चैत्र नवरात्रि के समापन पर जवानों का विसर्जन का दौर देर रात्रि तक चलते रहा रामनवमी की सुबह से ही घरों एवं मंदिरों में बोए जाने वाले जवारे एवं ज्योति कलश का सिलसिला सुबह से ही शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा
आपको बता दें कि सुबह से ही जिले भर में जवारे एवं कलश विसर्जन का कार्यक्रम सुबह से ही शुरु के दिया गया था जो देर रात तक चलता रहा मंदिरों में रखे गए मनोकामना वाले कलशो एवम् जवारे का भी बारी-बारी से विसर्जन किया जा रहा था जिसमें शहर के प्रमुख मंदिर जैसे हनुमान चौक में दुर्गा मंदिर तथा जयस्तंभ चौक में मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर में शाम 5:00 बजे जवारे विसर्जन का कार्यक्रम शुरू हो गया जिसमें सर्वप्रथम त्रिपुर सुंदरी मंदिर से महिलाओं एवं युवतियों के द्वारा अपने स्तर पर ज्योतिष कलशो को स्थापित कर शोभायात्रा निकाली गई यह शोभायात्रा मंदिर से निकालकर जय स्तंभ चौक का चक्कर लगाते पुनः मंदिर में बनाए गए कुंड में इनका विसर्जन किया गया
वहीं काली पाठ स्थित काली मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें महिलाओं एवं युवतियों द्वारा जवारो एवं ज्योति कलशो को एक टोकरी में रखकर काली मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई जो शंकर घाट होते हुए वैनगंगा नदी पहुंची जहां पर जवारे एवं कलशो का विसर्जन किया गया ऐसे ही जिले सहित ग्रामीण अंचलों में भी जवारे विसर्जन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा