ICC ने बदले WTC के नियम, जानिए नए नियम अगर शुरुआत से लागू होते तो न्यूजीलैंड को क्यों नहीं मिलती फाइनल में एंट्री

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भारत और न्यूजीलैंड के बीच 18 से 22 जून तक साउथैम्पटन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताबी मुकाबला खेला जाएगा। यह 2019-2021 तक चले टेस्ट चैंपियनशिप साइकिल का फाइनल है। भारतीय टीम 72.2 और न्यूजीलैंड की टीम 70.0 पर्सेंटेज पॉइंट के साथ फाइनल में पहुंची है। ICC ने 2021-23 साइकिल के लिए पॉइंट सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। पर्सेंटेज पॉइंट का नियम तो पहले की तरह लागू रहेगा लेकिन अब हर टेस्ट मैच के लिए बराबर अंक मिलेंगे।

2019-21 में टेस्ट चैंपियनशिप में शामिल हर सीरीज के लिए एक समान 120 पॉइंट थे। सीरीज चाहे 2 मैच की रही हो या 5 मैच की, पॉइंट 120 ही होते थे। ऐसे में 1 टेस्ट मैच 60 पॉइंट का भी होता था और 24 पॉइंट का भी। अब ऐसा नहीं होगा। चलिए जान लेते हैं कि नया पॉइंट सिस्टम कैसे लागू होगा। हम यह भी जानेंगे कि अगर यह सिस्टम 2019-21 साइकिल में भी लागू होता तो न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में क्यों नहीं पहुंच पाती।

पहले 2019-21 के पॉइंट सिस्टम को समझते हैं
2019 में जब टेस्ट चैंपियनशिप के पहले साइकिल की शुरुआत हुई तो ICC ने कहा था कि दो या इससे अधिक मैचों की सीरीज के लिए 120 पॉइंट होंगे। दो टेस्ट मैचों की सीरीज में हर मैच के लिए 60 अंक। तीन मैचों की सीरीज में हर मैच के लिए 40 अंक होंगे। इसी तरह 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में हर मैच के लिए 30 अंक और पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए हर टेस्ट के लिए 24 अंक होंगे।

यानी अगर भारतीय टीम ने चार टेस्ट मैचों की कोई सीरीज 3-1 से जीती तो भारत के 120 अंक होते। इसी तरह 3 टेस्ट मैचों की कोई सीरीज 2-0 से जीती तो 100 अंक मिलते (80 पॉइंट दो जीत के और 20 पॉइंट 1 ड्रॉ के)। इस तरह तमाम सीरीज के पॉइंट जोड़कर भारत के कुल पॉइंट तैयार होते और इसके आधार पर चैंपियनशिप टेबल में टीम की जगह तय होती। अन्य सभी टीमों की पोजिशनिंग भी इसी तरह तैयार होती और टॉप-2 टीमें फाइनल में पहुंचतीं।

कोरोना के कारण बदला गया नियम
कोरोना महामारी के कारण ICC ने नवंबर 2020 में पॉइंट सिस्टम में बदलाव किया। कई सीरीज रद्द होने के कारण कुछ टीमों की जरूरी 6 सीरीज पूरी नहीं हो रही थी। इस कारण ICC ने सीधे-सीधे पॉइंट की गणना करने की जगह पर्सेंटेज पॉइंट सिस्टम का नियम लागू कर दिया। यानी कोई टीम कुल उपलब्ध पॉइंट में से कितने पर्सेंट पॉइंट हासिल करती है टेबल इस आधार पर बनाया गया।

नियम बदले जाने से पहले टीम इंडिया के चार सीरीज से 360 पॉइंट थे और वह टेबल में पहले स्थान पर थी। भारत ने वेस्टइंडीज को 2 मैचों की सीरीज में 2-0 से, बांग्लादेश को 2 मैचों की सीरीज में 2-0 से और साउथ अफ्रीका को 3 मैचों की सीरीज में 3-0 से हराया था। इन तीनों सीरीज के पूरे 120-120 अंक भारत को मिले थे। वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-2 से हार के कारण टीम इंडिया को कोई पॉइंट नहीं मिला था। पर्सेंटेज पॉइंट सिस्टम लागू होने पर भारत के 75 पॉइंट हुए। भारत ने कुल उपलब्ध 480 पॉइंट में से 360 पॉइंट हासिल किए। इसलिए पर्सेंटेज पॉइंट 75 हुआ।

ऑस्ट्रेलिया की टीम उस समय तीन सीरीज से 300 पॉइंट लेकर दूसरे स्थान पर थी। उसने ये 300 अंक 360 संभावित अंकों से हासिल किए थे। लिहाजा उसका पर्सेंटेज पॉइंट 83.33 हो गया और वह भारत से आगे निकल गया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया से हार गई। भारतीय टीम ने बाद में इंग्लैंड को 3-1 से हराया। इस तरह भारत के 72.2 पर्सेंटेज पॉइंट हो गए और ऑस्ट्रेलिया 69.2 अंक के साथ तीसरे स्थान पर फिसल गया।

न्यूजीलैंड इस तरह हुई ऑस्ट्रेलिया से आगे
न्यूजीलैंड ने 2019-21 साइकिल में भारत, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज को 2-2 मैचों की सीरीज में 2-0 के समान अंतर से हराया। श्रीलंका के खिलाफ उसकी सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ न्यूजीलैंड को 0-3 से हार झेलनी पड़ी। इस तरह न्यूजीलैंड ने पांच सीरीज के कुल 600 अंकों से 420 अंक जुटाए। इस तरह उसका पर्सेंटेज पॉइंट 70 हो गया और वह ऑस्ट्रेलिया से आगे निकल गया। टीम इंडिया ने टेबल में पहले और न्यूजीलैंड ने दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालिफाई किया।

नए नियम में क्या अलग है
पर्सेंटेज पॉइंट का नियम तो बरकरार है, लेकिन टीमें मैचों से कितने अंक हासिल करेगी इसमें बदलाव किया गया है। अब हर टेस्ट मैच के एक समान अंक होंगे चाहे सीरीज में कितने भी मुकाबले क्यों न हों। इससे क्या फर्क आ सकता है इसे समझने के लिए नए नियम को पिछली साइकिल में अप्लाई कर देखते हैं।

न्यूजीलैंड के रह जाते 63.63 पर्सेंटेज पॉइंट
न्यूजीलैंड की टीम ने पिछली साइकिल में 11 मैच खेले थे। इसमें उसे 7 में जीत और 4 में हार मिली। मान लेते हैं कि सभी मैचों के एक समान 20 अंक हैं तो न्यूजीलैंड को 220 अंकों में से 140 अंक हासिल होते। यानी उसका पर्सेंटेज पॉइंट 63.33 ही रहता। इस नियम से ऑस्ट्रेलिया के कितने अंक होते। ऑस्ट्रेलिया ने 14 टेस्ट में 8 जीते थे, 4 में उसे हार मिली थी और दो मैच ड्रॉ रहे थे। हर मैच के 20 अंक होने की स्थिति में ऑस्ट्रेलिया 280 अंकों में से 180 अंक हासिल करता। 160 अंक 8 जीत के और 20 अंक दो ड्रॉ के (हर ड्रॉ के 10 अंक)। इस स्थिति में ऑस्ट्रेलिया के पर्सेंटेज पॉइंट 64.28 हो जाते।

टीम इंडिया फिर भी नंबर-1
भारतीय टीम ने पिछली साइकिल में 17 मैच खेले थे। इसमें उसे 12 में जीत मिली। 1 मैच ड्रॉ रहा। चार में हार मिली। यानी भारत प्रति मैच 20 अंक होने की स्थिति में कुल 340 अंकों में से 250 अंक हासिल करता। भारत के पर्सेंटेज पॉइंट 73.52 हो जाते। भारतीय टीम इस हाल में भी नंबर-1 पर रहती।

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