आत्मनिर्भर भारत योजना की पहल

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कोरोना काल में शासन द्वारा युवाओं की नौकरी चले जाने और नई नौकरी के अवसर कम प्राप्त होने की बात को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत योजना शुरू की गई। इसी कड़ी में जिले के अग्रणी शिक्षण संस्थान जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय में रोजगारमुखी प्रशिक्षण डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जाने की योजना का प्रस्ताव मांगा गया है।

जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉक्टर गोविंद सिरसाठे ने बताया कि वर्तमान समय में टेली प्रशिक्षण और मोबाइल रिपेयरिंग इन दो चीजों की बहुत अधिक मांग है। इस हिसाब से उनके द्वारा यह दो कोर्स चलाए जाने का प्रस्ताव वरिष्ठ स्तर पर भेजा है।

आपको बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली से संचालित कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलिटेक्निक योजना बीते कई वर्षों से पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में संचालित की जा रही थी। जिसमें 2 दर्जन से अधिक रोजगारमुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे थे। ऐसा नहीं है कि इस प्रशिक्षण से युवाओं को लाभ नहीं मिल रहा था। लेकिन शासन द्वारा इस योजना में काम करने वाले कर्मचारियों को 2 से 3 वर्ष का मानदेय तक नहीं दिया और अंत में इस योजना के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया।

वहीं दूसरी ओर अब शासन के द्वारा जटाशंकर त्रिवेदी महाविद्यालय से ऐसे ही कोर्स चलाए जाने को लेकर प्रस्ताव मांगा गया है, देखना अब यह है की आत्मनिर्भर भारत के नाम से शुरू की गई योजना कितने दिन चल पाती है, और इस योजना का लाभ युवाओ को मिलता है। या फिर कम्युनिटी डेवलपमेंट थ्रू पॉलिटेक्निक योजना की तरह ही अधर में रुक दी जाती है और प्रशिक्षण देने वाले कर्मचारियों को महीनों और सालों तक काम करने का मानदेय के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है।

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