भोपाल: साइबर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट में शामिल एक गिरोह से जुड़े एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के महोबा में हुई है। डिजिटल अरेस्ट मामले में साइबर क्राइम ब्रांच ने पहली गिरफ्तारी की है। आरोपी एक POS (पॉइंट ऑफ सेल) एजेंट है। वह कथित तौर पर साइबर अपराधियों को मोटी रकम में सिम कार्ड बेचता था। पुलिस अब उन लोगों का पता लगा रही है, जिन्होंने धोखाधड़ी करने के लिए ये सिम कार्ड खरीदे थे।
फ्री में सिम कार्ड देकर करता था शोषण
गिरफ्तार एजेंट कथित तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त सिम कार्ड देकर उनका शोषण करता था। वह ग्राहकों के आधार कार्ड का इस्तेमाल दो सिम जारी करने के लिए करता था। एक ग्राहक के लिए और दूसरा, जिसे वह सक्रिय करके रखता था और धोखेबाजों को ऊंचे दामों पर बेच देता था। शुरुआती जांच से पता चला है कि उसने साइबर अपराधियों को लगभग 150 सिम कार्ड बेचे।
टेलीकॉम इंजीनियर को अरेस्ट करने के दौरान खुलासा
यह घोटाला तब सामने आया जब बजरिया निवासी, एक टेलीकॉम कंपनी के फील्ड इंजीनियर, 38 वर्षीय प्रमोद कुमार ने एक घटना की सूचना दी। 12 नवंबर को, एक अज्ञात धोखेबाज ने प्रमोद को फोन किया, जो खुद को टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण का बता रहा था। कॉल करने वाले ने आरोप लगाया कि प्रमोद के आधार से जुड़े एक सिम कार्ड का इस्तेमाल मुंबई में अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। कुछ ही देर बाद, प्रमोद को मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के रूप में किसी ने व्हाट्सएप कॉल किया।