आजादी के 75 साल बाद भी अंधकार में जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण

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एक ओर शासन प्रशासन द्वारा गांव-गांव घर-घर बिजली देकर हर घर को रौशन करने का दावा किया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी कई गावो के ग्रामीण आज भी अंधेरे में अपनी जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर हैं। ताजा मामला जिले के आदिवासी दुरानंचल क्षेत्र बैहर के ग्राम ग्राम कंदई के हर्रा टोला का है। जहां के ग्रामीण पिछले कई वर्षों से अंधकार में अपना जीवन गुजारने के लिए मजबूर हैं। जिनके घरों तक बिजली पहुंचाना तो दूर की बात अब तक शासन प्रशासन द्वारा उनके टोला विद्युत व्यवस्था के लिए खंबे तक नहीं लगाए गए हैं।वही चिराग जलाने के लिए ग्रामीणों को केरोसिन( मिट्टी का तेल) भी नहीं मिल रहा है तो वही सोसाइटी के माध्यम से उन्हें चावल भी नहीं मिल पा रहा है. जिस पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कड़ा एतराज जताते हुए कुछ दिन पूर्व कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा और बैहर विधायक संजय उईके द्वारा किए गए निरीक्षण पर भी सवाल उठाए हैं।बताया जा रहा है जिस जगह पर यह बैगा आदिवासी परिवार रहते है वहां ना तो सड़क है ना बिजली ना पानी की व्यवस्था है जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं जिन्होंने अपनी समस्याएं पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के निरीक्षण के दौरान रखी। जहां पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की मांग की है तो वहीं उन्होंने प्रदेश भर में चलाए जा रहे विकास पर्व को लेकर शिवराज सरकार की जमकर निंदा की है।

समस्याओं का अंबार ,सुनवाई करने वाला कोई नहीं
बताया जा रहा है कि बैहर के ग्राम कंदई हर्राटोला में करीब 40 से 50 बैगा आदिवासियों के परिवार रहते हैं इन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। यहां ना तो बिजली है न सड़क है यह गांव पहाड़ी से घिरा हुआ है अंधेरे में लोग जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं जबकि बैगा आदिवासियों को विशेष जनजाति का दर्जा दिया गया है। उनके उत्थान के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती है। फिर भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है।वही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों के मकान बने हैं उसने भारी भ्रष्टाचार किया गया है मकान की हालत जर्जर हो चुकी है जिस पर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने नाराजगी जताते हुए इसकी जांच किए जाने और दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है

मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बैगा आदिवासी- मुंजारे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने बताया कि बैहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कंदई के हर्रा टोला में आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी बैगा आदिवासी रोटी कपड़ा मकान बिजली पानी सड़क से वंचित है क्या यही शिवराज सिंह सरकार एवं नरेंद्र मोदी सरकार का अमृत महोत्सव है शर्म आना चाहिए भाजपा एवं कांग्रेस के विधायक एवं बालाघाट जिले के कलेक्टर को यहां दौरा करने के बाद भी आज तक उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई।उन्होंने बताया कि यहां चिराग जलाने के लिए मिट्टी तेल नहीं मिल रहा है और ना ही राशन दुकान में चावल मिल रहा है जबकि 3 माह पहले कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा और विधायक संजय उईके यहां आए थे उन्होंने कहा था कि विद्युत पोल गिरकर यहां बिजली की व्यवस्था की जाएगी लेकिन उनकी यह दिलासा भी झूठी निकली आज 3 महीने पूरे हो गए यहां कोई काम नहीं हुआ ।कलेक्टर यहां आकर झूठी बातें करके गए हैं।हमारी मांग है कि इन बैगा आदिवासियों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ दिया जाए

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