बालाघाट से गोंदिया राष्ट्रीय राजमार्ग 543 के निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा अधिग्रहण किए गए भूमि के किसानों से आधार कार्ड बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जमा करने के लिए विभिन्न ग्रामों में शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में 1 अगस्त को लालबर्रा अंतर्गत ग्राम पंचायत डोगरिया के पंचायत भवन में शिविर का आयोजन किया गया। जहां पर किसानों के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 543 में अधिग्रहण की गई भूमि की मुआवजा प्रक्रिया पर असंतोष जाहिर करते हुए आपत्ति पत्र उपस्थित अधिकारियों को सौप कर 50 लाख से एक करोड़ रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने की मांग की गई। वही शासन पर कृषि व्यवसाय को खत्म करने का आरोप भी लगाया गया। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी ग्राम पंचायत डोगरिया के किसान हैं हमारे खेतों से राष्ट्रीय राजमार्ग 543 का निर्माण होना है जिसके लिए किसानों की भूमि का चिन्हांकन कर भू अर्जन की कार्यवाही की जा रही है। जिसमें किसानों को प्रति एकड़ भूमि का बाजार भाव से बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है जिसमें किसान दूसरे स्थान पर भूमि खरीदने में असमर्थ है। इस कार्यवाही से हमारी भूमि खत्म हो रही है जिससे हमारे व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है जो शासन के द्वारा हमसे छीना जा रहा है हम चाहते हैं कि हमें उचित मुआवजा दिया जाये जिससे कि हम अपने व्यवसाय को यहां नहीं कहीं और निरंतर रख सके अन्यथा हमें भूमि के बदले भूमि उपलब्ध कराई जाये जिससे कि हम खेती करते रहे। यह एकमात्र हमारा परिवार पालन का साधन है और शासन जो हमारे साथ कर रहा है इससे हमें आगे समस्या ही होना है जिसके लिए हम सभी ने निर्णय लिया है कि हमारे लिए शासन सही निर्णय ले अन्यथा हम अपनी भूमि देने से इनकार करते हैं। इस अवसर पर लेखचंद बिसेन सुखलाल राहंगडाले ड़ालीचंद भगत टेकचंद भगत सुखचंद सोनेकर ओमप्रकाश सोनेकर जितेंद्र चौहान धकनबाई चौहान कासनबाई भगत राधिका बिसेन देवराज ठाकरे मुरलीधर ठाकरे पांडुरंग राहंगडाले भागवत सूर्यवंशी डिलन सूर्यवंशी मुन्नालाल टैमरे चमनबाई टेंभरे टुंडीलाल टेंभरे ताराचंद भगत मोहनलाल सिरसाम गजेंद्र चौहान टेकन बाई टेंभरे सहित अन्य किसान गण मौजूद रहे।
30 ग्रामों से गुजरेगा यहां राष्ट्रीय राजमार्ग 543
यहां यह बताना लाजमी है कि बालाघाट से गोंदिया राष्ट्रीय राजमार्ग 543 पांच विकासखंड के करीब 30 गांव के मध्य से निकलेगा जो लालबर्रा विकासखंड के लबादा, लेंडझरी, गर्रा, मंझापुर, डोंगरिया से वारासिवनी विकासखंड के ग्राम राजेगांव एकोड़ी, रेंगाटोला, जागपुर से होते हुए बालाघाट के ग्राम भमोडी, गोंगलाई, खुरसोड़ी, कन्हड़गाव, पेंडराई के बाद किरनापुर के मुख्य मार्ग स्थित ग्राम चिखला, खारा, राजेगांव, नेवरगांवकला, मंगोलीकला, दीघोधा, मरी, सालेटेका व अन्य 1 गांव को पार कर गोंदिया महाराष्ट्र के ग्राम कोरनी, चंगेरा, रावनवाड़ी, राजेगांव व अन्य 3 ग्राम से होता हुआ गोंदिया पहुंचेगा। उक्त ग्रामों में लगभग भूमि अधिग्रहण कार्य संपन्न हो चुका है।
किसान डालीचंद भगत ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हमारे द्वारा शासन को सामूहिक आपत्ति पत्र दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 543 जो हमारे खेतों से होकर जा रहा है जिससे खेत के 2 से 3 भाग हो रहे हैं। खेती करने में हमें दिक्कत जा रही है इसके बदले जो मुआवजा दे रहे हैं वह बाजार भाव से बहुत कम है हमारे बाजार भाव 50 लाख से एक करोड़ तक के हैं हमें 5 से 7 लाख रुपये एकड़ के भाव से मुआवजा दे रहे हैं। श्री भगत ने बताया कि इससे हमें समस्या होगी क्योंकि हम कृषि भूमि खरीदने में असमर्थ है हमारा कृषि काम जीवन यापन करने का जरिया है और वह काम अब खत्म हो रहा है। हम शासन के साथ है विकास हम भी चाहते हैं पर हमारी भूमि का उचित मुआवजा मिले 3 से 4 भाग में जो भूमि बट रही है उस पर भी ध्यान देकर व्यवस्था करें और यदि यह नहीं होगा तो हम किसान विरोध करते हैं।
किसान सुखलाल राहंगडाले ने बताया कि रोड से हमें समस्या यह है कि ग्राम के कुछ मकान व खेती की भूमि क्षतिग्रस्त हो रही है हम भूमि से व्यवसाय करते हैं शासकीय भूमि से यह रोड का निर्माण किया जा सकता है जिससे कृषि भूमि खराब नहीं होगी परंतु कृषि भूमि से रोड जाने से हमें नुकसान है। मुआवजा भी एक चौथाई से कम मिल रहा है। श्री राहंगडाले ने बताया कि मेरा 10 लोगों का परिवार है 3.50 एकड़ मेरी भूमि है उस पर बीच से रोड जा रहा है अब कैसे परिवार का पालन होगा इस पर शासन हमें सलाह दें। हमारे खेत के बाजू में शासकीय भूमि भी है तालाब भी है वहां नीचे भी मेरी भूमि है परंतु जिस प्रकार से पूरी खेती के बीच से यह रोड गुजरेगा तो मेरी खेती का हृदय काट रहे हैं मतलब मेरा ह्रदय काट रहे हैं। बाजू में शासन की भूमि है हमारी किसी अधिकारी से चर्चा नहीं हुई है पहली बार यहां पर कोई बाबू आए हैं जिन्हें हमने आपत्ति पत्र दिया है।
किसान लेखचन्द बिसेन ने बताया कि मेरी 70 डिसमिल भूमि रोड पर गई है और यह मार्ग खेती के बीच में है यदि साइड से ज्यादा तो समस्या नहीं होती मुआवजा हमें कम मिल रहा है जबकि यहां 50 लाख से एक करोड़ का बाजार भाव भूमि का चल रहा है। किंतु 7 से 8 लाख प्रति एकड़ यह दे रहे हैं जो बहुत कम है। श्री बिसेन ने बताया कि गर्रा से सर्वे हुआ था फिर इसे बंद कर डोगरिया से रोड निकाले हैं यदि यह गर्रा से जाता तो किसानों की जमीन बच जाती और किसी को समस्या नहीं होती। अभी किसानों को यह रेट कम दे रहे हैं हम चाहते है कि उचित रेट दे ताकि किसानों का विकास हो और यहां पर जो कर्मचारी है उनसे बात करते हैं तो उनके द्वारा कहा जा रहा है कि कलेक्ट्रेट जाओ।
राजस्व निरीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 543 बालाघाट गोंदिया के लिए भूमि अधिग्रहण की गई है जिनका मुआवजा भी तैयार हो गया है अब किसानों से आधार कार्ड और पासबुक की प्रति लेना है। वही जिस किसान के खाते में राशि आती है उससे सहमति पत्र लेना है। इन्हें शासन की गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा वितरण किया जा रहा है हर भूमिका अपना रेट होता है उसी के अनुसार मुआवजा वितरण हो रहा है।