सराफा कारोबारियों को मिला 15 दिनों का समय, 15 जून के बाद हॉलमार्किंग अनिवार्य

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सराफा कारोबारियों को जेवरों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता की व्यवस्था का पालन करने के लिए 15 दिनों का समय मिल गया है। नई व्यवस्था के तहत कारोबारियों को व्यापार करने से पहले बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) में पंजीयन भी कराना होगा। इस सबके बीच सराफा व्यापारियों का कहना है कि 20 कैरेट की ज्वेलरी को भी हॉलमार्किंग की मान्यता मिलनी चाहिए।

ग्राहकों में 20 कैरेट की ज्वेलरी की जबरदस्त मांग रहती है। गौर हो कि एक जून से गहनों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता होनी थी। कोरोना को देखते हुए केंद्र सरकार ने गहनों में हॉलमार्किंग की अनिवार्यता को 15 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया है। बीआईएस रायपुर के प्रमुख वी गोपीनाथ ने बताया कि अब सराफा कारोबार करने वालों को बीआईएस में पंजीयन कराना भी आवश्यक है। बिना इसमें पंजीयन के सराफा कारोबार नहीं किया जा सकता।

इस प्रकार प्रदेश में अभी भी करीब 90 फीसद सराफा कारोबारियों ने बीआईएस में पंजीयन नहीं कराया है। बताया जा रहा है कि बीआईएस में पंजीयन के लिए विभाग द्वारा एक पोर्टल भी जारी कर दिया गया है। इस पोर्टल में सराफा कारोबारी काफी आसानी के साथ आवश्यक कागजात के जरिए ही पंजीकृत हो सकते हैं। साथ ही कारोबारियों को तुरंत ही लाइसेंस भी मिल जाता है।

हॉलमार्किंग लाइसेंस पंजीयन के लिए शिविर एक व दो जून को

रायपुर सराफा एसोसिएशन व भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के संयुक्त तत्वावधान में एक व दो जून को सुबह 11 से शाम पांच बजे तक हॉलमार्किंग लाइसेंस पंजीयन शिविर आयोजन है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि यह शिविर सराफा भवन, हलवाई लाइन में आयोजित है। लाइसेंस के लिए सराफा व्यावसायी को अपने साथ गुमास्ता लाइसेंस, जीएसटी या आयकर रिटर्न, प्रोपराइटरशिप या पार्टनरशिप फर्म की आइडी, पैन कार्ड लाना होगा। साथ ही टर्नओवर के हिसाब से वे अपना भुगतान करने नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से कर सकेंगे।

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