बालाघाट :कहां गए आठवीं के ६ हजार छात्र, ६ हजार छात्रों ने नही लिया नवमी क्लास में एडमिशन

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मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश के अन्य जिलों के साथ बालाघाट में प्राथमिक शिक्षा से लेकर हायर सेकेंडरी तक बेहतर पढ़ाई के लाख दावे कर ले लेकिन इस कोविड काल ने विभाग के आंकड़ों और दावो पर बड़ा प्रभाव पहुंचाया है। नतीजा बीते दिनों नवमी क्लास में एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि आठवीं से पास होकर नववी में एडमिशन लेने वाले छात्रों में ६ हजार छात्र कम है।

यह आंकड़ा जिले के सरकारी स्कूलों का है जहां पर पिछले शिक्षण सत्र के दौरान १० ब्लॉक के शासकीय स्कूलों में २०२९१ छात्रों ने आठवीं क्लास की परीक्षा ओपन बुक प्रणाली के माध्यम से देकर पास की।

जब सारे छात्रों ने परीक्षा पास कर ली तो फिर इतनी ही संख्या में छात्र स्कूल में एडमिशन लेने क्यों नहीं आए। सरकारी स्कूलों में एडमिशन के आंकड़े को कम देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा अपने शिक्षकों से स्कूल से संबंधित गांव में घर-घर भेज कर सर्वे कार्य करवाया गया।

सर्वे के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि कोविड की वजह से इन आंकड़ों में इतना अधिक फेरबदल दिखाई दे रहा है। कोविड की दूसरी लहर में कुछ छात्रों के परिजनों की मौत हो गई तो कुछ छात्र के परिजन काम के लिए जिले से बाहर पलायन कर गए। वही कोविड के दौरान काम की कमी बढ़ती बेरोजगारी की वजह से सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए बहुत से परिजनों के पास नववी क्लास में लगने वाली ११०० सौ रुपिये की फीस तक नहीं होने की जानकारी परिजनों द्वारा दी गई।

यह आंकड़ा उस समय डराने वाला दिखाई दे रहा है जब निजी स्कूलों से नाम कटवा कर सैकड़ों परिजनों द्वारा सरकारी स्कूलों में नाम दर्ज करवा दिए गया। छोटे-बड़े लगभग एक दर्जन निजी स्कूलों ने हमेशा के लिए स्कूल बंद करने का आवेदन दिया। मतलब साफ है कि आठवीं पास छात्रों के आंकड़ों में निजी स्कूलों के ३७८१ छात्रों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो आठवीं के बाद नववी की पढ़ाई नहीं करने वाले छात्रों की संख्या और अधिक बढ़ जाएगी।

चलिए जिले के सभी १० ब्लॉक के सरकारी स्कूल के आंकड़ों बताते हैं। आठवीं की परीक्षा पास की उनमें बैहर ब्लॉक में १७९९, बालाघाट में २६८६, बिरसा में २३६१, कटंगी में २०४६, खैरलांजी में १६५५, किरनापुर में २२७४, लालबर्रा में १९०१, लाजी में २५५२, परसवाड़ा में १४२९, वारासिवनी १५८८ इस तरह कुल २०२९१ छात्रों ने आठवीं की परीक्षा दी थी जिसमें से कुल १४७७९ छात्रों ने ही नौवीं क्लास में एडमिशन लिया।

जिला स्तर से यह सर्वे रिपोर्ट वरिष्ठ स्तर पर भेज दी गई है। देखना अब यह है कि शासन द्वारा एडमिशन में छूट या फिर अन्य किसी तरह की कोई योजना लागू की जाती है जिसके बाद शायद आगामी दिनों में आठवीं पास कर नवमी क्लास में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में कुछ बढ़ोतरी हो जाए। या फिर इतने छात्र हमेशा के लिए शिक्षा से वंचित हो जाए यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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