गाजा युद्ध के बीच फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता देने वाले प्रस्ताव के पारित होने पर इजरायल आगबबूला हो गया है। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाड एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से ही यूएन के चार्टर को फाड़ डाला। इस प्रस्ताव में फलस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता देने का समर्थन किया गया था। इजरायली राजदूत ने इस प्रस्ताव को यूएन के चार्टर का साफ तौर उल्लंघन करार दिया। साथ ही कहा कि यह अमेरिका के पिछले महीने लगाए गए वीटो को पलटने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इस मौके को पूरी दुनिया याद रखे। यह अनैतिक कृत्य है। इसके साथ ही उन्होंने यूएन के चार्टर को फाड़ डाला।
गिलान ने यह भी कहा कि मैं अपने हाथ शीशा लिया हूं ताकि आप देख सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव ने आधुनिक नाजियों के लिए संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खोल दिया है। उनका इशारा हमास की ओर था। उन्होंने कहा कि इस फैसले का परिणाम यह होगा कि जल्द ही याह्या सिनवार हमास के आतंकी राज्य का राष्ट्रपति होगा। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने शुक्रवार को विश्व निकाय में फिलिस्तीन की सदस्यता को विशेष दर्जा देने के लिए मतदान किया, जिसका उद्देश्य पूर्ण सदस्यता पर अमेरिकी वीटो को रोकना था।
भारत ने फलस्तीन का किया खुलकर समर्थन
गाजा पर इजरायल के हमले और युद्धविराम की लड़खड़ाती कोशिशों के साये में ऐतिहासिक प्रस्ताव को भारत, फ्रांस, चीन, रूस और जापान सहित 143 वोटों के साथ अपनाया गया, जबकि अमेरिका और इजरायल सहित 9 विपक्ष में थे। पिछले महीने सुरक्षा परिषद में पूर्ण सदस्यता के लिए फिलिस्तीन की बोली के एकमात्र अमेरिकी वीटो को खारिज करते हुए यूके, कनाडा और कई यूरोपीय सदस्यों सहित 25 सदस्य गैरहाजिर रहे।