बालाघाट : वायरल फीवर के चपेट मे आ रहे नौनिहाल 10 दिनों में जिला अस्पताल में भर्ती आधा सैकड़ा बच्चे !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण वायरल फीवर तेजी के साथ जिले और ग्रामीण क्षेत्रों में पांव पसार रहा है वहीं इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक नौनिहाल आ रहे हैं पिछले 10 दिनों में जिला अस्पताल में करीब आधा सैकड़ा बच्चों को वायरल फीवर के चलते भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बढ़ रहा है वहीं बारिश ना होने के कारण तेज धूप और उमस के चलते संक्रामक बीमारियों की तेजी के साथ बढ़ रही है ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे तो स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तमाम इंतजाम किए गए हैं लेकिन छोटे बच्चों में वायरल फीवर के मामले लगातार प्रकाश में रहे हैं। वह स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह प्रयास किए जा रहे हैं कि वायरल फीवर की चपेट में आए बच्चों को त्वरित प्राथमिक उपचार मिले और यदि किसी बच्चे की हालत खराब होती है तो उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए ताकि उसका बेहतर तरीके से उपचार किया जा सके।
जिला अस्पताल का शिशु वार्ड फुल
जिला अस्पताल के शिशु वार्ड  में पिछले 10 दिनों में करीब एक सैकड़ा बच्चों को भर्ती किया गया है जिसमें सिकल सेल से ग्रसित बच्चों की संख्या 10 मलेरिया के साथ थैलेसीमिया के 6 और करीब आधा सैकड़ा बच्चे वायरल फीवर से ग्रसित है जिनका उपचार चिकित्सकों के द्वारा किया जा रहा है वही जिला अस्पताल का शिशु वार्ड में वर्तमान में एक बेड खाली नहीं है और लगातार संक्रामक रोग से पीडि़त मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो जिन क्षेत्रों में वायरल फीवर का संक्रमण अधिक होता है वहां पर स्वास्थ्य अधिकारियो और कर्मचारियों को सूचित कर दिया गया है वहीं स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा घर-घर जाकर सर्वे भी कराया जा रहा है और उन्हें संक्रामक बीमारियों से बचाव को लेकर समझाइश नहीं दी जा रही है।
वायरल फीवर के अलावा बच्चों में उल्टी और पेट दर्द के दिख रहे लक्षण
जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में जितने भी बच्चों को भर्ती किया गया है उनमें फीवर के अलावा पेट दर्द सहित उल्टी के भी लक्षण नजर आ रहे हैं बच्चों के परिजनों की माने तो बच्चों में यह लक्षण आने पर उन्होंने तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य  कार्यकर्ताओं को बच्चों का चेकअप कराया था और उनके द्वारा यह सलाह दी गई थी कि बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया जाए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के निर्देश पर उन्होंने बच्चों के इलाज को लेकर जिला अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया है।
बच्चे की स्थिति बिगडऩे पर जिला अस्पताल में भर्ती किया- दुर्जन बाई
पद्मेश न्यूज़ चर्चा के दौरान ग्राम ईरली सोनेवानी निवासी आदिवासी महिला ने बताया कि उनकी बेटी अंतिका को अचानक उल्टी और पेट दर्द की शिकायत हुई जिस पर उन्होंने अंतिका को गांव में ही कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर दिखाया था तब उन्होंने अंकिता को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उतनी ज्यादा बेहतर नहीं होती लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा विषम परिस्थिति में घर पहुंच कर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है।
बुखार उतरने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया-सविता बाई
इस संदर्भ में पदमेश न्यूज़ से चर्चा के दौरान सविता बाई ने बताया कि उनकी बेटी तीन-चार दिनों से बीमार थी तो स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा प्राथमिक उपचार दिया गया था लेकिन इसके बावजूद फीवर ना उतरने पर उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सलाह पर बच्चे को जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया है जहां पर उसका उपचार चल रहा है।
बच्चों को संक्रामक बीमारियों से बचाएं- सिविल सर्जन
इस संदर्भ में दूरभाष पर चर्चा के दौरान सिविल सर्जन एके जैन ने बताया कि वर्तमान में मौसम के बदलाव के कारण वायरल फीवर और मलेरिया के प्रकरणों में इजाफा हुआ है वहीं वायरल फीवर की चपेट में अधिकांश था बच्चे आ रहे हैं उन्होंने कहा कि बच्चों के परिजनों को बच्चों का विशेष खयाल रखना चाहिए ताकि वे इस बीमारी से बच सके उन्होंने कहा कि जितने भी बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनका बेहतर तरीके से उपचार किया जा रहा है। वहीं जिन क्षेत्रों में वायरल फीवर का प्रकोप अधिक है वहां स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों को विशेष सलाह और प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।

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