हॉकी इंडिया के प्रेसिडेंट और पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप तिर्की ओडिशा के CM नवीन पटनायक को आज की भारतीय हॉकी का मां-बाप मानते हैं। वे भारतीय हॉकी के पुनरुद्धार का श्रेय भी उन्हीं को देते हैं। अगले महीने ओडिशा सरकार की मेजबानी में आयोजित हो रहे इस टूर्नामेंट से पहले भारतीय हॉकी के मुखिया दिलीप तिर्की ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
भारत को लगातार दूसरी बार हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली है। वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक ही देश लगातार 2 सीजन होस्ट कर रहा है। 2018 में पिछला वर्ल्ड कप भारत (भुवनेश्वर) में हुआ था।
44 साल के इस दिग्गज डिफेंडर ने वर्ल्ड कप की तैयारी, भारत के जीतने की संभावना, ओलिंपिक की तैयारी और भविष्य की तैयारियों पर भास्कर से विस्तृत चर्चा की।
सवाल : ओडिशा लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप करा रहा है, लेकिन पहली बार भुवनेश्वर और राउरकेला में मैच खेले जाएंगे। कितनी अलग तैयारी की?
वर्ल्ड कप होस्ट करना सौभाग्य की बात है। यह हमारा सौभाग्य है कि ओडिशा सरकार को बैक टु बैक वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली है। टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
हमने 2018 में पिछले वर्ल्ड कप को भी बेहतरीन तरीके से कराया था। तब यहां सरकार के साथ-साथ फैंस का भी सपोर्ट मिला था। इसीलिए हमें दोबारा मेजबानी मिली है।
जहां तक तैयारियों की बात है तो 2 वेन्यू में मैच कराना हमेशा चैलेंजिंग रहता है। हमारा एक वैन्यू का आयोजन सक्सेस रहा। सरकार भी कलिंगा स्टेडियम में मैच कराने की आदी हो गई थी। ओडिशा सरकार ने राउरकेला में एक अलग स्टेडियम बनाया है। 20 हजार से अधिक क्षमता वाला यह स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम होगा। मैंने बहुत सारे मैच खेले, लेकिन अपने करियर में इतने बड़े स्टेडियम में मैच नहीं खेला है।
सवाल : वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के आयोजन से भारतीय हॉकी को कितना फायदा मिलेगा?
जिस कंट्री में वर्ल्ड कप हो रहा है, वहां यह समझ लीजिए कि हॉकी का विकास हो रहा है। इससे बच्चे और युवा हॉकी खेलने के लिए इंस्पायर हो रहे हैं। जो हॉकी देखना चाहते हैं, खेलना चाहते हैं और हॉकी पसंद कर रहे हैं। जहां भी ऐसे बड़े आयोजन होते हैं, वहां हॉकी का माहौल अच्छा हो जाता है। ओडिशा में हॉकी का क्रेज बढ़ेगा। राउरकेला, जो आज हॉकी की नर्सरी है। वहां इस खेल के चाहने वाले और बढ़ जाएंगे।
मैंने खुद कभी नहीं सोचा था कि राउरकेला वर्ल्ड कप के मैचों की मेजबानी करेगा। यहां इतने लोग आएंगे कि भारतीय और विदेशी टीमों को लगेगा कि आज भी हॉकी के फैंस जिंदा हैं।
सवाल : आप भारतीय टीम के पूर्व कप्तान हैं, ओडिशा सरकार के साथ मिलकर हॉकी को बढ़ा रहे हैं और हॉकी इंडिया के अध्यक्ष भी हैं। क्या आपके मार्गदर्शन में 1975 के बाद पहली बार हमारी टीम वर्ल्ड कप जीतने में सफल होगी।
हम सब चाह रहे हैं कि हमारी भारतीय टीम अच्छा खेले, सेमीफाइनल जाए और फाइनल जाए। एज अ प्लेयर मैं भी कहूंगा कि हमारी टीम चैंपियन बने, लेकिन मार्डन हॉकी के बारे में सब जानते हैं। यह सिचुएशन पर निर्भर करती है। ग्राउंड में जो टीम परफेक्ट हॉकी खेल रही है, जिसे गोल का मौका मिला और जिसने गोल दाग दिया। वही चैंपियन बनेगा।