नपा की शोभा बढ़ा रही फॉगिंग मशीन, शहर में नहीं हो रहा दवा का छिड़काव

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इन दिनों शहर के ज्यादातर इलाकों में लोग मच्छरों से परेशान है। खासतौर पर यह परेशानी शाम के समय और बढ़ जाती है। इनसे राहत देने के लिए नगर पालिका ना ही कीटनाशक का छिडक़ाव कर रही है, ना ही फॉगिंग मशीन चलाई जा रही है। देखा जाये तो नगर पालिका के द्वारा महीनों से शहर में फॉगिंग मशीन नहीं चलाई गई हैं। और फॉगिंग मशीन नगर पालिका में कबाड़ की स्थिति में खड़ी है जिसे देखकर लग रहा है कि नगर पालिका द्वारा इस मशीन को और वाहन को महीनों से उपयोग नहीं किया गया है और वैसे ही बिना रखरखाव किया धूल दुश्रित होने के लिए इतनी महंगी मशीन को कबाड़ जैसी हालत में खड़ी करके नगर पालिका स्वयं इस मशीन को भूल गई है

आपको बता दें कि जिस तरह से बालाघाट नगर पालिका क्षेत्र में शाम होते ही सभी वार्डों में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है और वार्डो की नालियां इतनी गंदगी से बजबजा रही है कि कोई भी व्यक्ति रोड पर खड़ा होना या घर के सामने निकलना पसंद नहीं करता आलम यह है कि महीनों से वार्डो में मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग मशीन नहीं चलाई गई है नगर पालिका द्वारा समय-समय पर इसके लिये केमिकल तो मंगवा लिए जाता हैं पर ना ही वार्डो की नालियों में इनका छिड़काव देखने मिलता है और ना ही फॉगिंग मशीन शहर में घूमते हुए नजर आती है जबकि देखा जाए तो मच्छरों और नालियों में पनप रहे संक्रमण से डेंगू जैसी बीमारियां भी पनपती है और नगर पालिका की स्वास्थ्य शाखा द्वारा ना ही संक्रमण के लिए केमिकल युक्त पाउडरओं का छिड़काव किया जाता है और ना ही नालियों की समय-समय पर साफ सफाई की जाती है जबकि देखा जाए तो शहर के बहुत से ऐसे निचले क्षेत्र है जहां पर आज भी नगर पालिका की टीम नहीं पहुंच पाती है नगर पालिका द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में अपने आप को प्रदेश की सूची में सम्मिलित होना भी बताया जाता है लेकिन जिले में इसकी हकीकत पर गौर करें तो परिणाम इसका शून्य ही नजर आ रहा है

नपा की शोभा बढ़ा रही फॉगिंग मशीन –

इन दिनों फॉगिंग मशीन नगर पालिका कार्यालय की शोभा बढ़ा रही है लेकिन दवा का छिड़काव करने में उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। यूं तो मच्छरों का प्रकोप साल भर रहता है लेकिन इन दिनों में गंदगी तथा कहि जलजमाव के कारण इसका प्रकोप काफी बढ़ जाता है। कुछ लोग तो मच्छर निरोधक दवा तथा मच्छरदानी का उपयोग करते हैं लेकिन कुछ लोगों को रात्रि में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर में बहुत स्थानों में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। नालियों का गंदा पानी रास्ते पर बहते रहता है। इसके कारण कीड़े-मकोड़े के साथ ही मच्छरों का साम्राज्य कायम रहता है। ऐसा नहीं कि नगर पालिका में फॉगिंग मशीन नहीं है। जबकि नगर पालिका में मशीन उपलब्ध हैं। हालांकि इसे संचालित करने वाला कोई सक्षम कर्मी है या नहीं है। यह तो नही पता पर नगर पालिका द्वारा इसकी देख रेख कितनी हो रही वह तो इसे देख कर ही पता लगता है

नपा. को है डीजल की चिंता –

कुछ लोगों का कहना है कि हालिया डीजल मामले के बाद नगरपालिका, उपयोगी वाहनो को डीजल खपत के डर से नहीं चला रही है, जिसमंे फॉगिंग मशीन को नहीं चलाना भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है। जिससे साफ जाहिर होता है कि नगरीय क्षेत्र में नागरिकों को बढ़ते मच्छरों के प्रकोप से बचाने से ज्यादा नगरपालिका को डीजल की चिंता है। जबकि वर्तमान में शहरी क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ा है, हालिया बारिश और नालियो में जमा गंदा पानी, मच्छरों को बढ़ने में मददगार बना है, लेकिन इसे रोकने फॉगिंग मशीन का उपयोग कही नजर नहीं आ रहा है।

कबाड़ की स्थिति में खड़ी है फॉगिंग मशीन –

नगरपालिका की फॉगिंग मशीन की हालत कैसी है और वह कहां है, जब इसके बारे में मालुमात हासिल की गई तो स्वास्थ्य विभाग की शाखा के पास ही धूलो से सना एक वाहन नजर आया। जिसमंे नगरपालिका ने फॉगिंग मशीन लगाकर उसे फॉगिंग वाहन बनाया है। जिसकी हालत से यह स्पष्ट नजर आ रहा था कि काफी लंबे समय से इसका उपयोग नहीं किया गया है। जहां वाहन बाहर ही नही बल्कि अंदर से भी भरी धूल से नजर आया। जिसके देखने से ही लगता है कि इस वाहन को साफ-सुथरा रखने का कभी प्रयास नहीं किया गया और जब इसकी आवश्यकता होगी तो फिर सुधार के नाम पर इसमें भारी भरकम राशि का खर्चा दिखाया जाएगा। जबकि इसे अभी के समय में यदि थोड़ी बहुत साफ सफाई और ढक कर यदि रख दिया जाए तो यह मशीन और वाहन सुरक्षित रह सकता है पर नगर पालिका को इसकी कोई चिंता नहीं है और ना ही इसका उपयोग इन दिनों नगर पालिका शहर में कर रही है

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