नगर में स्थित महाराजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह आदिवासी सामुदायिक भवन में 9 अगस्त को संयुक्त आदिवासी समाज संगठन के तत्वाधान में विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वारासिवनी जनपद अध्यक्ष माया उइके के मुख्य आतिथ्य, वरिष्ठ कार्यकर्ता तारसिंह मर्सकोले की अध्यक्षता एवं तहसील अध्यक्ष अनुरसिंह उईके ब्लॉक अध्यक्ष गणेश कुमरे सहित अन्य अतिथियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। जिसमें भगवान बड़ा देव स्थल पर विधि विधान से पूजन अर्चन करने के उपरांत सप्तरंगी ध्वज पूजन ध्वजारोहण ध्वज वंदन कर आक्रोश रैली निकालकर मंचीय कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। जिसमें सर्वप्रथम महाराजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह, वीरांगना रानी दुर्गावती, डॉ भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, भगवान बिरसा मुंडा सहित अन्य महापुरुषों के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात समाज के लोगों को संगठित रहने शिक्षित बनने और अपने हक अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए उपस्थित जनों के द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर दिलेश खंडेलकर चंद्रकुमार धुर्वे मानसिंह परते कवनलाल वरकडे झाड़ूलाल वरकडे संजय उइके अनिलशाह उइके राजेश मड़ावी सरिता खंड़ेलकर शीला उइके दयावंती बट्टी नीतू कोचर सहित बड़ी संख्या में संयुक्त आदिवासी समाज पदाधिकारी सदस्य व समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
आक्रोश रैली निकालकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
आदिवासी संयुक्त समाज के द्वारा विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आक्रोश रैली स्वरूप बाइक रैली निकाली गई। जिसने नगर के विभिन्न चौक चौराहा का भ्रमण करते हुए तहसील कार्यालय पहुंची। जहां पर महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन भोपाल के नाम का 8 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वारासिवनी को सौंप कर आदिवासियों मूल निवासी पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने की मांग की गई। ज्ञापन में मांग कि गयी कि मणिपुर में आदिवासी महिलायों पर अत्याचार बंद किये जायें, 9 अगस्त विश्व आदिवासी मूल निवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित किया जाएं, सीधी जिले में आदिवासियों पर हुए उत्पीड़न अत्याचार की जाँच कर अपराधि को उचित सजा दी जाएं, मण्डला जिले में स्कूली छात्राओं के पानी के बाटल में पेशाब मिलाकर पिलाई गई थी ऐसे उपराधियों पर उचित कार्यवाही कर दण्डित किया जाए, इन्दौर एवं सागर जिले में दो दलित आदिवासी को बांध कर निवस्त्र कर दिया गया ऐसे अपराधी को उचित कार्यवाही कर दण्डित किया जाएं, आदिवासियों की भूमि पर जबरन कब्जा किये है ऐसे भूमाफिया पर उचित कार्यवाही कर दण्डित किया जाए, जल जंगल जमीन पर हमें अधिकार दिया जाए, आदिवासियों के मूलभूत संवैधानिक अधिकार दिलवाया जाए। वही ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज पदाधिकारी सदस्य मौजूद रहे।
जनपद अध्यक्ष माया उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कोई अधिकार नहीं है हमारे महापुरुषों की आत्मा को छलनी करने का कहीं से तो वह हमें देख रहे है और हमारे गीदड़पन को महसूस कर रहे होगे। अपनी संतानों पर कि हमने जिस संतान को धरती पर भेजे थे वह अपनी रक्षा नहीं कर पा रही है तो मेरी क्या रक्षा करेंगे। श्रीमती उइके ने कहा कि हम जल जंगल जमीन की बात करते हैं तो पहले स्वयं को तो बचाओ हम रहेंगे तो जल जंगल जमीन रहेगा हम नहीं रहेंगे तो किसके लिए बचाओगे उनके लिए जो हमारी बच्चियों को सड़क पर लाकर लोच रहे हैं। पहले अपने आप अपनी बच्ची और परिवार को बचाओ हम बचेंगे तो लड़ेंगे और लड़ेंगे तो अस्तित्व हमारा बचेगा। हम ही नहीं रहे तो जल जंगल जमीन किस काम की।
तहसील अध्यक्ष अनूरसिंह उइके ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस आक्रोश के रूप में मनाया जा रहा है। आदिवासी महिला पुरुष पर जो अन्याय अत्याचार पूरे भारत में हो रहे हैं उसका हम पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं। सरकार हमें संरक्षण दे और हमारे साथ हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाये। श्री उईक ने बताया कि मणिपुर में सीधी में सिंगरौली में राजस्थान में आदिवासियों के साथ जो अत्याचार हो रहा है उसके लिए महामहिम राज्यपाल के नाम का ज्ञापन एसडीएम को दिए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार हमारे ऊपर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाते हुए अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करें।
ब्लॉक अध्यक्ष गणेश कुमरे ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बड़ा देव पूजन कर ध्वजारोहण किया गया जिसके बाद बाइक रैली निकालकर मंचीय कार्यक्रम किया गया है। इस दौरान बाइक रैली आक्रोश रैली के रूप में निकाली गई थी जिसके माध्यम से एसडीएम को ज्ञापन दिया गया है यह ज्ञापन महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन के नाम है। श्री कुमरे ने बताया कि आदिवासी पर जो अन्याय अत्याचार हो रहा है यह किसी एक प्रदेश या क्षेत्र की घटना नहीं है पूरे देश में हो रहा है। जबकि हम चाहते हैं कि देश में भाईचारा बना रहे किसी पर कोई अत्याचार ना हो परंतु आज हमें हमारी संस्कृति खतरे में दिख रही है इसलिए हम सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि हमारी संस्कृति से छेड़छाड़ ना हो और हमारे ऊपर अत्याचार बंद किया जाये।
दिनेश खंड़ेलकर ने बताया कि आदिवासी दिवस पर मणिपुर में आदिवासी महिला पर जो अत्याचार हो रहा है उसके विरोध में आक्रोश रैली निकाली गई थी जिसमें हमारे आदिवासी संगठन के द्वारा मांग की गई है कि जो महिला पुरुषों पर अत्याचार हो रहे हैं उस पर अंकुश लगाया जाये। आदिवासियों के अधिकारों को सरकार संरक्षण दे। श्री खंड़ेलकर ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त इसलिए मनाया जाता है क्योंकि संघ के द्वारा आदिवासियों के हितों के लिए 1982 में सोचा गया था जिसमें संयुक्त राष्ट्र के द्वारा विश्व आदिवासी दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई ताकि आदिवासियों के हक अधिकार व संस्कृति सुरक्षित रह सके।