हाल ही में संपन्न हुए जिला अधिवक्ता संघ चुनाव में अध्यक्ष पद को लेकर एक नया मोड़ सामने आया है। जहां 20 दिसंबर को संपन्न हुए चुनाव में एक वोट से अध्यक्ष पद पर विजय हुए आनंद टेभरे को अध्यक्ष पद का कार्यभार देने में ,मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं आगामी आदेश तक निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार को ही जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के रूप में बने रहने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर ने यह रोक निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार के द्वारा 23 दिसंबर की गई अपील को लेकर लगाई है।जहां मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर की अपील समिति ने निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार की अर्जी को स्वीकार करते हुए फिलहाल जिला अधिवक्ता संघ के निर्वाचित नए अध्यक्ष आनंद टेभरे को अध्यक्ष पद का प्रभार देने पर रोक लगाते हुए आगामी आदेश तक प्रवेश मलेवार के अध्यक्ष बने रहने के आदेश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा यह आदेश 27 दिसंबर को जारी किए गए हैं जिसमें उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव परिणाम पर रोक लगाई है।
एक वोट से चुनाव हारे थे मलेवार
आपको बताएं कि 20 दिसंबर को जिलाअधिवक्ता संघ चुनाव संपन्न कराए गए थे जहां इस चुनाव में 419 मतदाताओं में से 392 मतदाता अधिवक्ताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग कर नई कार्यकारिणी का गठन किया था। जिला अधिवक्ता संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खड़े उम्मीदवार आनंद टेभरे, को 144 मत मिले थे, तो वही निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार को 143 मत प्राप्त हुए थे। इसके अलावा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े तीसरे उम्मीदवार अरविंद राय को 104 मत प्राप्त हुए थे। जबकि एक अधिवक्ता का वोट निरस्त कर दिया गया था। जहां इस चुनाव में प्रवेश मलेवार से एक वोट अधिक हासिल करने पर आनंद टेभरे का नाम जिला अधिवक्ता संघ के 21वें नए अध्यक्ष के रूप में घोषित किया गया था।उधर चुनाव में एक वोट को निरस्त करने, एक अधिवक्ता का नाम मतदाता सूची में होने के बाद भी उसे वोट नहीं देने देने, और बिना सुनवाई किए ही चुनाव परिणाम जारी करने को लेकर निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार ने चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी।जहां जिला स्तर पर उनकी आपत्ति स्वीकार न होने पर श्री मलेवार ने राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर की अपील समिति में 23 दिसंबर को एक अर्जी देकर मामले में सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई थी। जिनकी अर्जि स्वीकार करते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर की अपील समिति ने जिला अधिवक्ता संघ के नए अध्यक्ष आनंद टेभरे को अध्यक्ष पद के प्रभार देने में रोक लगाते हुए , निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार को आगामी आदेश तक जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के आदेश जारी किए हैं ।
जिला स्तर पर दो अपील खारिज,राज्य स्तर पर अपील की हुई सुनवाई
बताया जा रहा है कि जिला अधिवक्ता संघ चुनाव के परिणाम में एक वोट से अध्यक्ष पद का चुनाव हारने के बाद, एक मतदाता अधिवक्ता को वोट देने के अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाते हुए निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार ने मुख्य चुनाव अधिकारी संतोष शुक्ला से इसकी शिकायत की थी। वही अध्यक्ष पद का चुनाव परिणाम घोषित नहीं किए जाने की गुहार लगाई थी ।उक्त मामले में सुनवाई करते हुए जिला अधिवक्ता संघ चुनाव में मुख्य निर्वाचन अधिकारी संतोष शुक्ला ने मलेवार की अर्जी स्वीकार नहीं की और एक वोट से चुनाव जीते आनंद टेभरे को जिला अधिवक्ता संघ का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया था। उधर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अर्जी खारिज होने के बाद निवर्तमान अध्यक्ष मलेवार ने जिला स्तर पर बनी अपील समिति को अपनी अर्जी देकर अध्यक्ष पद के चुनाव परिणाम में रोक लगाने की मांग की थी लेकिन अपील समिति में पदस्थ अधिवक्ता हरीश नगपुरे, संजय गौतम और अधिवक्ता अमन नावानी ने भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी संतोष शुक्ला द्वारा दिए गए आदेश को यथावत रखते हुए उनकी अर्जी अस्वीकार करते हुए अन्य उम्मीदवार से एक वोट अधिक पाने वाले उम्मीदवार आनंद टेभरे को जिला अधिवक्ता संघ का नया अध्यक्ष घोषित कर दिया था। जिसके खिलाफ निवर्तमान अध्यक्ष मलेवार ने मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद में एक अर्जी देकर इस मामले में सुनवाई करने की अपील की थी। जहां उम्मीदवार प्रवेश मलेवार की अर्जी को सुनाने लायक बताते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद ने उनकी अपील स्वीकार कर ली और 27 दिसंबर को उक्त आदेश जारी किए है।जिसमे अध्यक्ष पद के फैसले पर फिलहाल रोक लगाई गई है।
मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने दिए यह आदेश
मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि प्रवेश मलेवार, अधिवक्ता द्वारा जिला अधिवक्ता संघ बालाघाट में संपादित हुये निर्वाचन दिनांक 20 दिसंबर के विरुद्ध परिषद कार्यालय में एक अपील प्राप्त हुई उक्त अपील में म्याद के अंदर होना पाया गया औऱ अपील सुनवाई योग्य पाई जाती है। जहां तक अधिवक्ता संघ द्वारा अपील के साथ स्थगन का आवेदन पत्र पेश किया है। स्थगन के आवेदन पत्र को सुना गया, विचार किया गया। एक वोट से हारना कहा गया, एक वोट विवादित है। अध्यक्ष का ऐसा कहना है कि उस मद से हमारा परिणाम प्रभावित हुआ है। अतः अधिवक्ता संघ की स्थगन की अर्जी स्वीकार की जाती है।अध्यक्ष को प्रभार देने से रोका जाता है अध्यक्ष आगामी दिनांक तक कार्य करेगें।आगामी सुनवाई तक स्थगित किया जाता है।
सिर्फ अध्यक्ष पद को लेकर आए हैं आदेश कार्यकारिणी को लेकर नहीं- हरीश नगपुरे
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला अधिवक्ता संघ अपील समिति सदस्य हरीश नगपुरे ने बताया कि राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में अध्यक्ष पद को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें नए अध्यक्ष को कार्यभार देने में रोक लगाई गई है। वहीं पुराने अध्यक्ष को ही आगामी आदेश तक यथावत रखने को कहा गया है। राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा दिए गए इस आदेश में कार्यकारिणी के बारे में स्थगन के आदेश नहीं दिए गए है। सिर्फ अध्यक्ष पद को लेकर आदेश दिया गया है। जो भी आदेश आया है उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।
आगामी आदेश तक मैं अध्यक्ष बनाया रहुँगा- मलेवार
वही इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान निवर्तमान अध्यक्ष प्रवेश मलेवार ने बताया कि 20 दिसंबर को जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव संपन्न कराया गया था। इस चुनाव में उन्हें एक वोट से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन मतदाता सूची में एक अधिवक्ता का नाम था उसे वोट डालने नहीं दिया गया जिस पर उन्होंने आपत्ति जताई थी। इसको लेकर उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपील की थी जिन्होंने उनकी अपील स्वीकार नहीं की, वहीं उन्होंने अपील समिति को भी अर्जी देकर चुनाव परिणाम में रोक लगाने की गुहार लगाई थी। जिस पर भी उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। जिसके विरुद्ध उन्होंने 23 दिसंबर को राज्य अधिवक्ता परिषद में एक अर्जी दी थी जिसपर सुनवाई करते हुए राज्य अधिवक्ता परिषद ने उक्त आदेश जारी किए हैं। जिसमें नए अध्यक्ष को अध्यक्ष पद का कार्यभार देने को फिलहाल मना किया गया। अब परिषद द्वारा जिले की अपील समिति को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। वे नोटिस का जवाब देंगे उसके बाद मामले में दोनों पक्ष से सुनवाई की जाएगी। उसके बाद अध्यक्ष पद को लेकर परिषद द्वारा नया फैसला दिया जाएगा। जब तक परिषद द्वारा अपना अंतिम फैसला नहीं दिया जाता। तब तक वे ही जिला अधिवक्ता संघ में अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहेंगे।