दंगे से पहले आम परिवार की तरह शादी के सपने संजोने वाली संजय नगर त्रिवेणी चौक निवासी लक्ष्मी मुछाल की शादी शुक्रवार को किसी नामी हस्ती की तरह पूरे धूमधाम से की गई। इस शादी में न केवल लक्ष्मी का परिवार बल्कि शासन-प्रशासन भी घराती बना। हालांकि मामा शिवराजसिंह चौहान तो शादी में नहीं पहुंच सके, लेकिन प्रदेश के कृषि मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल खुद मामेरा लेकर पहुंचे। वहीं मुख्यमंत्री ने वर्चुअली जुड़कर नव दंपत्ति को आशीर्वाद दिया। शासन की ओर से स्कूटर, वाशिंग मशीन और घरेलू उपयोग का समस्त सामान दिया गया।
ज्ञात हो कि गत 10 अप्रैल को श्रीरामनवमी पर हुए उपद्रव में दंगाइयों ने लक्ष्मी मुछाल के घर का दरवाजा तोड़ उसकी शादी का दहेज का सामान, अनाज आदि लूट लिया था। पहले लक्ष्मी को 11 अप्रैल को हल्दी लगना थी और 14 अप्रैल को उसकी शादी थी लेकिन उक्त घटनाक्रम के चलते शादी टल गई थी। उपद्रव के बाद शहर के हालात जानने आए प्रभारी मंत्री पटेल ने लक्ष्मी को पूरी शादी का खर्च उठाने का वाद किया था। इसके बाद लक्ष्मी की शादी 20 मई को निर्धारित हुई लेकिन कोई व्यवस्था नहीं थी।
इस पर नईदुनिया ने लक्ष्मी और उसकी परिवार की आवाज बन, जिम्मेदारों को जगाया। इसके बाद प्रभारी मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री ने लक्ष्मी और उसके परिवार से चर्चा कर शासन की ओर से शादी के लिए आश्वस्त किया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री व प्रभारी मंत्री ने किए वादे को पूरी तरह निभाया और लक्ष्मी की शादी धूमधाम से की गई। इस दौरान प्रभारी मंत्री पटेल सहित सांसद गजेंद्रसिंह पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र राठौड़, बड़वाह विधायक सचिन बिरला, नवागत कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम, एसपी धर्मवीरसिंह यादव आदि उपस्थित थे।
गदगद नजर आया लक्ष्मी का परिवार
प्रदेश स्तर तक चर्चित हो चुकी लक्ष्मी की शादी से उसका पूरा परिवार भी गदगद नजर आया। लक्ष्मी के भाई सतीष मुछाल ने नईदुनिया से चर्चा में कहा कि हमारे पिता का निधन करीब 23 वर्ष पूर्व और मां का निधन करीब 13 वर्ष पूर्व हो चुका है। बहन की शादी को लेकर जैसे-तैसे सामान जुटाया, जो दंगाई लूट कर ले गए। इसके बाद अब शासन-प्रशासन द्वारा धूमधाम से शादी की गई, इतना कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मुख्यमंत्री व प्रभारी मंत्री ने सगे मामा और भाई की तरह अपना वादा निभाया है।
दूसरी बेटी के लिए मुख्यमंत्री से करूंगा चर्चा
उधर प्रभारी मंत्री के जिला मुख्यालय पहुंचने पर उपद्रव प्रभावित शालिनी कानूनगो ने सर्किट हाउस पहुंच प्रभारी मंत्री पटेल से मुलाकात कर अपनी व्यथा बताई। शालिनी ने बताया कि दंगे में हमारी पूरी घर-गृहस्थी उजड़ गई। मुख्यमंत्रीजी ने मकान देने की बात कही थी लेकिन उसका अब तक कुछ नहीं हुआ है। नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का फ्लैट आवंटित कर 25 हजार रुपये लिए गए हैं और अब फायनेंस करवाने की बात कर रहे हैं। उसका ब्याज हम कैसे भरेंगे? पिता है नहीं और भाई बेरोजगार है। शालिनी ने प्रभारी मंत्री से पिता की जगह भाई योगेश को अनुकंपा नियुक्ति व घर की मांग की। इस पर प्रभारी मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से अलग से चर्चा कर पूरी तरह मदद करेंगे।