सीएम शिवराज के आश्वासन के बाद हुकमचंद मिल मजदूरों को राहत की उम्मीद

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32 वर्षों से अपने हक के लिए न्यायालयों के चक्कर काट रहे हुकमचंद मिल के हजारों मजदूर और उनके स्वजन को एक बार फिर राहत की उम्मीद बंधी है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि हुकमचंद मिल के मजदूरों के लिए शासन बहुत जल्द ही बड़ा निर्णय लेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने इंदौर में बड़े खेल स्टेडियम पर भी विचार किया जाएगा।

मजदूरों को राहत देने की बात कही

भार्गव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि मजदूरों के मामले में वे खुद ही निगरानी कर रहे हैं और चाहते हैं कि जल्द से जल्द मजदूरों को राहत दे दी जाए। मुख्यमंत्री शनिवार को विभिन्न आयोजनों के सिलसिले में शहर में थे। इस दौरान ही उन्होंने मजदूरों को राहत देने की बात कही

1991 दिसंबर में बंद हुई थी मिल

गौरतलब है कि हुकमचंद मिल के मजदूर 12 दिसंबर 1991 को मिल बंद होने के बाद से ही अपने हक के लिए भटक रहे हैं। वर्षों पहले हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में 229 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया था। लेकिन इस रकम में से 174 करोड़ रुपये अब भी मजूदरों को नहीं मिल सके हैं। दरअसल मिल की जमीन बेचकर ही मजदूरों का भुगतान किया जाना है, लेकिन मिल की जमीन बिक नहीं पा रही है।

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