सूर्य के नजदीक पहुंचेगा मंगल ग्रह, दिखाई देंगे गुरु, शुक्र, शनि और टूटते तारे, अक्‍टूबर में कई खगोलीय घटनाएं, जानिये तारीखें

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यदि आप खगोल शास्‍त्र में रुचि रखते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है। इस पूरे अक्‍टूबर माह में आकाश में कई खगोलीय घटनाएं होंगी। ये अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए बहुत आकर्षण का केंद्र रहेंगी। कहीं आकाश टूटते तारों की चमक से झिलमिला उठेगा तो कहीं आसमान में गुरु, शुक्र और शनि जैसे ग्रह दिखाई देंगे। पूरे माह इन सभी आकाशीय घटनाओं को देखने के लिए अंधेरे वाले स्थानों में पहुंचना होगा। आकाशीय घटनाओं को देखने के लिए विज्ञानियों समेत खगोल प्रेमियों को अक्टूबर का इंतजार रहता है। इसी महीने मंगल ग्रह भी सूर्य के करीब जाएगा। आइये जानते हैं कि किस दिन कौन सी घटना होगी।

यहां देखें किस दिन कौन सी घटना

– 8 अक्टूबर खगोलीय घटनाओं के लिहाज से खास रहने वाला है। तब मंगल सूर्य के बेहद करीब जा पहुंचेगा। दो साल में एक बार यह खगोलीय घटना होती है। अगली बार 18 नवंबर, 2023 में मंगल सूर्य के नजदीक पहुंचेगा

– 14 अक्टूबर को शनि भी चंद्रमा के करीब नजर आएगा तो 15 अक्टूबर की रात बृहस्पति, चांद के करीब से सफर करेगा।

– 21 अक्‍टूबर को टूटते तारे यानी उल्कावृष्टि की बरसात देखने को मिलेगी। यह नजारा बेहद रोमांचक रहने वाला है, जिसे भोर के समय बेहतर देखा जा सकेगा।

पूरे महीने चमकता रहेगा शुक्र

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय बताते हैं कि मानसून के बाद आसमान साफ हो जाता है। जिस कारण प्रदूषणमुक्त रात के आसमान में ग्रहों व नक्षत्रों को देख पाना आसान हो जाता है। इन दिनों पश्चिम के आकाश में वीनस को आसानी देखा जा सकता है, जो पूरे माह अपनी चमक लिए रहेगा।

ऐसे देखें इन अदभुत नज़ारों को

प्रकाश प्रदूषण कम तो नहीं किया जा सकता, लेकिन बल्ब या स्ट्रीट लाइट आदि की रोशनी आसमान की ओर न जाए ऐसी व्यवस्था करनी होगी। प्रकाश प्रदूषण को लेकर एरीज पिछले कई सालों से जागरूकता अभियान भी चला रहा है। जिसके तहत घरों के बाहर लगाए जाने वाले बल्बों के उपर शेड लगाकर रोशनी को आसमान में जाने से रोकना भी शामिल है। एरीज के निदेशक प्रो. दीपांकर बनर्जी का कहना है कि ग्रह तारों से भरे आसमान का नजारा बेहद रोचक है। मगर ब़ढ़ते प्रकाश प्रदूषण के चलते खगोलीय घटनाओं को देख पाना जितना मुश्किल होते जा रहा है, विज्ञानियों को आर्ब्जेशन में भी उतनी ही दिक्कत आ रही है।

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