वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम महाराजपुर में ग्रामीणों के समक्ष बारिश के मौसम में मोक्षधाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। जहां पर वर्तमान में स्थित मोक्षधाम की स्थिति खस्ताहाल बनी हुई है जहां बारिश के पानी से बचाव की कोई संभावना नहीं है। जिसको लेकर ग्रामीणों के अंदर काफ ी आक्रोश व्याप्त है जिनके द्वारा सरपंच पर लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है कि जहां सभी व्यवस्था है। वहां पर पंचायत के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया बल्कि १५ लाख रुपये की राशि से जंगल में मोक्षधाम बनाया गया है। जहां कोई व्यवस्था नहीं है ऐसे में ना राशि का सदुपयोग हुआ और ना ही ग्रामीणों की व्यवस्था इस समस्या से सभी परेशान नजर आ रहे हैं। जिनके द्वारा सडक़ किनारे स्थित मोक्षधाम के जीर्णोद्धार करने की मांग की जा रही है ताकि कोई भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार सुरक्षित रूप से किया जा सके।
जंगल में बना १५ लाख रूपये का मोक्षधाम बना शोपीस
ग्राम महाराजपुर घनी आबादी वाला ग्राम है जहां पर करीब १२०० से अधिक की आबादी निवास करती है। ग्राम में बारिश ठंड गर्मी किसी भी मौसम में साधन युक्त अंतिम संस्कार करने के लिए वारासिवनी से डोंगरमाली मुख्य मार्ग पर महाराजपुर पुलियां के ऊपर एक मोक्षधाम बना हुआ है। जहां आवागमन और पानी की बेहतर व्यवस्था है परंतु टीन शेड पूरी तरह खराब हो गया है जहां बारिश के समय अंतिम संस्कार करना बहुत मुश्किल है। जिसका बीते कई वर्षों से जीर्णोद्धार या सुधार कार्य पंचायत के द्वारा किसी भी प्रकार से नहीं किया गया है ताकि लोगों को सुविधा हो सके। जबकि बीते करीब दो.तीन वर्ष पूर्व ही ग्राम सरपंच के द्वारा ग्राम से लगे जंगल में वन विभाग की भूमि के आगे पंचायत की १५ लाख रुपये की राशि से मोक्षधाम का निर्माण कराया गया है। जहां पर ग्रामीण जाना पसंद नहीं कर रहे हैं क्योंकि मोक्षधाम पहुंचने के लिए कोई मार्ग नहीं है वहां पर पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। और ना ही ट्रैक्टर या बैलगाड़ी से कोई सामान अंतिम संस्कार के लिए जैसे लकड़ी या कंडे भी नहीं पहुंचा जा सकते हैं क्योंकि जंगल का ऊंचा निचा मार्ग है। गांव से उसकी दूरी बहुत पड़ती है कई प्रकार की समस्याएं वहां पर बनी हुई है जहां पर आना जाना समस्या भरा हैं। इस प्रकार सर्व सुविधा युक्त स्थान पर मोक्षधाम का निर्माण ना करते हुए जंगल में मोक्षधाम का निर्माण कराया गया है जिसमें ग्रामीणों के द्वारा सरपंच पर लापरवाही का आरोप लगाया गया जा रहा है। कि इस प्रकार सरपंच ने सत्ता व शासकीय राशि का दुरुपयोग कर केवल ग्राम की जनता को परेशान कर रहा है। यदि उक्त १५ लाख के मोक्षधाम निर्माण की जगह १५०००रूपये की राशि भी मुख्य मार्ग पर स्थित मोक्ष धाम में खर्च किए जाते तो ग्रामीणों को ही सुविधा होती परंतु ऐसा कुछ नही करने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
मोक्षधाम रोड़ पर है किंतु स्थिति बहुत जर्जर है-मुकेश गौतम
ग्रामीण मुकेश गौतम ने बताया कि मोक्षधाम हमारे यहां में रोड़ पर है किंतु स्थिति बहुत जर्जर है। हमें यदि यह मोक्षधाम में किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार करना है तो उसे जलाना मुश्किल है। क्योंकि बरसात का समय चालू हो गया है पानी लगने की पूरी संभावना है ऐसी स्थिति में जो बॉडी होगी वहां जल भी नहीं पायेगी। इसका जीर्णोद्धार होना चाहिए सुधार होना चाहिए यह स्थिति बीते कुछ वर्षों से बनी हुई है जिसका सुधार कार्य आज तक नहीं किया गया है। पहले जो बना हुआ था वही स्थिति में है टूट गया है ग्राम के लोगों के सामने और विकट समस्या बनी हुई है।
ग्राम के मोक्षधाम में अंतिम संस्कार के लिये नही है कोई व्यवस्था-फूलचंद पटले
डॉक्टर फू लचंद पटले ने बताया कि हमारे यहां मोक्षधाम की स्थिति ठीक नहीं है ग्राम में जब भी कोई अंतिम संस्कार करना होता है तो ग्राम के लोगों को रोड़ किनारे मोक्षधाम में जाना पड़ता है। वह वर्तमान में बहुत ज्यादा खराब स्थिति में हो गया है और अभी कुछ समय पहले जो मोक्षधाम बनाया गया है वह जंगल की जगह रोड़ किनारे बनाया जाना था। ताकि लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके परंतु लोगों की भावनाओं को छोडक़र जंगल में बना दिया गया है, जहां जाने के लिए रोड़ पीने के लिए पानी तक नहीं है। ग्राम पंचायत को इस पर ध्यान देना चाहिए तो वह इस पर तो ध्यान नहीं दे रहे है। और ना ही जर्जर मोक्षधाम को सुधारने में यह जो १५ लाख रुपए खर्च किए गए हैं। वह व्यर्थ साबित हो रहे हैं क्योंकि अंतिम संस्कार की सामग्री तक जंगल के रास्ते मोक्षधाम तक नहीं ले जा सकते हैं उससे अच्छा तो अभी रोड़ किनारे वाला है जहां पर रुपये खर्च किए जाने थे। परंतु १५ लाख रुपये खर्च कर असुविधा ही हो रही है।
सरपंच की लापरवाही से ग्रामीणों को मोक्षधाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है-निपेन्द्र पटले
निपेन्द्र पटले ने बताया कि हमारे गांव में मोक्षधाम बना है किंतु वह जर्जर स्थिति में है १५ वर्ष पहले यह बना था जहां पर टीन शेड पूरा खराब हो गया है। लेकिन किसी प्रकार का ध्यान कोई नहीं दे रहा है यदि वर्षा होती है तो अंतिम संस्कार नहीं कर पाएंगे। सरपंच ने दो तीन साल पहले १५ लाख रुपये खर्च किए हैं जिसमें मोक्षधाम बनाया है जहां पर आने.जाने सहित कई प्रकार की समस्या है कोई व्यवस्था नहीं है। सरपंच ने लापरवाही की है जिसका भुगतमान ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है वह जंगल के अंदर है वहां पर बनने के बाद मुश्किल से दो.तीन बार लोग गए हैं। वह वन विभाग की जमीन है रास्ता उबड़ खाबड़ है इसमें पूरी सरपंच की गलती है। जिस कारण से लोग भटक रहे हैं अन्यथा मुख्य मार्ग पर स्थित मोक्ष धाम जहां हर सुविधा है उसे यदि बनाया जाता तो बेहतर होता पर उस पर कोई ध्यान नहीं है।
इनका कहना है
मोक्षधाम ग्राम की भूमि पर बना है जो ग्रामीणों की सुविधा के लिये बनाया गया है। रोड़ किनारे मोक्षधाम मे चार दिनों के बाद सुधार कार्य प्रांरभ कर दिया जायेगा।