हीरो इलेक्ट्रिक 2,500 करोड़ रुपए का निवेश कर 2026 तक 40 लाख अतिरिक्त दोपहिया वाहनों बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। निवेश का पहला चरण राजस्थान में एक नए कारखाने के लिए होगा, जहां विक्रेता इकाइयां एक और 400 करोड़ का निवेश करेंगी। दूसरे चरण के तहत दक्षिण भारत में निवेश किया जाएगा, जिसके लिए एक संयंत्र के स्थान की तलाश की जा रही है। दोनों कारखाने एक समान आकार और बराबर निवेश के होंगे। फर्म के पास 500,000 वाहनों के निर्माण की क्षमता है। कंपनी 45 लाख इकाई प्रति वर्ष बना रही है, जो ओला इलेक्ट्रिक की उत्पादन क्षमता से आधी है। ओला एक करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की क्षमता वाली एक फैक्ट्री का निर्माण कर रही है। हीरो की योजना 1,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाकर कंपनी का विस्तार करना है और वह निजी इक्विटी (पीई) फंडों के साथ बातचीत कर रही है। यह दूसरी बार है जब कंपनी पीई फंड वाली कंपनियों से पैसा जुटाने का सहारा ले रही है।
अपनी महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक स्कूटर विस्तार योजना के बारे में बताते हुए देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उद्योग 2023-24 (वित्त वर्ष 24 ) तक 10 लाख इकाई ई-वाहन बनाने के लक्ष्य तक पहुंच जाएगा। कंपनी के रिसर्च के अनुसार, कंपनी 2026-27 तक 90 लाख इकाई के उत्पादन तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी 2026 तक लगभग 40 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन करना चाहती है। इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेज हो रहा है और आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) से इलेक्ट्रिक की ओर बदलाव स्पष्ट रूप से इसके तेजी से आगे बढ़ने का संकेत दे रहा है। यह बदलाव इस बात की ओर इशारा करता है कि कंपनी क्यों बिक्री को तीन गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है। कंपनी 2022-23 में अनुमानित 160,000 इकाई से वित्त वर्ष 24 में 500,000 इकाई तक उत्पादन क्षमता बढ़ाना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह जो निवेश करने की योजना बना रहे है, उसमें वर्तमान में किए जा रहे अनुसंधान और विकास खर्च में भारी बढ़ोतरी शामिल नहीं है।