पश्चिमी विक्षोभ से उत्तर भारत के राज्य प्रभावित, इन 6 राज्यों में बारिश का अलर्ट

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नई दिल्ली । Today Weather Updates । हर वर्ष फरवरी तक सामान्यत: सर्दी विदा ले लेती है और बीते कुछ दिनों से जिस प्रकार में मौसम में बदलाव हुआ था और सिर्फ सुबह व रात को ही सर्दी का अहसास हो रहा है तो लोगों को ऐसा लगने लगा है कि शायद सर्दी का मौसम अब विदा ले चुका है, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल मौसम में फिर एक बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत से लेकर दक्षिण व मध्य भारत के भी कई राज्यों में बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक देश के कई राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। साथ ही उत्‍तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र में बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। साथ ही आने वाले दिनों कोहरा भी इस राज्यों में परेशानी खड़ी कर सकता है।

उत्तराखंड में फिर हो सकती है बर्फबारी

मौसम विभाग के मुताबिक उत्‍तरी हिस्‍से में पश्चिमी विक्षोभ का असर के कारण अन्‍य हिस्‍सों के मौसम में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। उत्‍तराखंड में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ बारिश को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है और इसको लेकर प्रशासन भी सतर्क है। हिमाचल प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक बर्फबारी और हल्की से मध्य बारिश की चेतावनी दी गई है।

साथ ही हिमालयी क्षेत्रों में रुक रुककर बर्फबारी शुरू भी हो चुकी है। त्रासदी का सामना कर रहे उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कोहरा कम हुआ है। कुछ हिस्सों में हल्की धूप खिली खिली थी, लेकिन शाम को फिर से बादल छा जा रहे हैं। दोपहर बाद अचानक मौसम बदल रहा है और पहाड़ी इलाकों में बारिश होने लगती है। उत्तरकाशी और चमोली जिले में हल्की बारिश दर्ज की गई है।

उत्तर प्रदेश में भी बदला मौसम

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ठंडी हवाओं में रोज आ रही कमी की वजह से अब इस सप्‍ताह अधिकतम पारा 30 डिग्री की ओर है। वातावरण में लगातार हो रहे बदलाव की वजह से अब रातें भी अधिक सर्द नहीं रह गई हैं। लेकिन इधर महाराष्‍ट्र की बात करें तो मौसम विभाग ने 3 दिनों तक बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग ने 15 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण यहां पर 16 फरवरी से 18 फरवरी तक अधिकांश हिस्‍सों में बारिश हो सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी अनाज को बारिश से बचाने के लिए खुले आसमान से हटा दें।

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