इंतजार करती रही टीमें, सिर्फ 1651 ही पहुंचे टीका लगवाने

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इंदौर, Covid Vaccination in Indore। सोमवार को पुलिस, निगमकर्मी और जिला प्रशासन के कर्मचारियों को टीका लगाया जाना था। सुबह से शाम तक अस्पतालों में टीमें इंतजार करती रही लेकिन बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे। सोमवार को शहर में 58 टीमों के माध्यम से 8600 फ्रंटलाइन वारियर्स को टीका लगाया जाना था लेकिन सिर्फ 1651 लोग ही टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचे। इस तरह मात्र 19 प्रतिशत टीकाकरण हुआ जो इंदौर में अब तक हुए टीकाकरण का सबसे कम प्रतिशत है। अधिकांश केंद्रों से स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने फोन लगाकर टीका लगवाने के लिए लोगों को बुलाया। कई लोगों के मोबाइल पर एक दिन पहले मैसेज ही नहीं पहुंचा। इस वजह से भी वे नहीं आए। निगम द्वारा सफाईकर्मियों का जो डाटा टीकाकरण के लिए उपलब्ध करवाया गया उसमें कई जगह सफाईकर्मियों के बजाय निगम के दरोगा के नंबर डाले गए थे। इसलिए दरोगाओं ने सफाईकर्मियों को फोन कर टीकाकरण केंद्र पर पहुंचने की सूचना दी।

एमवायएच- सात घंटे में सिर्फ 57 लोगों को लगा : एमवाय अस्पताल के आडिटोरियम में तीन टीमों के माध्यम से 450 लोगों को टीका लगाने की तैयारी की गई थी। सुबह 10 बजे तक यहां एक भी व्यक्ति टीका लगवाने नहीं पहुंचा। इसके बाद कुछ स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे। यहां सबसे पहले निगम के कर्मचारी अमित भाटी को टीका लगाया गया। दोपहर 3 बजे तक 30 लोगों को टीका लग चुका था इसमें भी सबसे अधिक नगर निगम के सफाईकर्मी ही थे। शाम 6 बजे तक यहां 56 फ्रंटलाइन वारियर्स को टीका लगा। यहां टीका लगवाने खंडवा रोड निवासी रजनी डुमाने और कमाठीपुरा से नीतू महना भी पहुंची। उन्होंने बताया कि हमें अस्पताल से टीका लगवाने का फोन आया इसके बाद हम आए। हमें एक दिन पहले मैसेज नहीं मिला। शाम पांच बजे बाद निगमकर्मी आशा पहुंची तो उन्हें टीका लगाया।

सीएचएल- 150 को लगना थे, छह ही आए : सीएचएल अस्पताल के टीकाकरण केंद्र में करीब 150 फ्रंटलाइन वारियर्स को टीके लगना थे, लेकिन सिर्फ छह लोग ही टीका लगवाने पहुंचे। सुबह से टीकाकरण केंद्र पर सन्नााटा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम इंतजार करती रही। टीकाकरण अधिकारी डा. सुरेंद्रसिंह परिहार ने बताया कि 150 में से आधे से ज्यादा फ्रंटलाइन वारियर्स के मोबाइल फोन बंद थे। जिनसे संपर्क हुआ, उन्होंने नहीं आने के लिए अलगअलग कारण बताए। कोई बोला वह बाहर है, तो किसी ने ड्यूटी पर होने और शाम 5 बजे बाद आने की बात कही। टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों को सोमवार को टीका नहीं लग पाया है, उनके नाम अगले टीकाकरण अभियान में जोड़ दिए जाएंगे।

बाम्बे हास्पिटल- तैयारी 300 की थी, आए 70 : बाम्बे हॉस्पिटल में सोमवार को 300 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन आए सिर्फ 70 लोग। जो पहुंचे वे जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस विभाग से जुड़े थे। टीका लगाने के लिए यहां दो बूथ बनाए गए थे। हर बूथ पर करीब 150-150 लोगों को टीका लगाया जाना था। लोगों को फोन करके सूचना भी दी गई लेकिन किसी ने परिवार में जरूरी काम तो किसी ने शहर से बाहर होने की बात कही।

एमआरटीबी : शाम तक केवल 36 को लगा टीका

एमआरटीबी के टीकाकरण केंद्र पर सुबह 9 बजे निगमकर्मी नितेश यादव पहुंचे, लेकिन उस दौरान यहां कोई अन्य व्यक्ति टीका लगवाने नहीं आया था। उन्होंने आधे-पौन घंटे इंतजार किया। इसके बाद भी जब कोई नहीं आया तो वे स्कीम नंबर 114 स्थित अपने घर लौट गए और दोपहर में 3.30 बजे पुन: टीकाकरण केंद्र पहुंचे और टीका लगवाया। एमआरटीबी में दो टीमों के माध्यम से 300 लोगों को टीका लगाया जाना था। यहां पर अधिकांश निगमकर्मी 1.30 बजे बाद ही पहुंचे। शाम 5.30 बजे तक यहां पर सिर्फ 36 लोगों को टीका लगाया गया। यहां नगर निगम के 20 पुरुष व 16 महिला कर्मचारियों को टीका लगा। यहां भी अधिकांश लोगों ने बताया कि उन्हें कोई मैसेज नहीं मिला। अस्पताल से फोन आने के बाद ही वो टीका लगवाने पहुंचे।

देर से आए बीएसएफ जवानों ने रात तक लगवाए टीके

राजश्री अपोलो हास्पिटल में बीएसएफ जवानों के लिए सुबह 9 बजे टीकाकरण शुरू होना था, लेकिन वे काफी देर से आए। इस कारण दोपहर 1 बजे टीकाकरण शुरू हो पाया। दोपहर में एक बार बीएसएफ जवान आना शुरू हुए तो फिर एक के बाद एक आते ही रहे। टीकाकरण के लिए लाइन लगानी पड़ी। रात करीब 9 बजे तक टीकाकरण चलता रहा। अस्पताल के सीईओ अभिलाष पिल्लई ने बताया हमारे केंद्र पर 300 कर्मचारियों को टीके लगाए जाने थे। रात तक 180 लोगों को लगाए गए। सूची के हिसाब से बचे हुए कर्मचारियों को मंगलवार को टीके लगाए जाएंगे।

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