प्राकृतिक विकास में भारी पड़ सकती है जिम की एक्सरसाइज

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फिट दिखने की चाह हर किसी में होती है। शहर में जिम जाने का उत्साह इतना अधिक बढ़ गया है कि 14 साल के बच्चे भी फिटनेस बनाने के लिए जिम जाने का विकल्प चुन रहे हैं। शहर में ऐसे कई जिम हैं जहां पर स्कूल के बच्चे एक्सरसाइज करने पहुंच रहे हैं। छोटी सी उम्र में जिम जाना घातक भी हो सकता है, बच्चे स्टाइल में रहने के लिए इसके दुष्प्रभावों को भी नजरअंदाज कर जिम जाना पसंद कर रहे हैं।

नेचुरल ग्रोथ पर असर : जिम ट्रेनर सचिन सिंह ने बताया कि छोटे बच्चों को जिम में आने की अनुमति नहीं दी जाती है। कुछ प्रशिक्षक तो बच्चों को मना कर देते हैं, लेकिन कई ऐसी जगह भी हैं जहां पर बच्चों को भी एक्सरसाइज कराने की छूट दे दी गई है। छोटी उम्र में बच्चों का जिम जाना उनकी नेचुरल ग्रोथ पर असर डालता है। बच्चे जिम में आकर बॉडी बनाने की चाह में भारी वजन को उठाते हैं। जिससे उनकी लंबाई ठीक तरह से नहीं बढ़ पाती। बच्चे इस बात को नहीं समझते कि ये उनके प्राकृतिक रूप से विकसित होने की अवस्था है। वह जबरदस्ती अपनी बॉडी बनाने के जुनून में वो एक्सरसाइज करते हैं, जो उनके लिए नहीं है। इसमें अभिभावक भी उन्हें रोक नहीं पाते।

फूड सप्लीमेंट्स बच्चों के लिए हानिकारक: इतना ही नहीं बच्चे फूड सप्लीमेंट्स का भी इस्तेमाल करने लगे हैं। जो उनकी सेहत के लिए हानिकारक है। ऐसे बच्चों को सही काउंसलिंग की जरूरत है। वे फैशन में बने रहने के लिए अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सचिन ने बताया कि उन्हें समझाने के बाद भी वे दूसरी जिम जाना पसंद करते हैं, लेकिन बात को समझना नहीं चाहते।

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