रमरमा महादेव पहाड़ी पर बैठक सम्पन्न

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वारासिवनी अंतर्गत ग्राम रमरमा के पेंदीटोला स्थित रमरमा महादेव पहाड़ी पर 20 अप्रैल को वन विभाग के डिप्टी रेंजर और तीन वनरक्षकों के द्वारा की गई तोड़फोड़ का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसमें 27 अप्रैल को आक्रोशित समिति सदस्य व ग्रामीण के पूर्व निर्धारित आंदोलन के तहत महादेव पहाड़ी के द्वार पर बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक प्रशासनिक अधिकारी, मंदिर समिति सदस्य, ग्रामीण जन एवं गणमान्य नागरिक जनों की उपस्थिति में प्रारंभ की गई। जिसमें घटना के बाद प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही एवं उनके ऊपर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई सहित अनेक प्रकार के विषयों को लेकर बैठक में सवाल किये गये। जिसमें समिति सदस्य व ग्रामीणों के द्वारा बारी-बारी अपने विचार प्रशासनिक अधिकारियों के सामने व्यक्त किए गए वहीं इस घटना की घोर निंदा करते हुए सभी स्तर से बेहद घटिया कार्य बताया गया। वही प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने विचार के उपरांत उनकी कार्यवाही और किस प्रकार आगे कार्यवाही की जाएगी उक्त संबंध में जानकारी दी गई। जहां दोनों पक्षों के विचारों में असमानता देखी गई परंतु लगातार चर्चा के बाद फॉरेस्ट विभाग के द्वारा समस्त तकनीकी और विधिक कार्यवाही की जानकारी देते हुए समस्त प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराई गई की किस प्रकार से प्रशासन काम कर रहा है। आगे क्या करने वाला है वर्तमान में निलंबन की कार्यवाही को महज प्राथमिक चरण बताते हुए आगे संभवत सेवा समाप्ति तक की बात रखी गई की जांच उपरांत कुछ भी कार्यवाही हो सकती है। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए उन्होंने फॉरेस्ट विभाग की विभागीय कार्यवाही पर सर्वसम्मति से संतुष्टि जाहिर कर बताई गई कार्यवाही अनुसार निरंतर कार्यवाही करने और उसकी सूचना समिति को देने की बात विभाग से कहते हुए मामले में कठोर कार्यवाही करने की बात स्पष्ट रूप से प्रशासनिक अधिकारियों से कहीं। इसके बाद सर्वसम्मति का निर्णय मानकर बैठक समाप्त की गयी।

यह है मामला

वारासिवनी अंतर्गत ग्राम रमरमा के पेंदीटोला में महादेव पहाड़ी स्थित है जो वारासिवनी ही नहीं पूरे जिले व आसपास के जिलों में प्रसिद्ध स्थल है। जहां पर 12 महीने यात्री अपनी आस्थाओं के साथ महादेव के दर्शन कर लिए आते हैं तो वहीं हजारों सैलानी प्रकृति की गोद में बसे रमरमा में प्रकृति के सौंदर्य को निहारने के लिए जंगल को महसूस करने के लिए उक्त स्थान पर आते हैं। जहां पर निस्वार्थ भाव से हर हर महादेव समिति निर्माण कार्य एवं साफ सफाई बनाए हुए रखती है यह पूरा क्षेत्र दक्षिण सामान्य वन मंडल वन परिक्षेत्र वारासिवनी कार्यालय अंतर्गत आता है। जहां पर पदस्थ तत्कालीन डिप्टी रेंजर राजेंद्र बिसेन, सावंगी बीटगार्ड रविंद्र लड़कर, नैतरा बीटगार्ड राजा मडावी, रमरमा बीटगार्ड अशोक परते ने रात्रि में मंदिर परिसर पहुँचकर टेबल,कुर्सी,और व्यापार कर रहें दुकानों के पंडालो में जमकर तोड़फोड़ कर वहाँ लगे झंडो पर आग लगा दी गयी थी। जिससे ग्रामीणों सहित हर किसी की धार्मिक भावना आहत हुई थी जिनके द्वारा अपना जमकर आक्रोश व्यक्त किया गया था जिस पर वन विभाग के द्वारा मौके पर पहुंचकर 26 अप्रैल तक कठोर कार्यवाही करने की बात कही गई थी। जिस पर 23 अप्रैल को वन विभाग के द्वारा उक्त डिप्टी रेंजर व वनरक्षकों को निलंबित कर निलंबन अवधि में लांजी संलग्न कर दिया गया जिससे ग्रामीण और समिति सदस्यों के द्वारा वन विभाग कर अपने कर्मचारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद पूर्व निर्धारित समय के अनुसार 27 अप्रैल को महादेव पहाड़ी के द्वार पर प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीणों के बीच बैठक की गई जिसमें सर्वसम्मति से विभागीय कार्यवाही पर कठोर दंड दिलवाने का निर्णय लिया गया।

यह रहे मौजूद

इस अवसर पर महादेव समिति अध्यक्ष दिलेन्द्र ठाकरे पूर्व जिला पंचायत सदस्य राहुल बिसेन जिला पंचायत सदस्य लोमहर्ष बिसेन अभिषेक सुराना राजा ठाकरे एसडीम आरआर पांडे एसडीओपी अभिषेक चौधरी रेंजर छत्रपाल सिंह जादौन नायब तहसीलदार मंजुला महोबिया थाना प्रभारी बिभेन्द्रू व्यंकट टांडिया सहित हर हर महादेव समिति पदाधिकारी सदस्य पुलिस बल फॉरेस्ट अमला राजस्व अमला ग्रामीण जन एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

जिला पंचायत सदस्य लोमहर्ष बिसेन ने पद्मेश से चर्चा में कहा कि बैठक में जो निष्कर्ष आया है वह हमारी भावना के अनुरूप है यहां हर समय हम पहुंच नहीं पाते हैं परंतु यहां पर जो समिति सदस्य है व ग्रामीण दिन भर रहकर काम करते हैं उनकी भावना का निष्कर्ष निकला है। निर्णय लिया गया है फॉरेस्ट विभाग एवं एसडीएम ने जो बात कही है वह सत्यता की तरफ बढ़ना चाहिए विभागीय कार्यवाही जल्द होनी चाहिए। जब इनके द्वारा कहा जा रहा है तो वह अंजाम तक पहुंचे बीच में ऐसा नहीं होना चाहिए की लीपापोती हो गई।

समिति अध्यक्ष डिलेंद्र ठाकरे ने बताया कि 20 अप्रैल की रात में जो महादेव स्थल पर तोड़फोड़ हुई फिर जो कार्यवाही हुई हमने सभी स्थिति से अवगत करवाया उसके बाद इन लोगों ने 26 अप्रैल को कार्यवाही की तारीख दी थी जिन्होंने 23 अप्रैल को चार कर्मचारी पर कार्यवाही कर उन्हें निलंबित कर दिया इसके बाद 26 तक कुछ नहीं सुनने मिला तो 27 को बैठक रखी थी। यहां प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित हुए समिति के साथ बैठे तो निर्णय लिए के फॉरेस्ट विभाग कार्यवाही करेगा क्योंकि उनका कृत्य क्षमा योग्य नहीं है। यहां हर किसी की मानसिक स्थिति सामने आ रही है कि उन पर शासकीय कार्यवाही हो ताकि भविष्य में कोई ऐसा न करें हम इससे सहमत हैं बात रही तोड़फोड़ की तो अधिकारियों के सामने बात हुई है हमने कहा है तो उन्होंने सात दिवस में जो भी तोड़फोड़ और व्यवस्था भंग हुई है उसे पूरा करने की बात कही है। एक विषय रखा गया है कि यहां से 7 से 10 किलोमीटर दूर सोनेवानी गांव है जो विस्थापित हुआ है वहां तालाब गर्मी में भरा होता है जंगली जानवर पानी पीते हैं जहां से एक लंबा नाला महादेव तक आता है उसमें चेक डैम बनाएं ताकि बरसात का पानी स्टोर हो। यहाँ सैलानी आते हैं जलप्रपात लंबा चलेगा जानवरों को भी लाभ मिलेगा और यह हमारी योजना है इस पर हम कार्य करेंगे और आगे हम यह स्थान अधिग्रहण करने की मांग कर रहे हैं ताकि इस प्रकार की घटना दोबारा ना हो सके।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य राहुल बिसेन ने बताया कि वन विभाग कर्मचारियों ने तोड़फोड़ कर दी थी उसकी बैठक थी यहां निष्कर्ष निकला कि यह घटना निंदनीय है निम्न स्तर की है जिसे किसी भी स्टार या दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता जिससे जन भावना आहत हुई है। प्रशासन ने सख्त कार्यवाही के लिए अस्वस्थ किया है यह हमारा धार्मिक स्थल है सभी की आस्था का केंद्र है कोई अधिकारी कर्मचारी दोबारा ऐसा ना करें यही चाहते हैं और हम संतुष्ट है। इसमें जो डिप्टी रेंजर ने घटना करी है उसकी प्रवृत्ति और प्रकृति दोनों अपराधी दृष्टिकोण से दिखती है इसके पहले भी वह स्थानीय सरपंच व ग्रामीणों ने उसके अवैध खनन पर प्रामाणिकता के साथ शिकायत की थी आरोप लगाना अलग है पर प्रामाणिकता के साथ शिकायत करने पर विभाग की उदासीनता रही या अधिकारी उन पर क्यों मेहरबान थे पता नहीं उसका भी रोष ग्रामीणों में था। इसके पहले भी स्थानीय व्यक्ति ने यहां महादेव पहाड़ी पर एक दुकान लगाया था तो उसकी दुकान में इन्होंने आग लगा दी थी जिसकी शिकायत पुलिस में करें परंतु रिपोर्ट नहीं हुई जिससे इनकी हौसला अफजाई होती रही और विभाग ऐसी ही बचा रहा था।

इनका कहना है।

समय निर्धारित किया गया था बैठक का तो वह बैठक रखी गई थी जिसमें निर्णय लिया गया जो सभी को स्वीकार है। विभागीय कार्यवाही आगे बढ़ेगी और कठोर कार्यवाही की जायेगी इस चीज से सभी को अवगत कराया गया है आगे भी लगातार होने वाली कार्यवाही से अवगत कराकर उनके संज्ञान में ला दिया जायेगा विभागीय कार्यवाही पूरा करने के बाद सजा निर्धारित होगी।

छत्रपाल सिंह जादौन
रेंजर वारासिवनी

रमरमा में ग्रामीण एवं समिति सदस्यों के साथ हम सभी प्रशासनिक अधिकारियों ने चर्चा कर निर्णय लिया है कि विधिक कार्यवाही जो विभाग स्तर पर प्रचलित है उसे सभी ने स्वीकार किया है और उसी के सहारे अब आगे बढ़ा जाएगा।

अभिषेक चौधरी
एसडीओपी वारासिवनी

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