62 दिनों से जिले की दुग्ध समितियों को नहीं मिला दूध का भुगतान

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कृषि प्रधान बालाघाट जिले में दूध उत्पादक किसानों की मदद कर, उनकी आय को बढ़ाने के लिए शासन द्वारा सहकारी दुग्ध समिति का निर्माण कराया गया है। जहां जिले भर की विभिन्न दुग्ध समिति किसानों से दूध लेकर उस दूध को सहकारी दुग्ध संघ बालाघाट के माध्यम से सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर को दूध बेचती है।जहां जबलपुर दुग्ध संघ से दूध के पैकेट बनाकर पैकेट के माध्यम से दूध पूरे जबलपुर संभाग में वितरित किया जाता है।लेकिन जो समितियां, सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर को दूध बेचने का काम कर रही है उन्हें दूध का भुगतान समय पर नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते दूध उत्पादक किसान समितियों को दूध नहीं दे रहे हैं और निजी डेयरी में दूध जाने से समिति और प्रशासन को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसपर अपना एतराज जताते हुए जिला सहकारी दुग्ध समिति ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने सहकारी दुग्ध संघ जबलपुर पर 62 दिनों का 3 से 4 करोड़ रुपए का भुगतान न किए जाने पर आपत्ति जताते हुए जल्द से जल्द समस्त समितियों को दूध का भुगतान किए जाने की मांग की। जहां उन्होंने प्रत्येक 10 दिन के भीतर दूध का भुगतान करने, भैंस का दूध 10रु प्रति फेट ,तो गाय का दूध 40 रु प्रति लीटर सुनिश्चित करने ,दूध समिति के सचिवों को पंचायत के रोजगार सहायक के बराबर मानदेय देने, दूध उत्पादन किसानों को बोनस के रूप में प्रोत्साहन राशि देने और दुधारू पशुओं का निशुल्क बीमा किए जाने की मांग की। जहां उन्होंने 3 से 4 करोड़ रुपए का यथाशीघ्र भुगतान न मिलने पर, जिले के समस्त समितियों के साथ मिलकर आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।

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