लुधियाना कोर्ट में हुए बम ब्लास्ट मामले को केंद्र सरकार काफी गंभीरता से ले रही है। शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव ने आंतरिक सुरक्षा पर एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राज्य पुलिस के आलाधिकारियों के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बल और जांच एजेंसियों के आला अधिकारी मौजूद रहे। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में गृहमंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा आईबी निदेशक अरविंद कुमार, सीआरपीएफ और एनआईए प्रमुख कुलदीप सिंह और बीएसएफ के डीजी पंकज सिंह भी शामिल हुए। बैठक में कोर्ट ब्लास्ट से उपजी स्थिति और पंजाब में आगामी चुनावों के दौरान संभावित खतरों पर चर्चा हुई।
क्यों बुलाई गई ये मीटिंग?
शुरुआती जांच के मुताबिक लुधियाना कोर्ट में गुरुवार को बम ब्लास्ट मामले में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी समूहों का हाथ माना जा रहा है। खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि उन्हें पुख्ता जानकारी मिली है कि इस धमाके में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) समर्थित खालिस्तानी समूह शामिल है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स पंजाब में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने ग्राउंड वर्कर्स को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहले भी कई कोशिशें हुई हैं, लेकिन उन्हें नाकाम कर दिया गया।
पंजाब को है खतरा?
पंजाब के उपमुख्यमंत्री ने पहले ही कहा था कि इस बम ब्लास्ट में पाकिस्तान का हाथ है। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पाकिस्तान पर पंजाब को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। वहीं पंजाब के गुरुद्वारों में बेअदबी के मामलों को भी पाकिस्तानी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। सुरक्षा बलों ने भी आगामी चुनावों को देखते हुए प्रदेश में हिंसा या दंगे फैलाने की कोशिश की आशंका जताई है। पाकिस्तानी सीमा से सटे होने के कारण पंजाब में खतरा और बढ़ जाता है।