भारत के साथ रिश्ते और पूर्वोत्तर में सुरक्षा पर बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने तोड़ी चुप्पी, दिया बड़ा भरोसा, शर्त भी रखी

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ढाका: बांग्लादेश में बीते साल, 2024 में बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला। देश में विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व अंतरिम सरकार बनी है। इस बदलाव में सेना का भी एक अहम रोल माना गया। देश में हुए राजनीतिक बदलाव और भविष्य पर सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने प्रथोमालो के साथ एक साक्षात्कार में बात की है। बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद भारत से रिश्ते तनावपूर्ण हुए हैं। जनरल वकार ने भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने में बांग्लादेश के सहयोग के सवाल पर कहा कि हम अपने पड़ोसी देशों के साथ ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जो उनके रणनीतिक हितों के खिलाफ हो।

प्रथोमालो से बात करते हुए जनरल वाकर ने बीते साल के जन आंदोलनों को ऐतिहासिक बताया। चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जनता अब एक निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और उत्सव जैसा चुनाव देश में चाहती है और यही अंतरिम सरकार का भी मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सेना चुनाव रूपरेखा को लागू करने में अंतरिम सरकार को पूरा सहयोग देगी।

‘पड़ोसियों के साथ रिश्ते अच्छे हों’

भारत के साथ रिश्ते पर वकार ने कहा, ‘भारत एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है। हम कई मायनों में भारत पर निर्भर हैं। भारत को भी हमसे सुविधाएं मिल रही हैं। उनके बड़ी संख्या में लोग बांग्लादेश में औपचारिक और अनौपचारिक रूप से काम कर रहे हैं। कई लोग यहां से इलाज के लिए भारत जाते हैं। हम उनसे बहुत सारा सामान खरीदते हैं। इसलिए बांग्लादेश की स्थिरता में भारत का बहुत हित निहित है। यह लेन-देन का रिश्ता है। यह निष्पक्षता पर आधारित होना चाहिए। हमें समानता के आधार पर अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे। हालांकि इसमें ये भी ध्यान रखा जाए कि हमारे लोगों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि भारत हम पर हावी है।’

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