इस्लाम की आलोचना पर मौत की सजा की वकालत करने वाले एक पाकिस्तानी मौलाना खुद ईशनिंदा के आरोप में घिर गए हैं। मौलाना तारिक मसूद पर कुरान और पैगंबर मोहम्मद के अपमान करने का आरोप लगा है, जिसके बाद वो खुद जान बचाने के लिए भागा-भागा फिर रहा है। तारिक मसूद का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें सवाल पूछते हुए सुना जा सकता है कि मुसलमान ‘नबी (पैगंबर मोहम्मद) को क्यों मानते हैं, जब उन्हें पढ़ना और लिखना ही नहीं आता था।’
कुरान में बताई कमी
मौलाना मसूद इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान में भी कमी बता डाली। मौलाना तारिक मसूद ने कहा, ‘वो शख्स (पैगंबर मोहम्मद) जो कुरान पेश कर रहा है, उसने एक शब्द भी नहीं लिखा और दूसरों से लिखवाया।’ मसूद ने कहा कि जब कुरान की आयतें नाजिल होती थीं तो नबी अपने टसहाबियों को बुलाते और कहते कि लिखो।’ इस तरह से कुरान को दूसरे लोगों की मदद से लिखा गया। पैगंबर ने उसमें एक शब्द भी नहीं लिखा।
पैगंबर की शिक्षा पर दिया बयान
उन्होंने आगे कहा, ‘मोहम्मद साहब खुद लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे, इसलिए दूसरों से लिखवाते थे। दूसरे लिखने वालों ने ग्रामर की गलती कर दी। हमारे नबी ने उसे ठीक नहीं कराया, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चला कि व्याकरण की गलती कहां पर हुई है। वो अब तक उसी तरह लिखा हुआ है।’ इसके बाद मसूद ने कुरान की आयतें पढ़कर उसमें कथित गलतियों के बारे में बताया।
जान बचाने के लिए मांग रहा माफी
मौलाना तारिक मसूद का वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान में उनके खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। कई लोगों ने मौलाना के बयान को पैगंबर और कुरान का अपमान बताया। उनके लिए ईशनिंदा की सजा की मांग होने लगी। गौर करने वाली बात है कि ये वही मौलाना मसूद है जो पैगंबर मोहम्मद और कुरान के अपमान करने वालों को तत्काल जान से मार दिए जाने की बात करता था। हालांकि, जब अपनी जान पर बनी तो अब माफी की बात कर रहा है।