अब घरेलू क्रिकेटरों के लिए इनामी राशि बढ़ाएगी बीसीसीआई रणजी ट्रॉफी में लागू होगा डीआरएस देवधर ट्रॉफी का आयोजन अब नहीं होगा

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अब घरेलू क्रिकेटरों के लिए इनामी राशि बढ़ाने जा रही है। बीसीसीआई ने एक बैठक में शीर्ष घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी सहित सभी टूर्नामेंटों के लिए इनामी राशि बढ़ाने का फैसला किया है। बोर्ड आईपीएल प्रसारण अधिकारों से हुई अच्छी कमाई का इस्तेमाल घरेलू क्रिकेट को बेहतर बनाने में करना चाहता है। यह फैसला मुंबई में आयोजित बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल की बैठक में किया गया। इसके तहत रणजी ट्रॉफी विजेता मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम को 2 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि अपेक्स काउंसिल ने बोर्ड के पदाधिकारियों को संशोधित पुरस्कार राशि पर फैसला करने का अधिकार दे दिया है। रणजी ट्रॉफी में अब पहले की तरह टीमों को एलीट और प्लेट ग्रुप में बांटा जाएगा। इसके अलावा रणजी ट्रॉफी में डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी डीआरएस के इस्तेमाल की भी संभावना है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, अपेक्स काउंसिल ने अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी के मुकाबलों में डीआरएस लागू करने को लेकर बात की है। इस साल रणजी ट्रॉफी के दौरान अंपायर के कई फैसलों पर सवाल उठे थे. इसके बाद से ही इस टूर्नामेंट में डीआरएस लागू करने की मांग उठ रही थी। इसी वजह से बीसीसीआई इसे इसी सत्र से लागू करने पर विचार कर रही है।
अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई अगले सत्र के लिए डीआरएस प्रणाली को लागू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो बीसीसीआई के सभी लाइव मुकाबलों के लिए डीआरएस लाना होगा। वहीं रणजी ट्रॉफी के लिए, बीसीसीआई ने कोरोना से पहले की तरह एलीट और प्लेट समूह को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। 32 टीमों को आठ-आठ के चार एलीट ग्रुप में बांटा जाएगा जबकि छह टीमें प्लेट ग्रुप में रहेंगी। प्लेट ग्रुप फाइनल के विजेताओं को रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में जगह मिलेगी। वहीं, रेलिगेशन सिस्टम भी दोबारा शुरु किया जाएगा। इस साल रणजी ट्रॉफी दिसंबर में शुरू होगा और टीमें होम और अवे होम आधार पर खेलेंगी।
वहीं इस बैठक में देवधर ट्रॉफी को आगे आयोजित नहीं कराने का फैसला लिया गया है। पहली बार साल 1973-74 में इसका आयोजन हुआ था। देवधर ट्रॉफी लिस्ट-ए टूर्नामेंट है, जिसमें इंडिया-ए, बी और सी टीमें भाग लेती हैं।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, देवधर ट्रॉफी को घरेलू क्रिकेट कैलेंडर से हटाने का फैसला व्यस्त क्रिकेट कार्यक्रम के कारण लिया गया। सितंबर से शुरू होने वाले घरेलू क्रिकेट सीजन में काफी सारे मुकाबले खेले जाने हैं। ऐसे में व्यस्त कार्यक्रम में हमारे पास देवधर ट्रॉफी के लिए विंडो नहीं था, इसलिए इसे हटाना पड़ा। बीसीसीआई इस घरेलू सीजन में ऐज ग्रुप क्रिकेट को मिलाकर 1773 मुकाबले कराएगी। बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल की बैठक में कई घरेलू टूर्नामेंट के फॉर्मेट पर भी चर्चा हुई। अब दिलीप ट्रॉफी जोनल फॉर्मेट में खेली जाएगी।

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