बालाघाट : निजीकरण के विरोध मे विद्युतकर्मियो ने की हड़ताल !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर एम्पलाइज एंड इंजिनियर्स के बैनर तले मंगलवार को विद्युत विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे । निजीकरण सहित अन्य नीतियों के विरोध में की गई इस हड़ताल में मंगलवार को कोई भी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय नहीं पहुंचा। वहीं जिले के समस्त शहरी व ग्रामीण कार्यालयों में सुबह से ही ताले लटके नजर आए बताया जा रहा है कि हड़ताल के चलते सुबह से ही समस्त कार्यालयों के ताले नहीं खोले गए वहीं हड़ताल में शामिल समस्त अधिकारियों कर्मचारी कार्यालय नहीं पहुंचे इसके अलावा समस्त अधिकारियों कर्मचारियों ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद रखा कुल मिलाकर कहा जाए तो केवल इमरजेंसी सेवाओं को छोडक़र अन्य सभी प्रकार के कार्य व सेवाओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया वहीं संगठन के पदाधिकारियों ने मांग पूरी ना होने पर 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय सामूहिक हड़ताल कर कार्यों का बहिष्कार करने और मांग पूरी ना होने पर 6 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल किए जाने की चेतावनी दी है।
हड़ताल का ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ा व्यापक असर ,विद्युत प्रवाह बंद होने से परेशान होते रहे लोग
विघुत विभाग का निजीकरण ना करने, विद्युत विभाग से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिए जाने, दिवंगत हुए अधिकारियों कर्मचारियों को योजनानुसार मुआवजा देने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और पर्याप्त कर्मचारियों की भर्ती किए जाने सहित अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर की गई इस एक दिवसीय हड़ताल का जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक असर पड़ा जहां विद्युत प्रभाव बंद होने से लोग काफी परेशान हुए जहां समनापुर बेल्ट के ग्राम समनापुर,ओरमा, रोशना ,आमगांव,मगददर्रा सहित 20 से 23 गांव में विद्युत प्रवाह पूर्ण रूप से बंद रहा तो वही बैहर, परसवाड़ा, वारासिवनी ,कटंगी क्षेत्र सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत प्रवाह बंद होने से ग्रामीण परेशान होते रहे।
विद्युत प्रवाह बंद होने से नल नहीं आ रहा है- महिमा कटरे
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान ग्राम समनापुर रोशना निवासी महिमा कटरे ने बताया कि कल रात से ही विद्युत प्रभाव बंद है जिसके चलते काफी परेशानी हो रही है सबसे ज्यादा परेशानी नल नहीं आने से हो रही है पता नहीं क्यों विद्युत विभाग वालों ने लाइट बंद करके रखे हैं।
23 गावो में बिजली नही है-मोहन बिसेन
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान समनापुर रोशना निवासी मोहन बिसेन ने बताया कि पिछले 12 घंटों से विद्युत प्रवाह बंद है विद्युत विभाग के कर्मचारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण हो रहा है इसलिए हम हड़ताल पर हैं हड़ताल के चलते विद्युत प्रवाह को दुरुस्त करने का काम नहीं किया जा रहा है केवल हमारा गांव ही नहीं बल्कि गांव से लगे 22-23 गांवो में विद्युत प्रभाव बंद पड़ी है।
निजीकरण का किया जा रहा विरोध-महेंद्र  डहरवाल
हड़ताल को लेकर की गई चर्चा के दौरान संविदा लाइन परिचालक महेंद्र कुमार डहरवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के बैनर तले पूरे मध्य प्रदेश में हड़ताल की गई है जिसमें संपूर्ण कार्यों का बहिष्कार किया गया है उन्होंने बताया कि ऐसे कई संविदा कर्मचारी हैं जो बेमौत मारे गए हैं फिर भी संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है वहीं दूसरी ओर सरकार विद्युत विभाग का निजीकरण करना चाहती है जिसका विरोध हड़ताल के माध्यम से किया जा रहा है इस हड़ताल में नियमित अधिकारियों कर्मचारियों के साथ-साथ संविदा और आउट सोर्स के कर्मचारी भी शामिल हैं कोविड-19 के दौरान आउट सोर्स और संविदा के कई कर्मचारियों की मृत्यु हुई है उस पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है वही अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर सांकेतिक रूप से आज हड़ताल की गई है यदि सरकार नहीं मानी तो आगामी समय में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी-बसंत उमरे
वहीं हड़ताल को लेकर की गई चर्चा के दौरान जूनियर इंजीनियर बसंत उमरे ने बताया कि आज मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर एम्पलाइज एंड इंजीनियर के बैनर तले 18 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसी हड़ताल पूरे प्रदेश में की जा रही है। जिसमे संपूर्ण कार्य का बहिष्कार किया गया है इसमें संपूर्ण नियमित अधिकारी-कर्मचारी,आउट सोर्स और संविदा कर्मचारी शामिल है प्रदेश में 25हजार नियमित, 7हजार संविदा और 35हजार आउट सोर्स के कर्मचारी हड़ताल में शामिल होकर मुख्यता निजीकरण का विरोध कर रहे हैं सरकार विभाग के निजीकरण करने का बिल पारित करने वाली है जिसका हड़ताल कर विरोध किया जा रहा है अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं कार्यालय खोलने वाला भी कोई नहीं है जिसके चलते समस्त कार्यालय बंद है केवल कोर्ट और अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं को छोडक़र सभी कार्यों का बहिष्कार किया गया है यदि इसके बाद ही शासन हमें चर्चा के लिए नहीं बुलाती तो 24 25 और 26 अगस्त को तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी उसके बाद भी मांग पूरी ना होने पर 6 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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