देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्रों का अहम योगदान : राज्यपाल

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प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने चित्रकूट प्रवास के दूसरे दिन महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के रजौला स्थित कृषि संकाय के परिसर मे स्थापित भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख की प्रतिमा का अनावरण किया। विश्व विद्यालय के संस्थापक कुलाधिपति रहे नानाजी देशमुख की आदम कद प्रतिमा का निर्माण विश्व विद्यालय के कला संकाय के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया है। इसके साथ ही राज्यपाल ने बुधवार को महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय पहुंच कर परिसर मे स्थापित महात्मा गांधी जी और भारत रत्न नाना जी देशमुख की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उसके बाद स्फटिक शिला स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचकर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने गांव के विकास, युवाओं की महत्वता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रमुख बताया। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्रों का अहम योगदान बताया। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. एके मिश्रा मुख अतिथि के रूप में शामिल हुए। यहां विश्विद्यालय के कुलपति एनसी गौतम की उपस्थिति में नवम दीक्षान्त समारोह को प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह में सत्र 2019 -20 एवं सत्र 2020-21 के स्नातक, परास्नातक, पीजी डिप्लोमा और शोध के विद्यार्थियों को राज्यपाल के हाथों उपाधि प्रदान की गई।

युवा वर्ग पर था नानाजी को भरोसा : दीक्षांत समारोह में राज्यपाल व कुलाधिपति मंगू भाई पटेल ने अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रऋषि नाना जी को प्रणाम कर उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और विश्विद्यालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नए आयाम, शिक्षा सहित अन्य विषयों पर किए जा रहे नवाचार की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के गांव अपने अनमोल संस्कृति विरासत और विविधता के लिए विश्वविख्यात हैं। हमारे देश की अर्थव्यवस्था में ग्रामीण क्षेत्रों की एक अहम भूमिका है। जो कोविड-19 महामारी के दौरान सिद्ध और स्थापित हुआ है। राष्ट्रीय जीडीपी में ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान 25 से 30 प्रतिशत के बीच है और राष्ट्रीय आय में लगभग 46 प्रतिशत का योगदान आंका गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव या परिवर्तन का दायरा परंपरागत विकास से ही अधिक व्यापक तथा विस्तृत है। इसलिए सामाजिक आर्थिक विकास के विभिन्न आयों पर पहल करने से ग्रामीण जीवन गुणवत्तापूर्ण समावेशित व सतक विकासशील हो सका है। राज्यपाल ने योजनाओं पर कहा कि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार ने युवाओं को गांव में ही आकर्षक आजीविका रोजगार उपलब्ध कराने और परंपरागत कुटीर उद्योगों को नवजीवन देने स्फूर्ति योजना जैसी कई प्रभावी योजनाएं चलाई है। युवा वर्ग पर नानाजी का भरोसा था, उनका मानना था कि देश के पुनः उत्थान की वाहक युवा पीढ़ी ही हो सकती है। अपने जीवनकाल में अंतिम पांच वर्षों में उन्होंने अलग-अलग विषयों पर युवाओं को आह्वान किया है कि आओ बदलाव के वाहक बनों।

यह एक दिन की दीक्षा नहीं 365 दिन पालन करो : राज्यपाल ने कहा कि आज जिसने-जिसने दीक्षा ली है। जो प्रतिज्ञा ली है और प्रतिज्ञा पढ़ते हुए वह सिर्फ आज अपने ओर से कही है कि ये एक दिन की प्रतिज्ञा नहीं है। 365 दिन उनका अच्छी तरह याद करके एक भारत माता के सपूत के नाते से प्रतिज्ञा का पूरा पालन करते रहो। ऐसी मेरी अपेक्षा है।

गांवों का परिवर्तन महिला सशक्तिकरण से : राज्यपाल पटेल ने गांवों के विलास और परिवर्तन पर महिलाओं का योगदान भी बताते हुए कहा कि गांव में कम लागत पर ऊर्जा सुरक्षा, भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। गांवों का समग्र परिवर्तन ग्रामीण महिलाओं के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के कारण ही संभव हुआ है। नई शिक्षा नीति से ऐसे पाठ्यक्रम भी शामिल किए गए हैं जो ग्रामीण परिवेश में उद्यमिता और विकास द्वारा रोजगार के अवसर के सृजन की संभवता प्रदान करते हैं। आप सभी छात्र-छात्राएं नवाचार और अनुसंधान के द्वारा चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करें। आज के युवाओं को कौशल विकास, प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और मार्गनिर्देशन द्वारा ग्राम जीवन की चुनौतियों की सामना करने की आवश्यकता है।

युवाओं से की अपील : राज्यपाल ने युवाओं से अपील की, कि गांवों के समग्र परिवर्तन में भागीदार बनें। उन्होंने विश्‍वविद्यालय के नवम दीक्षांत अवसर पर नवदीक्षित छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि नानाजी के आदर्श को आत्मसात करें। नानाजी ने सारी जिंदगी गरीबों के लिए जो खपाई है और ये विश्‍वविद्यालय से आप कभी दीक्षा लेकर जाते हो तो इतना समझना जरूरी है कि राष्ट्र सेवा में ही अपना जीवन समर्पित करने वाले नानाजी आज प्रत्यक्ष रूप में हमारे बीच नहीं हैं फिर भी जनसेवा के हो कार्य उन्होंने किए हैं उनके माध्यम से नानाजी का अस्तित्व स्थाई रूप से रहने वाला है। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे अनुकृति हुई है कि ऐसी धरती को सादर बार-बार नमन करने का मन होता रहता है। आशा करता हूं कि आप युवाओं को सामाजिक संरचना एवं नवनिर्माण में प्रतिभा और ध्यान द्वारा वंचित वर्गों के कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ योगदान करें। राज्यपाल ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि हम सभी पर राष्ट्रऋषि नानाजी का आशीर्वाद बना रहे। भगवान से ऐसी प्रार्थना करता हूं।

87 विद्यार्थी स्वर्ण पदक से नवाजे गए : उपकुलसचिव, अकादमी डॉ कुसुम सिंह और परीक्षा नियंत्रक डॉ ललित कुमार सिंह के संयुक्त तौर हुए बताया कि सत्र 2019 – 20 एवं सत्र 2020 – 21 के पीएचडी के 213, परास्नातक के 435 एवं स्नातक के 1597 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएगी। दोनों सत्रों में पाठ्यक्रम वार श्रेष्ठ अंक अर्जित करने वाले कुल 87 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। दूरवर्ती अध्ययन एवं सतत शिक्षा केंद्र के अंतर्गत संचालित परंपरागत पाठ्यक्रमों के सत्र 2019-20 में स्नातक 7051, परास्नातक में 4274‌ एवं सत्र 2020- 21 में स्नातक 7973, परास्नातक में 4274 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की जाएगी। सीएमसीएलडीपी के अंतर्गत संचालित बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम में सत्र 2019 – 20 में 4138 और सत्र 2020 – 21 में 2472 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई।

मंदाकिनी आरती में होंगे शामिल, आज और कल ये कार्यक्रम : मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल तीन दिवसीय प्रवास पर आज शाम कामदगिरि मंदिर का भ्रमण करने पहुंच रहे हैं इसके बाद वे सियाराम कुटीर जाएंगे। शाम 5 बजे रामघाट जाएंगे और वहां रामघाट का अवलोकन कर मंदाकिनी आरती में शामिल होंगे। शाम 5:40 बजे आरोग्य धाम पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे। राज्यपाल मंगूभाई पटेल चित्रकूट प्रवास के तीसरे दिन 18 नवंबर को प्रातः 9:30 बजे पंडित दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट का भ्रमण करेंगे। राज्यपाल प्रातः 10:30 बजे मोहकमगढ़ चित्रकूट जाएंगे और वहां आंगनबाड़ी प्राथमिक शाला का निरीक्षण कर जनजातीय वर्ग की कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे। राज्यपाल दोपहर 2 बजे चित्रकूट के हेलीपैड से हेलीकॉप्टर द्वारा खजुराहो के लिए प्रस्थान करेंगे।

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