पाकिस्तान इन दिनों अपने इतिहास की सबसे भयावह त्रासदी से गुजर रहा है। देश में आई जबरदस्त बाढ़ ने उसकी रीढ़ तोड़ दी है। ऐसे में बलूचिस्तान के हिन्दुओं ने भाईचारे और मानवता की मिसाल पेश की है। यहां के हिन्दुओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मंदिर के दरवाजे खोल दिए हैं। बाढ़ ने पाकिस्तान के 80 जिलों को तहस-नहस कर दिया है। देश में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या करीब 1200 पहुंच गई है। जानकारी के मुताबिक बाढ़ की वजह से बलूचिस्तान के कच्छी जिले का एक छोटा गांव पूरे इलाके से कट गया है। पाकिस्तान के के एक अखबार के मुताबिक बाढ़ ने कई घरों को नुकसान पहुंचाकर सबकुछ तहस-नहस कर दिया है । देश में बाढ़ की ऐसी भयावहता देख बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों ने बाबा मधुदास मंदिर के दरवाजे बाढ़ पीड़ितों के लिए खोल दिए। दूसरी ओर यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड संस्था ने भी पाकिस्तान के हालातों पर चिंता जताई है। संस्था पाकिस्तान की 6 लाख 50 हजार बाढ़ पीड़ित गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चिंता जता चुकी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएन की इस संस्था ने यह भी कहा है कि 73 हजार महिलाएं अगले महीने बच्चों को जन्म देंगी। इनके लिए ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत है, जो बच्चों को संभालने का कौशल जानते हों।पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से भुखमरी के हालात हो गए हैं। देश के तीन करोड़ से ज्यादा लोग कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ की परिस्थिति में आने वाले दिनों कोई बदलाव नहीं होगा। स्थिति और गंभीर हो सकती है। बाढ़ पीड़ित लोग खुले आसमान के नीचे बिना किसी साधन के जीने को मजबूर हैं। देश का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पानी में समाया हुआ है और लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।