भाई बहिन के प्रेम व अटूट रिस्ते का पर्व रक्षाबन्धन 19 अगस्त को मनाया जायेगा। पर्व को लेकर हिंदु द्यर्माबलंबियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है वही खासकर बहिनों में यह पर्व को लेकर नगर में सजा राखी बाजार में जहां बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुये तरह तरह की राखी अपने भाईयों की कलाई में बांधने के लिये खरीदी जा रही है। हालांकि मानसून लेट होने से कुछ वर्षों से पर्व में शिथिलता आयी थी पर अब बाजार में रौनक दिख रही है। अब भाई अपनी बहनों को लेने या उनसे राखी बंधवाने अन्यत्र शहर भी उनके ससुराल जा सकते है किंतु अधिकांश बहने ही आती है। हालांकि राखी के व्यवसाय में इस मर्तबा भी 10 से 15 प्रतिशत महंगाई की मार पड़ी है। फिर भी बहिनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने आतुर दिखाई दे रही है।
बाजार में लौटी रौनक
राखी बाजार में बीते करीब 2 से 3 वर्षों से देखने में आ रहा था कि रौनक नहीं दिखाई दे रही थी वह केवल पर्व के दिन दिखाई देती थी। परंतु इस मर्तबा राखी के तीन दिन पहले से बाजार में रौनक बनी हुई है जहां पर लोग खरीदी करने के लिए उतार रहे हैं। जिसका एक कारण माना जा रहा है कि बीते कुछ वर्षों में मानसून लेट हो रहा था जिसके कारण कृषि कार्य लंबे समय तक चल रहा था ऐसे में हाथ में रुपए न होने और खेती का कार्य होने से लोग बाजार केवल पर्व के दिन आकर जरूरी सामग्री की खरीदी करते थे। परंतु इस वर्ष मानसून ने पहले ही दस्तक देकर करीब 75 प्रतिशत खेती कार्य संपन्न करवा दिया है जिसके चलते बाजार में रौनक दिखाई दे रही है। जहां पर केवल राखी की दुकान ही नहीं हर दुकानों में लोग खरीदी करने के लिए पहुंच रहे हैं।
हर वर्ष से अच्छा व्यापार है जिसे मंदी नही कहेंगे – आकाश जैन
व्यापारी आकाश जैन ने पदमेश से चर्चा में बताया कि उन्होने दो दिवस पूर्व ही राखी की दुकान संजाई जहां फिलहाल व्यवसाय ठीक चल रहा है। लेकिन राखियों सहित रूमाल की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृध्दि हुई है। इस बार हमारे द्वारा हर प्रकार की राखीयां ही बेची जा रही है। यह व्यवसाय सिर्फ तीन दिन का बचा हुआ है रखी खरीदने में उत्सुकता दिखा रहे है। यह राखी हमारे द्वारा नागपुर व अन्य स्थानों से खरीदी की गई है। शहर में केवल शहर और आसपास के ग्राम का बाजार होता है पहले जैसे ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं आते हैं क्योंकि स्थानीय स्तर पर उन्हें वस्तुएं उपलब्ध हो रही है। देखें तो राखी की दुकान भी बढ़ गई है जिस प्रकार से अभी व्यवसाय चल रहा है उसे मंदी नहीं कह सकते व्यापार अच्छा है हर दुकान में ग्राहक दिख रहे हैं पिछले वर्ष की अपेक्षा ठीक है बाजार।