धान उपार्जन का पंजीयन ना होने से किसान चिंतित

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प्रदेश सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसल के उपार्जन पंजीयन के अंतिम तिथि 5 अक्टूबर निर्धारित की गई है परंतु वर्तमान तक किसी भी कृषक का पंजीयन फसल उपार्जन के लिए नहीं किया गया है। ऐसे में किसानों के माथे पर स्पष्ट रूप से चिंता की लकीरें देखी जा रही है जो लगातार सेवा सहकारी समिति एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कि शाखों के चक्कर लगा रहे हैं। इसी कड़ी में वारासिवनी क्षेत्र के भी किसान अपने पंजीयन के लिए सोसाइटियों के चक्कर लगा रहे हैं परंतु हड़ताल के चलते समर्थन मूल्य पर धान शासन को देने के लिए पंजीयन नहीं हो पा रहा है। जिससे वह बहुत ज्यादा परेशान है क्योंकि क्षेत्र की सहकारी समितियां की हड़ताल के चलते सभी जगह ताले लटके हुए हैं तो वही गिरदावरी के कारण वह अन्य स्थान पर भी अपना पंजीयन सुनिश्चित नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन अंतिम तिथि के बचे हैं जिससे उनमें शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है और वह लगातार शासन से पंजीयन की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि वह सुविधा पूर्वक अपना पंजीयन करवा कर शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेच सके।

हड़ताल का पंजीयन पर पड़ा असर

जिले में अपनी लंबित मांगों को लेकर सेवा सहकारी समिति अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे इसी दौरान मध्य प्रदेश पटवारी संघ के आव्हान पर क्षेत्र के भी सभी पटवारी हड़ताल पर बैठ गए थे ऐसे में पटवारी के द्वारा किसानों के खेतों मैं लगी फसल की गिरदावरी नहीं की गई थी। इस परिस्थिति में सेवा सहकारी समिति के हड़ताली कर्मचारी प्रशासन के आश्वासन पर वापस कार्य पर लौट गए थे परंतु पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होने से गिरदावरी नहीं हो पाई और ऐसी स्थिति में फिर शासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सेवा सहकारी समिति के अधिकारी कर्मचारी पुनः हड़ताल पर चले गए हैं। वही पटवारी पूरे 1 महीने के बाद कार्य पर वापस लौटे हैं जो गिरदावरी के कार्य पर जुट गए हैं।

पंजीयन तिथि बढ़ाने की उठ रही मांग

क्षेत्र में किसानों की धान खरीदी करने के पंजीयन के लिए अंतिम तिथि 20 सितंबर निर्धारित की गई थी इस दौरान पटवारी और सेवा सहकारी समिति के अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर होने से पंजीयन संभव नहीं हो पाया। इसके बाद 5 अक्टूबर तक पंजीयन की तिथि को बढ़ाया गया था ऐसे में पटवारी हड़ताल समाप्त होने के बाद गिरदावरी कार्य में जुट गए हैं परंतु क्षेत्र सहित जिले के हजारों किसानों के पंजीयन 2 दिन में पूर्ण होना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। ऐसे में किसानों के द्वारा शासन प्रशासन से पंजीयन तिथि बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है ताकि सभी किसान अपना पंजीयन करा कर शासन को समर्थन मूल्य पर अपनी धान दे सके।

किसान श्यामलाल पटले ने बताया कि वह समिति में धान का पंजीयन करवाने आए थे परंतु सोसाइटी बंद है उन्हें समिति के अलावा कोई जानकारी नहीं है जबकि इसकी अंतिम तिथि 5 अक्टूबर बता रहे हैं। मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है मैं नया किसान हूं मेरे द्वारा ढाई एकड़ में फसल लगाई गई है अब आगे जैसा होगा वैसा देखना पड़ेगा अभी तो सोसाइटी बंद है और ना ही कोई कर्मचारी मिला है।

किसान संजय बुरड़े ने बताया कि सोसाइटी बंद है ताला लगा हुआ है हम धान का पंजीयन करवाने आए थे परंतु अब हमें समस्या है कि समिति बंद रहने से पंजीयन नहीं हो पायेगा क्योंकि सोसाइटी वाले सभी हड़ताल पर है। एक महीना हो गया है पंजीयन प्रारंभ हुए पर अभी तक किसी का पंजीयन नहीं हो पाया है और लगातार हम समिति आ रहे हैं इनकी अभी भी हड़ताल चल रही है। पंजीयन के लिए किस स्थान पर जाना है इसकी हमें अभी जानकारी नहीं है हर वर्ष हम समिति से पंजीयन करवाते हैं हम चाहते हैं की तिथि आगे बढ़ाई जाये।

किसान भुवनलाल डहरवाल ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि मैं धान उपार्जन के पंजीयन की जानकारी लेने के लिए वारासिवनी आया हुआ हूं मैं खड़कपुर का रहने वाला हूं मेरी समिति झालीवाड़ा है जो बंद रहने से यहां पर मेरा आना हुआ है। तीन से चार बार चक्कर लगा चुका हूं परंतु कोई जानकारी नहीं मिल रही है हमारी और वारासिवनी की भी सोसाइटी बंद पड़ी हुई है ऐसे में 15 से 20 किलोमीटर आना जाना परेशान होना ही है। हमने मेहनत से खेतों में धान लगाया हुआ है और यही चाह रहा है कि समर्थन मूल्य पर अपनी धान शासन को बेच सके किंतु पंजीयन नहीं होने से हम परेशान हैं और वंचित होने का डर लगा हुआ है।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा वारासिवनी प्रबंधक विजय मिश्रा ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि हम पंजीयन करने की स्थिति में थे और पूरी समितियां के द्वारा तैयारी की गई थी पर गिरदावरी नहीं हो पाई है पटवारी हड़ताल पर चले गए थे यदि पटवारी गिरदावरी करते तो कियोस्क वह अन्य सेवा संस्थाओं से किसानों के द्वारा पंजीयन किया जा सकता था। अभी समिति कर्मचारी हड़ताल पर है और गिरदावरी जो है वह राजस्व का मामला है इसलिए शासन को तिथि बढ़ाना पड़ेगा और यह किसानों के हित में जरूरी है।

इनका कहना है

दूरभाष पर चर्चा में बताया कि पटवारी हड़ताल से वापस लौटे हैं जिन्हें तीव्रता से गिरदावरी करने के लिए निर्देशित किया गया है क्योंकि इसी के बाद किसानों के पंजीयन हो पाएंगे। किसानों के पंजीयन के लिए शासन के द्वारा तिथि बढ़ाई जायेगी।

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