पेशी के एक दिन पहले कैसी हुई युवती की हत्या?

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नाबालिक युवती की गोली मारकर हत्या करने वाले मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। जहां नाबालिक के परिजनों और आदिवासी समाज संगठन ने इसे एक सोची समझी साजिश बताते हुए पूर्व में नाबालिक की दादी के कुए में मिले शव वाले मामले को भी युवती की हत्या से जोड़कर कई सवाल उठाए हैं तो वहीं उन्होंने इन दोनों ही मामलों की निष्पक्ष जांच कर कर दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। मृतक नाबालिग युवती के परिजनों और आदिवासी समाज संगठन के पदाधिकारी का आरोप है कि जिन आरोपियों ने 14 वर्षीय युवती की गोली मारकर हत्या की है हो सकता है कि उन्हीं आरोपियों ने युवती की दादी को कुएं में धकेला होगा ।जिससे उसकी मौत हुई होगी।जिन्होंने मृतक दादी के मामले की पेशी के एक दिन पूर्व ही युवती की गोली मारकर हत्या किए जाने को एक बड़ा षड्यंत्र कर बताया है तो वही अपना एतराज जताते हुए सर्व आदिवासी विकास परिषद ने एक बैठक का आयोजन कर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है। जहां उन्होंने अपनी इस मांग को लेकर मंगलवार को एक रैली निकालकर बैहर एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए जल्द से जल्द उनकी मांग को पूरी किए जाने की गुहार लगाई है तो वही उन्होंने मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है।

क्या है पूरा मामला
आपको बताए कि बिरसा थाना अंतर्गत खुर्सीपार जंगल के लोरमी मार्ग पर स्थित वनविभाग की नर्सरी में 17 मई को एक 14 वर्षीय स्थानीय युवती का शव मिला था।जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी।बताया जा रहा है स्थानीय युवती 16 मई से लापता थी। कथित प्रेम में किशोरी की गोली मारकर की गई हत्या में, पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भिजवा दिया है।इसी मामले को लेकर आदिवासी समाज द्वारा पीड़िता के ग्राम में ही गत दिवस समाज की एक बैठक का आयोजन किया गया।आयोजित इस बैठक में सर्व आदिवासी समाज, अखिल भारतीय आदिवासी समाज जिलाध्यक्ष सहित आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, पीड़ित का परिवार और ग्रामीण मौजूद थे।जिन्होंने बेटी की हत्या और बेटी की हत्या के पूर्व उसकी दादी का कुएं में शव मिलने को एक दूसरे केस से जोड़ते हुए इसकी निष्पक्ष जांच करने,आरोपियों की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में किए जाने और इसमें संलिप्त दोषियो को फांसी की सजा दीए जाने की मांग की है। जहां उन्होंने अपनी इन्ही मांगो को लेकर मंगलवार को एक आक्रोश रैली निकालकर एसडीएम कार्यालय ज्ञापन सौपा है।

कोर्ट में गवाही के एक दिन पूर्व कैसे हो गई हत्या?
आयोजित इस बैठक में मृतक युवती के परिजनों, सामाजिक बंधुओ और समाज संगठन के पदाधिकारी ने युवती की हत्या और उसके पूर्व दादी का कुएं में शव मिलने वाले मामले को जोड़कर देखे जाने की मांग की है। मृतक युवती के परिजनों और सामाजिक बंधुओ का आरोप है कि एक सप्ताह पूर्व मृतिका की दादी की मौत हो गई।जिसका शव कुए से बरामद किया गया था।दादी की मौत वाले इस मामले की कोर्ट में गवाही के एक दिन पहले ही पीड़िता की गोली मारकर हत्या की गई है।उन्होंने इस हत्या पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर, इसके पीछे की वजह क्या है? जिसकी जांच पुलिस ने करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कहीं ना कहीं ऐसी आशंका है कि मृतिका किशोरी से जबरदस्ती प्यार में कहीं बाधा के तौर पर देखी जा रही दादी की भी तो हत्या नहीं की गई। जिसमें किशोरी के कोर्ट में बयान के एक दिन पहले ही उसकी हत्या कर दादी की मौत की सच्चाई को दबाने का काम किया गया। जिसकी जांच जांच कर अलग से आरोपियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में करने के साथ ही आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

आरोपियो के घर बुलडोजर चलाने की मांग
इसी मामले को लेकर मंगलवार 21 मई को बड़ी संख्या में आदिवासियों ने रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसके माध्यम से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, मृतिका का मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने और आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की गई। आदिवासी समाज प्रतिनिधियों का कहना है कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है। हालांकि बिरसा पुलिस का कहना है कि अब तक पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है। जिसकी रिपोर्ट के बाद ही दुष्कर्म जैसी घटना की पुष्टि हो सकेगी।

बेटी के हत्यारों को दी जाए फाँसी की सजा- माँ
इस मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान नाबालिक मृतिका की मां ने बताया कि 17 मई को बेटी की दादी की मौत वाले मामले में कोर्ट में गवाही देने वाली थी। इससे पूर्व ही उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। वह बच्ची को लगातार टॉर्चर कर रहे थे, लेकिन बच्ची बोल नहीं पा रही थी। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की हत्यारों को फांसी दी जाए।

पीड़ित परिवार को इंसाफ व मुआवजा मिलना चाहिए- खेमराज
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पंचायत पंच खेमराज मरावी ने बताया कि इस घटना ने बहु-बेटियो को भयाक्रांत कर दिया है। बहु-बेटियां बिना किसी भय के रह सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बनाया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने पुलिस कार्यवाही पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि मृतिका की मां को इसका मुआवजा प्रदान किया जाए और परिवार को न्याय मिले बस हमारी यही मांग है।

षडयंत्रपूर्वक की गई दोनों की हत्या- खेमलाल
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान
आदिवासी समाज संगठन के रूढिवादी प्रथा से जुड़े पदाधिकारी खेमलाल धुर्वे ने बताया कि हमे ऐसा लगता है कि मृतिका और उसकी दादी की हत्या षडयंत्रपूर्वक की गई है। हमारी मांग है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में की जाए और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार पर शासन, प्रशासन ध्यान दे।ये दोनों मामले एक दूसरे से जुड़े। प्रतीत होते है।

इंसाफ नहीं मिला तो ईट से ईंट बजा देंगे- कोर्राम
चर्चा के दौरान सर्व आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने बताया कि आदिवासियों के साथ लगातार अत्याचार हो रहे है, यदि यह किसी सामान्य वर्ग की बालिका के साथ होता तो पूरा समाज खड़ा हो जाता है लेकिन आदिवासी के साथ होने वाली घटनाओं में मानवीयता नहीं जागती है। उन्होने बताया कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई। जिससे समाज में आक्रोश है और न्याय प्रक्रिया में विलंब होने से अब आदिवासी समाज का न्याय प्रक्रिया से विश्वास उठ गया है। उन्होंने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से हमने अल्टीमेटम दिया है, यदि शासन, प्रशासन, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करता है तो समाज स्वयं बुलडोजर बनकर उसके घर को ध्वस्त करने का काम करेगा। इस घटना को लेकर अब आदिवासी समाज करो या मरो कि स्थिति में आ गया है। आदिवासियों का खून खौल रहा है। वह संवैधानिक और संवेदनशील तरीके से न्याय चाहता है वरना हम ईट से ईट बजा देंगे।

तू ऐतिहासिक आंदोलन करेंगे- दिनेश धुर्वे
आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। यह एक संगीन अपराध है और हमें पूरा भरोसा है कि इसे कोई एक अंजाम नहीं दे सकता है, इसमें जरूर और लोग भी शामिल है। शासन, प्रशासन उसकी निष्पक्षता से जांच कराए। अन्यथा आगामी समय में ऐतिहासिक आंदोलन होगा। यह एक बालिका की नहीं पूरे परिवार की हत्या है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार बढ़े है। कटंगी में एक आदिवासी समाज के व्यक्ति के साथ पत्ता तोड़ने पर वनकर्मी द्वारा निर्ममता से पिटाई गई। अब आदिवासी समाज आदिवासियों पर अत्याचार नहीं सहेगा। और इंसाफ लेकर रहेगा।

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