शासन द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है जिसके लिए नगर पालिका परिषद द्वारा हजारों लाखों रुपए खर्च कर दीवारों में पेंटिंग और ना जाने कितने कार्य कर रही है। लेकिन इससे दूर जमीनी हकीकत कुछ और दिखाई देती है। शहर के वार्ड नंबर 2 में भटेरा चौकी पंप हाउस हाउस गली में जो प्लाट और भूमि खाली पड़ी है वह तालाब में तब्दील हो गई है इसकी बड़ी वजह पानी निकासी की समस्या है।
जी हां जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह किसी बारहमासी तालाब की नहीं। जिला मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर 2 की है। जहां पानी निकासी की समस्या आजकल की बात नहीं। तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वर्षों बरस से पानी निकासी के लिए एक प्रयास भी नहीं किया गया।
वार्डवासी बताते हैं कि एक बार भी कोई कोशिश कर लेता तो शायद इस गंदगी से निजात मिल जाती। लेकिन ऐसा हुआ नहीं हो रहा। इस हालत के लिए सभी लोग नगर पालिका और निवर्तमन पार्षद को जिम्मेदार बताते हैं।
निश्चित ही यह खाली प्लाट जलभरवा के कारण तालाब जैसे दिखने लगे है। इसलिए यहां के लोग इन्हें तलाब ही कहने लगे है। वर्षों से जलभराव के कारण कुएं और बोर का पानी भी पीने लायक नही बचा है।
जल निकासी के अलावा इस क्षेत्र में बिजली के पोल नहीं लगे है। नतीजा लोग वर्षों से टीसी कनेक्शन लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं। इस कारण हर महीने हजारों रुपए का बिल जमा कर रहे हैं |
पूर्व पार्षद ने बीते दिनों इस परेशानी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी थी प्रशासन ने आश्वासन दिया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। पूर्व पार्षद दो टूक शब्दों में कहते हैं कि नगरपालिका इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।