कौन हैं डेब्यू टेस्ट में विजयी दोहरा शतक जड़ने वाले काइल मेयर्स?

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चटगांव: बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव टेस्ट में वेस्टइंडीज की ओर से बांए हाथ के 28 वर्षीय बल्लेबाज काइल मेयर्स ने डेब्यू किया तो इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई क्योंकि उनका प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा रिकॉर्ड नहीं था जिसके आधार पर मेयर्स के कसीदे पढ़े जाते। लेकिन इस मैच के पांचवें दिन बारबाडोस में जन्मे इस बल्लेबाज ने अपने बल्ले से सफलता की ऐसी इबारत लिख दी जिसे टेस्ट क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा 

पहली पारी में बनाए थे 40 रन 
चटगांव में डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में 65 गेंद में 40 रन बनाकर मेयर्स आउट हुए लेकिन उनकी इस पारी को ज्यादा तवज्जो नहीं मिली। लेकिन दूसरी पारी में जब वो बल्लेबाजी करने उतरे तो 395 रन के असंभव से लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज ने 59 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में टेस्ट क्रिकेट में एक नए सितारे के उदय की कहानी शुरू हुई।

178 गेंद में जड़ा शतक, 303 में दोहरा  
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद मेयर्स 37 रन बनाकर नाबाद थे और टीम को पांचवें दिन जीत के लिए 285 रन की दरकार थी। ऐसे में उन्होंने मोर्चा संभालते हुए बूनर के साथ दिन को पहले दो सत्र में कोई विकेट नहीं गिरने दिया और डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जड़ने का कारनामा कर दिखाया। उन्होंने 178 गेंद में अपना शतक 12 चौकों और एक छक्के की मदद से पूरा किया। 

डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी 
इसके बाद मेयर्स ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 303 गेंद में अपना दोहरा शतक भी पूरा कर लिया। इसी के साथ वो डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने नाबाद 210* रन की पारी खेलते हुए अपनी टीम को 395 रन की लक्ष्य का पीछा करते हुए 3 विकेट से जीत दिला दी। जो कि एशिया में चौथी पारी में सफलता पूर्वक हासिल किया गया और टेस्ट इतिहास का पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है। कोई भी खिलाड़ी टेस्ट करियर की इससे बेहतरीन शुरुआत की कल्पना नहीं कर सकता।

काइल मेयर्स की नाबाद 210 रन की पारी टेस्ट क्रिकेट में सफलतापर्वक लक्ष्य का पीछा करते हुए खेली गई दूसरी सबसे बड़ी पारी है। मैच की चौथी पारी में उनसे बड़ी पारी वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज गार्डन ग्रीनिज ने साल 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेली थी। उस मैच में उन्होंने नाबाद 214* रन बनाए थे। यह उस पारी के बाद जड़ा गया एकलौता विजयी दोहरा शतक है। 

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