रवींद्र जडेजा ने डेढ़ साल तक किया मुश्किलों का सामना, बताया कैसे बदली किस्मत

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भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने कहा कि 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से उनका जीवन बदल गया। उन्होंने कहा, ‘इस टेस्ट में बाद उन्हें बेहद आत्मविश्वास मिला।’ उस समय वह अपने करियर में स्ट्रगल कर रहे थे। टीम में तीनों फॉर्मेट में जगह बनाना मुश्किल था। जडेजा ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में यह बात कहीं।

बता दें 2018 में ओवल के पांचवें टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने पहली पारी में 332 रनों का लक्ष्य दिया था। इंडियम टीम ने 160 रन पर 6 विकेट गिर गए थे। तब रवींद्र जडेजा 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। उन्होंने 156 गेंदों पर नाबाद 86 रन बनाए थे। जडेजा ने कहा कि टेस्ट के बाद मेरा सब कुछ बदल गया। जब आप सर्वश्रेष्ठ बॉलर्स के खिलाफ रन बनाते हैं, तो आत्मविश्वास बेहद प्रभावित होता है। आप यह महसूस करते हैं कि दुनिया में कहीं भी स्कोर बना सकते हैं। उन्होंने कहा, बाद में हार्दिक पांड्या घायल हो गए और वनडे में मेरी वापसी हुई। तब से मैं अच्छा खेल रहा हूं।

रवींद्र जडेजा ने कहा, ‘मैं टीम से बाहर रहने के दिनों को याद करता हूं।’ उन्होंने कहा कि डेढ़ साल रातों में सो नहीं पाया। मैं सुबह 4 से 5 बजे उठ जाता था। मैं सोचा था कि क्या करूं। कैसे में वापसी करूं। जडेजा ने आगे कहा कि मैं टेस्ट टीम में था, लेकिन खेला नहीं। मैं वनडे और घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहा था। मैं टीम के साथ सिर्फ यात्रा कर रहा था। मुझे खुद को साबित करना का बस एक मौका चाहिए था।

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