बूढ़ी तालाब में अतिक्रमण का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है यहां नए नए विषय सामने आते रहते हैं। मंगलवार को प्रशासन द्वारा बूढ़ी तालाब का सीमांकन करने के लिए अमले को भेजा गया था जहां सीमांकन करने गए अमले को वहां के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।
बूढ़ी तालाब के समीप निवासरत लोगों में यह चिंता खड़ी हो गई है कि कहीं उनके घर भी अतिक्रमण के दायरे में न आ जाये।
बुधवार को बूढ़ी तालाब के समीप निवास करने वाले लोग वार्ड नंबर 14 के पार्षद यासीन खान के नेतृत्व में तहसील कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने तहसीलदार रामबाबू देवांगन से चर्चा कर वहां का सीमांकन न करवाए जाने की बात कही गई। जिस पर तहसीलदार रामबाबू देवांगन द्वारा उन्हें आश्वस्त किया गया कि जिनके मकान अतिक्रमण में है उन्हें ही हटाया जाना है जिनको पट्टे आवंटित हो चुके हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं है। तहसीलदार द्वारा यह कहे जाने पर लोगों को कुछ शांति मिली और वे लौट गए।
तहसीलदार रामबाबू देवांगन ने बताया कि बूढ़ी तालाब का सीमांकन कार्य करने के लिए प्रशासनिक टीम को भेजा गया था, लेकिन वहां के लोगों द्वारा सीमांकन कार्य करने से रोकते हुए बाधा पहुंचाई गई। वहा के लोग मुलाकात करने पहुंचे थे लोगों को समझा दिया गया है, जिस पर वहां के लोग भी सीमांकन कार्य कराने के लिए सहमत हो गए हैं। आगामी दो-तीन दिन में बूढ़ी तालाब का सीमांकन करा दिया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर बूढ़ी तालाब को मेहरा तालाब के नाम से संबोधित किए जाने को लेकर बौद्ध समाज के लोगों ने नाराजगी व्यक्त कि। यह शब्द जाति सूचक शब्द है और इसको लेकर उनके द्वारा बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर बूढ़ी तालाब को मेहरा तालाब नाम से संबोधित ना किए जाने का आवेदन दिया।