दो ‘I’ का चक्र ही भारत की सबसे बड़ी ताकत,राष्ट्रीय युवा संसद में बोले PM

0

नई दिल्ली। द्वितीय राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय युवा संसद समारोह आयोजित किया जाता है, जो हमारे संविधान के निर्माण का गवाह था। पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है। क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार! लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती।

युवा के संसद बहाने कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं।राजनीतिक वंशवाद, Nation First के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है:

पीएम नरेंद्र मोदी की स्पीच के खास अंश

  1. अभी भी ऐसे लोग हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है।
  2. कुछ बदलाव बाकी हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। राजनीतिक वंशवाद, देश के सामने ऐसी ही चुनौती है जिसे जड़ से उखाड़ना है। अब केवल सरनेम के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं। लेकिन राजनीति में वंशवाद का ये रोग पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
  3. ये स्वामी जी ही थे, जिन्होंने उस दौर में कहा था कि निडर, बेबाक, साफ दिल वाले, साहसी और आकांक्षी युवा ही वो नींव है जिस पर राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होता है। वो युवाओं पर, युवा शक्ति पर इतना विश्वास करते थे। 
  4. समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है। अध्यात्म को लेकर उन्होंने जो कहा, राष्ट्रवाद-राष्ट्रनिर्माण को लेकर उन्होंने जो कहा, जनसेवा-जगसेवा को लेकर उनके विचार आज हमारे मन-मंदिर में उतनी ही तीव्रता से प्रवाहित होते हैं।
  5. स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है।
  6. लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं। Individual से Institutions और Institutions से Individual का ये चक्र भारत की बहुत बड़ी ताकत है।

लोकसभा के स्पीकर ने क्या कहा
दूसरे राष्ट्रीय यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल को संबोधित करते हुए लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि देश के युवाओं को संसदीय व्यवस्था की जानकारी के लिए राज्यों के जरिए नो योर कांस्टीट्यूशन कार्यक्रम चला रहे हैं। राष्ट्रीय युवा संसद में अलग अलग राज्यों के अलग अलग जिलों में चयनित युवा हिस्सा ले रहे हैं।  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here