तेल के बढ़ते दाम एक गंभीर मुद्दा, केंद्र और राज्यों को कीमतों में कमी लाने के लिए करनी चाहिए बात: FM

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नई दिल्ली: देश में तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और ऐसे में तमाम विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। देशभर में आज लगातार 12वें दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा हुआ। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल 39 पैसे प्रति लीटर बढकर 90.58 रुपये पर चला गया। ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस आज मध्य प्रदेश, दिल्ली तथा राजस्थान में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी कर रही है। इस बीच तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया है।

क्या कहा वित्त मंत्री ने
ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह एक गंभीर मुद्दा है और ईंधन की कीमत में गिरावट के अलावा इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है। केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने के लिए बात करनी चाहिए।OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था वह भी नीचे आने की संभावना है जो फिर से चिंता बढ़ा रहा है। तेल के दाम पर सरकार का नियंत्रण नहीं है इसे तकनीकी तौर पर मुक्त कर दिया गया है तेल कंपनियां कच्चा तेल आयात करती हैं , रिफाइन करती हैं और बेचती हैं।’ 

कांग्रेस का निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार के राज में महंगाई का विकास हो रहा है। राहुल गांधी ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘महंगाई का विकास!’ वहीं कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार को सप्ताह के उस दिन का नाम ‘अच्छा दिन’ कर देना चाहिए जिस दिन डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी न हो, क्योंकि महंगाई की मार के चलते बाकी दिन तो आमजनों के लिए ‘महंगे दिन’ हैं।’

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