उदय प्रताप सिंह, इंदौर Women’s Day 2021। कोविड संक्रमण के दौर में शहर के अधिकांश स्वास्थ्यकर्मियों की मरीजों के उपचार में अहम भूमिका रही। शहर की कई महिला चिकित्सकों ने फ्रंटलाइन पर आकर काम किया। कई महिलाएं संक्रमित इलाकों में नमूने लेने गईं तो कुछ ने कोविड संक्रमण के बारे में जानते हुए भी मरीजों की सर्जरी की। मरीजों के इलाज के दौरान ये खुद भी संक्रमित हुईं। इसके बाद भी सेवा का जज्बा कम नहीं हुआ। पहले की तरह आज भी ये संक्रमित मरीजों के इलाज कर रही हैं।टाटपट्टी बाखल में पैर में लगा था पत्थरस्वास्थ्य विभाग की मेडिकल आफिसर डा. तृप्ति काटदरे कोविड के दौरान उस समय चर्चा में आई थीं, जब इंदौर में टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव किया गया। वे बताती है कि मैं डा. जाकिया सैयद के साथ एक प्रैल को उस क्षेत्र में कांटैक्ट ट्रैसिंग के लिए गई थी। वहां अचानक लोगों ने पथराव किया तो हमें भागना पड़ा। मेरे पैर में भी पत्थर लगा। उस घटना के बाद भी हम उस क्षेत्र में गए और वहां लोगों जांच की और उन्हें समझाया। मैंने जून माह के अंत तक वहां काम किया। इसके बाद मुझे क्षिप्रा के फीवर क्लीनिक की जिम्मेदारी दी गई। वह आज भी निभा रही हूं। मैं सितंबर माह में पाजिटिव हो गई थी और मेरे परिवार के पांच सदस्य भी पाजिटिव हो गए थे। मैं गणेशपुरी में रहती हूं और हर दिन 24 किलोमीटर दूर क्षिप्रा जाती हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि कोविड के दौरान जरूरतमंदों की मैं मदद कर पाई।
इलाज के बाद पुन: लौटी काम परएमवाय अस्पताल में स्त्री रोग विभाग में सहायक प्राध्यापक डा. मोहिनी राजोरिया ने कोविड के दौरान अस्पताल में करीब 20 से ज्यादा महिलाओं की प्रसूति आपरेशन के माध्यम से करवाई। इन्होंने करीब 10 ऐसे महिलाओं की डिलीवरी करवाई, जो कोविड पाजिटिव थीं। वे बताती हैं कि शुरुआत में आपरेशन थिएटर में पीपीई किट पहनकर सर्जरी करना आसान नहीं था। प्रसूता के आपरेशन के दौरान हमें दो घंटे तक पीपीई किट पहने रहना पड़ता था। इसके अलावा एमटीएच में जब कोविड मरीज भर्ती रहे तो उस दौरान भी आठ-आठ घंटे किट पहनकर ड्यूटी की।
एमवाय अस्पताल में एक कोविड संक्रमित महिला की 28 सितंबर को प्रसूति के बाद वे और डा. विभा मोजेस भी पाजिटिव हो गई थीं। इसके बाद 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहने के बाद इन्होंने फिर से अस्पताल में आकर सर्जरी शुरू की। वे अब भी कई सामान्य प्रसूताओं के साथ कोविड संक्रमित मरीजों की सर्जरी करती हैं। वे बताती हैं कि इस समय मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकों अहम भूमिका है। ऐसे में सभी चिकित्सक कोशिश कर रहे हैं कि यदि कोई मरीज संक्रमित हो जाए तो उसका बेहतर उपचार हो।