खाने की गुणवत्ता के लिए टोका तो छात्रा को थमा दी टीसी !

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बालाघाट नगर मुख्यालय के कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई में अध्ययनरत कक्षा नवमी की एक छात्रा एलेग्रा सैयाम को अपने पिता से हॉस्टल में उन्हें दिया जाने वाला भोजन की खराब गुणवत्ता की शिकायत करना महंगा पड़ गया। पिता द्वारा हॉस्टल अधीक्षक से भोजन के बारे में पूछना इतना बुरा लगा कि उन्होंने इस शिकायत से खफा होकर छात्रा को स्कूल और छात्रावास से निकालते हुए उसे टीसी थमा दी और टीसी पर लिख दिया कि उनके पिता का आचरण शिक्षकों के लिए अच्छा नहीं है।

मामले की शिकायत पीडित छात्रा और उसके पिता द्वारा कलेक्टर कार्यालय में किये जाने पर मामले की जांच करने जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सुधांशू वर्मा सहित अन्य अधिकारी कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई पहुचे। जहा उनके द्वारा इस मामले से संबंधित जांच पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार की गई।

आपको बताएं कि बिरसा तहसील के ग्राम अंडीटोला निवासी आदिवासी छात्रा एलेग्रा सैयाम कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई में रहकर पढ़ाई करती है। इस छात्रा को फीस जमा करने कहा गया, जब छात्रा के पिता फीस जमा करने बालाघाट आए तो उन्हें यहां पता चला अभी फीस जमा करने के कोई आदेश ही नहीं है, वही खाने में कुंदरू, करेला और लौकी बना कर दिए जाने व छात्राएं बीमार होने की भी जानकारी लगने पर छात्रा के पिता द्वारा हॉस्टल अधीक्षक से इस बारे में चर्चा की गई। इस बात से नाराज होकर प्राचार्य श्री डोंगरे ने छात्रा को टीसी थमा दिया और टीसी पर लिख दिया, पालक द्वारा प्रबंधन समिति से अभद्रता की गई है।

यह भी बताये कि कन्या छात्रावास परिसर गोंगलई में जांच टीम पहुचने की जानकारी लगने पर मीडिया कर्मी भी पहुचे, लेकिन उनके लिये कन्या शाला परिसर का गेट नही खुलवाया गया। गेट खुलवाने संदेश भिजवाने पर चाबी का बहाना करते हुऐ टालमटोल किया जाता रहा, मीडिया कर्मियों को प्रवेश नही दिये जाने पर मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद युवा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने भी नाराजगी जाहिर की।

इस मामले के संबंध में मोबाइल पर चर्चा करने पर आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सुधांशु वर्मा ने बताया कि कन्या छात्रावास परिसर में रह रही एक छात्रा को टिस दे दिए जाने की शिकायत मिली थी जिसकी जांच करने जिला पंचायत सीईओ और वे पहुंचे थे। अभी त्रैमासिक मासिक परीक्षा चल रही है ऐसे कम समय में टीसी काट देना उचित नहीं है। बोर्ड परीक्षा का नामांकन शुल्क भी बच्चों से मांगा गया वह भी गलत है जबकि यह शुल्क विभाग देता है।

इस मामले को लेकर आदिवासी समाज से जुड़े संगठनों में भी रोष व्याप्त हो गया है। मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे भी जांच के दौरान गोंगलई स्थित कन्या शाला परिसर में पहुंचे और अपनी उपस्थिति में पीड़ित छात्रा और उसके पिता के बयान करवाए गए। इसको लेकर मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य डोंगरे जहां भी रहे विवादों में रहे हैं, उन्हें कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य पद से निष्कासित किया जाना चाहिए।

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