। बच्चे भी आने-जाने में गिर रहे हैं मैं खुद अपने बेटे को कंधे पर बैठ कर रोड तक ले जाता हूं गैस गाड़ी अंदर नहीं आती है बहुत समस्या है बरसात के कीड़े रोड पर और घरों में आ रहे हैं। किसी भी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि ग्राम के लोगों को सुविधा हो।

ग्रामीण यमुना मडावी ने बताया कि ग्राम का यह मार्ग कीचड़ से इतना खराब हो गया है कि इसमें चलने की बहुत ज्यादा दिक्कत बनी हुई है हमारा मकान भी इसी मार्ग के किनारे पर है। रोड बहुत ज्यादा खराब हो गई है कई साल हो गए इसका निर्माण आज तक नहीं किया गया है जब भी पंचायत में शिकायत करो या किसी को बोलो तो कहते हैं बन जाएगी परंतु कब बनेगी यह कोई नहीं बता पा रहा है। हर वर्ष से इस वर्ष बहुत ज्यादा रोड की हालत खराब है किसी भी कार्य के लिए कोई भी वाहन अंदर नहीं आ रहे हैं हमें मुख्य रोड तक जाना पड़ रहा है उसमें भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कई साल हो गए हर कोई परेशान है। अभी मेरे बेटे की तबीयत रात में खराब हुई थी जिसमें डॉक्टर को फोन करें तो उन्होंने आने से स्पष्ट मना कर दिया कि कैसे आऊ रास्ता खराब है फिर हमें बिना गोली दवाई के रात काटनी पड़ी और सुबह एंबुलेंस वाले को बुलाया गया तो वह भी मुख्य मार्ग पर आकर खड़ा हो गया अंदर आने से मना कर दिया। इस प्रकार यहां स्थिति बनी हुई है किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उसे बच्चों की तरह उठाकर ले जाना पड़ता है इस मार्ग पर करीब 100 परिवार रहते हैं और सभी को इसी समस्या से परेशानी हो रही है।

ग्रामीण चिमनीबाई उइके ने बताया कि हमारे पूर्वज यहीं पर खत्म हुए और हमें बुढ़ापा आ गया अभी हम जोड़ापाठ में जाकर रोड किनारे रहते हैं। उसके पहले यहीं पर बहुत साल हम रहे हैं आज भी कुछ नहीं बदला है हम उधर भी रहते हैं तो घर के बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए यहीं पर आना होता है। हम इसी मार्ग का उपयोग करते हैं जहां गिर जाने का डर लगा रहता है तो वहीं दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है पूरा मार्ग कीचड़ में डूब गया है ऐसा लगता है। जब चलो तो पैर के पंजे नहीं दिखते हैं इस प्रकार स्थिति यहां बनी हुई है बहुत सारे बच्चे इसी मार्ग से आते जाते हैं तो वह भी गिर जाते हैं और कपड़े खराब होकर वापस जाते हैं। यहां पर रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की कोई सुविधा आज भी नहीं दी गई है जैसा पहले था वैसा आज भी है हम चाहते हैं कि यह रोड बनना चाहिए सुविधा होनी चाहिए।

ग्रामीण अंकिता चौरागढे ने बताया कि वह महाविद्यालय पढ़ने के लिए रोजाना इसी मार्ग से आना-जाना करती है और उनके जैसे करीब दो दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं स्कूल और महाविद्यालय के लिए इसी मार्ग से आना-जाना करते हैं। यहां पर बहुत ज्यादा समस्या हमें बनी हुई है प्रतिदिन कोई ना कोई समस्या मार्ग पर उत्पन्न होती है साइकिल से जा रहे छात्र-छात्राएं गिर जाते हैं क्योंकि दलदल हो गया है। साइकिल का चक्का फस जाता है तो वही मजबूरी में जूता चप्पल उतार कर उसे हाथ में रखकर मार्ग से गुजरना होता है फिर आगे पैर हाथ धुलकर जूते पहनते हैं और रोज किसी न किसी के कपड़े खराब होते हैं जिस कारण से उसे फिर घर में रहना पड़ता है। यहां पर रोड बनना चाहिए और नाली की साफ सफाई नहीं की गई है जहां पर पानी बहुत ज्यादा जमा है सफाई नही होने से साप बिच्छू झाड़ियां में छिपे हुए हैं जो घर के अंदर तक आ रहे हैं।

इनका कहना है।

दूरभाष पर चर्चा में बताया कि उक्त संबंध में चर्चा कर जानकारी ले जा रही है यदि यह स्थिति है तो सुधार करने के लिए कहा जायेगा।

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