राजधानी में हर साल लगती हैं 700 नई लिफ्ट, छह हजार से अधिक हाइराइज इमारतों में लगीं

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 भोपाल के कोहेफिजा में स्थित एक अपार्टमेंट और इंदौर के एक अस्पताल में लिफ्ट गिरने की घटनाओं के बाद इसकी गुणवत्ता और मानकों पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए है। राजधानी भोपाल में हर साल 700 नई लिफ्ट लग रही हैं। सरकारी, व्यावसायिक व निजी हाइराइज इमारतों में करीब 6 हजार लिफ्ट लगी हुई हैं। लिफ्ट के अचानक अटकने/फंसने और लिफ्ट गिरने के हादसे भी सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों की जान पर बन आती है।

जाहिर है, लोगों को लिफ्ट से जुड़े जोखिमों, हादसों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। खास बात यह है कि जब आप किसी बहुमंजिला बिल्डिंग में फ्लैट खरीदते है तो वहां सुरक्षा के मापदंड के हिसाब से लिफ्ट का इंतजाम कितना सटीक है, यह देखना जरूरी है। वर्तमान में लिफ्ट एंड एलिवेशन एक्ट का पालन कंपनियों द्वारा वर्कशॉप पर ही करवाया जा रहा है, लेकिन बिल्डिंगों में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। मान्‍यता प्राप्‍त एलिवेटर बनाने वालों से ही लिफ्ट का इंस्‍टॉलेशन, मेंटेनेंस करवाना चाहिए। प्रदेश में लिफ्ट लगाने के लिए लाइसेंसिंग अथॉरिटी मप्र चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर है। टेक्नोलीगल जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाली यह संस्था छह कानूनों का पालन कराती है। आमतौर पर ट्रॉलियां गुणवत्तायुक्त ना होने के कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं। ब्रांडेड की जगह लोकल कंपनी की लगाई गई ट्रॉलियों में ऑटोमैटिक री-स्टोर सिस्टम (एआरडी) नहीं होता है। इसके कारण इस तरह की स्थितियां बनती हैं। लिफ्ट एंड एलीवेशन एक्ट के मुताबिक लिफ्ट इंस्पेक्टर को हर 3 महीने में लिफ्ट का निरीक्षण करना होता है और इसकी रिपोर्ट लिफ्ट में टंगी होनी चाहिए।

थोड़ी-सी सावधानी दुघटनाओं से बचा सकती है

पुरानी बहुमंजिला इमारतों में लगी लिफ्ट भी काफी पुरानी होती है। लिहाजा, थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम दुघटनाओं से बच सकते है। लिफ्ट बंद होने पर अंदर से गेट खोलने की कोशिश कभी न करें। लिफ्ट बंद होने पर उसे पावर बैकअप और ऑटो जनरेट सिस्टम चलाता है। लाइट बंद होने पर यही सिस्टम करीब एक मिनट बाद शुरू हो जाता है। इससे लिफ्ट सबसे नजदीक वाले फ्लोर पर पहुंच जाती और गेट ऑटोमैटिक खुल जाते हैं। इसमें करीब तीन मिनट का समय लगता है। ऐसी स्थिति में बिना घबराए थोड़ा इंतजार करें। अगर फिर भी गेट नहीं खुलते हैं, तो अलार्म, कॉल या इमरजेंसी बटन को ही दबाएं। गेट अंदर से खोलने का प्रयास न करें। लिफ्ट का नियमित रखरखाव/मरम्‍मत हो। तनिक भी तकनीकी खामी नजर आए तो तुरंत लिफ्ट का परिचालन रोक दें।

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